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आखिर क्‍या है सनम की मौत का सच?

पुणे के एक मशहूर फैशन डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट की एक स्टूडेंट की मौत का ये एक ऐसा अजीबोगरीब मामला है, जिसने मेडिकल साइंस के जानकारों के साथ-साथ धाकड़ पुलिसवालों तक, सभी को हैरत में डाल दिया है.

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सनम की मौत बनी पहेली
सनम की मौत बनी पहेली

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पुणे के एक मशहूर फैशन डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट की एक स्टूडेंट की मौत का ये एक ऐसा अजीबोगरीब मामला है, जिसने मेडिकल साइंस के जानकारों के साथ-साथ धाकड़ पुलिसवालों तक, सभी को हैरत में डाल दिया है.

पुणे के सिंबोयसिस इंस्टीट्यूट से फैशन डिज़ाइनिंग का कोर्स करनेवाली सनम की ये खुशी तब दोहरी हो जाती है, जब उसे जन्मदिन की मुबारकबाद देने उसके माता-पिता खुद मुंबई से चलकर पुणे पहुंचते हैं. पहले घर में एक छोटी सी पार्टी होती है और फिर इसके बाद सनम के दोस्त उसके लिए एक सरप्राइज पार्टी का ऐलान करते हैं.

इस सरप्राइज पार्टी के बारे में घर के लोग भी अनजान हैं, लेकिन बेटी की खुशी और दोस्तों की जिद के आगे हार कर उसके माता-पिता सनम को नाइटआउट की इजाजत दे देते हैं लेकिन उसके बाद सुबह होते-होते जो खबर हसन परिवार को मिलती है, उससे सभी के होश उड़ जाते हैं.

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फोन पर पर सनम के दोस्त उसके घरवालों को खबर देते हैं कि सनम की तबीयत बेहद खराब है और इसलिए उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. अपनी इकलौती लाडली के अचानक यूं बीमार होने की खबर मिलते ही घरवाले सीधे पुणे के रुबी हॉल क्लिनिक में पहुंचते हैं, लेकिन यहां दुनिया की सबसे मनहूस खबर उनका इंतजार कर रही है. ये खबर है, सनम की मौत की.

चंद घंटे पहले तक बिल्कुल हंसती-खेलती, तंदरुस्त और खुशमिजाज सनम के साथ आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि वो इस तरह दुनिया से रुखसत हो गई.

ये लड़की जब अपने दोस्तों की तरफ से दी गई सरप्राइज बर्थ डे पार्टी में शामिल होने गई थी, तो बेहद खुश थी. वो देर रात तक सेलिब्रेट करती रही और इस दौरान कुछ रिश्तेदारों से उसकी बातचीत भी हुई लेकिन सुबह सूरज के उगते-उगते उसकी जिंदगी का सूरज डूब चुका था. उसकी मौत हो चुकी थी.

आखिर सनम के मौत की वजह क्या थी, क्योंकि जो लड़की महज एक रात पहले तक अपने बर्थ डे की खुशी में चहक रही थी. उसके साथ रातों-रात ऐसा क्या हो गया कि अचानक उसकी जान ही चली गई.

ये सवाल हसन परिवार को लगातार परेशान कर रहा था. उन्होंने इसके बारे में सनम के दोस्तों और अस्पताल से भी पूछताछ की लेकिन उन्हें जो भी जवाब मिले, वो उनके गले नहीं उतर रहे थे. सनम के दोस्तों ने उन्हें बताया कि रात को अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे उल्टियां होने लगीं और तब उन्होंने सनम को रुबी हॉल क्लिनिक में लाकर भरती करवा दिया, लेकिन सवाल ये था कि अगर रात को पार्टी के दौरान ही सनम की तबीयत बिगड़ गई थी, तो तब उसके दोस्तों ने इसके बारे में सनम के मां-बाप को इत्तिला क्यों नहीं दी, जबकि हसन परिवार के लोग तब पुणे में ही मौजूद थे.

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सवाल ये भी था कि उसके दोस्तों ने उसे पार्टीवाली जगह से दूर रूबी हॉल क्लिनिक में क्यों भरती करवाया, जबकि पास ही और भी कई दूसरे अस्पताल थे. जाहिर है, सनम के घरवालों इन सवालों का कोई ऐसा जवाब नहीं मिल सका, जिससे उनकी तसल्ली हो पाती, लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ, वो और भी अजीब था. अस्पताल से मिले सनम के मेडिकल रिपोर्ट में बताया गया था कि सनम का मौत जरूरत से ज्‍यादा नशा करने के चलते दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई. मेडिकल रिपोर्ट में सनम के दिल में ब्लॉकेज होने की बात भी कही गई थी. यानी ये रिपोर्ट ईशारा कर रही थी कि सनम को दिल की बीमारी थी, लेकिन सनम के घरवाले इस बात को भी मानने के लिए तैयार नहीं थे क्योंकि अव्वल तो सनम की ऐसी कोई मेडिकल हिस्ट्री नहीं थी और दूसरा ये कि वो एक स्पोर्ट्स गर्ल थी. लिहाजा, उसे दिल की बीमारी होने जैसी बात घरवाले मानने को तैयार नहीं थे.

ये बातें मानों जैसे सवालों की शुरुआत भर थी. घरवालों ने जब अस्पताल के रिकॉर्ड्स को गहराई से देखा, तब उन्हें पता चला कि सनम को अस्पताल में साढ़े नौ बजे भर्ती कराया गया था, लेकिन सनम की इसीजी रिपोर्ट पर दर्ज वक्‍त ये बता रहा था कि सनम की इसीजी सुबह 8 बजकर 52 मिनट पर करवाया गया. यानी अस्पताल में भर्ती करने के 38 मिनट पहले लेकिन ये भला कैसे मुमकिन था. जाहिर है, इस मामले में कुछ तो ऐसा जरूर था, जो इस मामले से जुड़े कुछ लोग छिपाने की कोशिश कर रहे थे.

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उस वक्‍त तो भरे मन से हसन परिवार ने सनम की लाश को दफन कर दिया, लेकिन इसके बाद सामने आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने जैसे पूरे मामले को ही पलट कर रख दिया. या फिर यूं कहें कि इस रिपोर्ट में दर्ज बातें कॉमन सेंस के लिहाज से तो दूर मेडिकल साइंस के नजरिए से सरासर नामुमकिन थी.

सनम की मौत की ये पहेली उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छिपी थी क्योंकि ये पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही थी, जिसने पूरे मामले को बिल्कुल सिर के बल उलट कर दिया था. ये पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही थी, जो ये बता रही थी कि मौत के पहले तक लड़की रही सनम मौत के बाद लड़का बन चुका था. लेकिन ये आखिर कैसे मुमकिन था.

ये एक भली-चंगी लड़की की रहस्यमयी मौत का मामला था. सनम की लाश को रूबी हॉल अस्पताल से पोस्टमार्टम के लिए ससुन अस्पताल में भिजवा दिया गया. यहां डॉक्टरों ने उसका पोस्टमार्टम तो किया, लेकिन विसरा रिपोर्ट आने तक अपनी राय सुरक्षित रख ली. साफ है डॉक्टर ये जानना चाहते होंगे कि आखिर सनम ने उस रात पार्टी में कोई जहरीली चीज तो नहीं खा ली. डॉक्टरों ने उसके जिस्म के कुछ हिस्सों को विसरा जांच के लिए सुरक्षित रख लिया था लेकिन इसके कुछ दिनों बाद जब विसरा रिपोर्ट सामने आई, तो मामले की जांच कर रहे पुलिसवालों के साथ-साथ तमाम लोग सकते में आ गए.

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इस रिपोर्ट में तमाम दूसरी बातों के साथ-साथ एक ऐसी अजीब बात लिखी थी, जो किसी भी सूरत में मुमकिन नहीं था और ना ही मेडिकल साइंस में इससे पहले कभी ऐसी कोई बात सुनी ही गई थी. ये बात थी सनम के सीने में किसी पुरुष यानी मर्द का दिल होने की. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सनम के दिल को पुरुष का दिल ही बताया गया था, लेकिन ये भला कैसे मुमकिन था. एक लड़की के सीने में किसी लड़के का दिल भला कैसे धड़क सकता था और बस, इसी बात ने मौत के इस मामले को सुलझाने की बजाय कुछ ऐसे उलझाया कि धाकड़ पुलिसवाले का दिमाग भी घूम गया.

ये रिपोर्ट बताती थी कि सनम के दिल का 70 फीसदी हिस्सा ब्लॉक पड़ा हुआ था. यानी दिल में खून सही तरीके से नहीं दौड़ रहा था. इतना ही नहीं, रिपोर्ट के मुताबिक उसके सीने में तकरीबन तीन सेंटीमीटर के एक गहरे निशान के अलावा उसे चार इंजेक्शन लगाए जाने की बात भी लिखी थी. जाहिर है कि सनम की विसरा रिपोर्ट ये साबित करती है कि इसे सुरक्षित रखे जाने के दौरान कुछ ऐसा जरूर हुआ जिसकी बदौलत विसरा बदल गया या फिर बदल दिया गया लेकिन अगर यही सच था, तो ऐसा करने के पीछे क्या मकसद है. सवाल उठता है कि क्या सनम की मौत आम मौत नहीं थी. क्या उसकी जान ली गई और किसी ने मामले के उलझाने के लिए विसरा बदल दिया.

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सनम की मौत एक ऐसी पहेली बन कर रह गई है, जिसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है. सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आखिर सनम की लाश का विसरा कैसे बदल गया. क्या ये महज एक इत्तेफाक है या फिर इसके पीछे कोई गहरी साजिश है.

अब इस मामले में सनम के घरवालों को यकीन हो चला था कि सनम की मौत महज कोई हादसा नहीं है, बल्कि उसका कत्‍ल किया गया है और अब बदलते हालात में सनम के घरवालों का शक पुलिस से लेकर उसके दोस्तों और यहां तक अस्पताल के लोगों पर भी होने लगा था.

दरअसल, बर्थ-डे पार्टी के दौरान रात को करीब दो बजकर बीस मिनट पर उसके मामा ने उसे फोन कर जन्‍मदिन की बधाई दी थी. जाहिर है, तब तक सनम बिल्कुल सलामत थी लेकिन सुबह जब चार बजे सनम की मौसी ने उसे बर्थ डे विश का मैसेज भेजा, तो उसने कोई जवाब नहीं दिया. यानी तब तक उसकी तबीयत बिगड़ चुकी थी. ऐसे में सवाल ये था कि फिर तभी उसके दोस्तों ने ये बात उसके घरवालों को क्यों नहीं बताई. कहीं उसके दोस्तों में कोई ऐसा तो नहीं था, जिसने सनम के खिलाफ साजिश रची और अगर रची भी तो इस तरह एक लड़की की जान लेने का मकसद क्या हो सकता था.

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सनम का विसरा तो खैर बदला ही जा चुका था. लेकिन मामले को क्रॉसचेक करने के लिए लिहाज से इसकी जांच कर रही सीआईडी ने इसकी डीएनए जांच करवाने का फैसला किया और इस कोशिश में भी वही बात सामने आई, जो पहले ही साफ हो चुकी थी. विसरा का डीएनए हसन दंपत्ति से मैच नहीं कर रहा था. यानी विसरा सनम का था ही नहीं. ठीक इसी तरह सनम के जिस्म के दूसरे नमूनों के साथ भी विसरे का कोई मेल नहीं था और ये एक गहरी साजिश  की तरफ इशारा कर रहा था.

घरवालों का तो यहां तक कहना है कि सनम के दोस्तों में से एक का पिता ससुन अस्पताल में ही काम करता है, कहीं ऐसा तो नहीं कि उसी ने अपने बेटे को बचाने के इरादे से सनम का विसरा बदल दिया हो. सनम के घरवालों पुणे पुलिस की काहिली से भी खासे नाराज हैं. बहरहाल, इन तमाम सवालों के बीच अब नौ महीने बीतने के बावजूद इस लड़की की मौत एक अजीब पहेली बन कर रह गई है.

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