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अफगानिस्तानः तालिबान की कथनी और करनी में बड़ा फर्क, अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहे तालिबानी लड़ाके

18 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट की खौफनाक तस्वीरें सामने आई थीं. जब लोग जान बचाने के लिए किसी भी हाल में एयरपोर्ट में दाखिल होना चाहते थे. किसी भी हाल में विमान में सवार होकर तालिबान के चंगुल से निकल जाना चाहते थे. तब तालिबान अंधाधुंध गोलियां चला रहा था.

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तालिबान के लड़ाके अभी भी लोगों में दहशत फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं
तालिबान के लड़ाके अभी भी लोगों में दहशत फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सरकारी टीवी चैनल से हटाई गईं महिला एंकर्स
  • ब्यूटी पार्लर भी किए गए बंद, कालिख पोती
  • तालिबानी लड़ाकों ने कई जगहों पर की फायरिंग

क्या तालिबान की बोली और करनी अलग-अलग है. तालिबान ने कहा है कि इस बार वो बदलाव लाएगा. महिलाओं को आजादी देगा. लेकिन अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने एक सरकारी न्यूज चैनल की एंकर को सिर्फ इसलिए हटा दिया, क्योंकि वो महिला थी. सिर्फ इतना ही नहीं, तालिबान ने सलीमा मज़ारी को भी गिरफ्तार कर लिया, जो लंबे वक्त से तालिबान से लड़ाई लड़ रही थीं.

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बीती 18 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट की खौफनाक तस्वीरें सामने आई थीं. जब लोग जान बचाने के लिए किसी भी हाल में एयरपोर्ट में दाखिल होना चाहते थे. किसी भी हाल में विमान में सवार होकर तालिबान के चंगुल से निकल जाना चाहते थे. तब तालिबान अंधाधुंध गोलियां चला रहा था. गोली बारी से बचने के लिए महिलाएं चीख रही थीं. बच्चे बदहवास थे. मर्द जान बचाने के लिए भाग रहे थे. लेकिन जाहिलियत से भरे तालिबान को तरस नहीं आया. तालिबानी लड़ाकों की बंदूकें लोहा उगलती रहीं.

क्योंकि लोगों की भीड़ को हटाने का यही तालिबानी तरीका है. वो बंदूकों की तड़तड़ाहट से सिर्फ दहशत पैदा करना जानता है. हां, तालिबानियों ने इतना रहम ज़रूर किया कि हवा में गोलियां चलाईं नहीं तो काबुल एयरपोर्ट लाशों से पट जाता. दिन हो या रात काबुल एयरपोर्ट पर संग्राम छिड़ा है. लोग एयरपोर्ट के भीतर दाखिल होने के लिए इस कदर परेशान हैं कि अपने बच्चों को तालिबानियों के आगे कर रहे हैं.

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दरअसल, एयरपोर्ट पर तो अमेरिकी सैनिकों का कब्जा है लेकिन उसके बाहर तालिबान राज है. अंदर पहुंचने पर अमेरिकी और ब्रिटिश फौजी विमान से अफगानियों को देश से बाहर निकल जाने का मौका नजर आता है, लिहाजा वो एयरपोर्ट में दाखिल होने के लिए बेकरार और बेचैन हैं. अब तक लगभग 5 हजार राजनयिक, सुरक्षाकर्मी और उनकी मदद करने वाले अफगानी काबुल एयरपोर्ट से देश के बाहर जा चुके हैं. 

मगर जो देश में मौजूद हैं वो तालिबानियों की गोलीबारी के खिलाफ आवाज उठाने से नहीं हिचक रहे. अफगानिस्तान के खोश्त से ऐसी ही तस्वीरें सामने आई हैं, जहां अफगानी झंडा लगाने पर तालिबानी और आम लोग आमने-सामने आ गए. ताकत के गुरूर में तालिबानियों ने फायरिंग शुरू कर दी. वहां भगदड़ मच गई. ऊपर अफगानिस्तान का झंडा लहरा रहा था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबानी उस झंडे को वहां से हटाना चाहते थे और उसी का विरोध खोश्त प्रांत के जांबाज लोग कर रहे थे.

वैसे तालिबान यहां नहीं रुका. उसने तालिबान के सरकारी टीवी चैनल से महिला एंकर्स को हटा दिया है. ब्यूटी पार्लर्स समेत तमाम जगहों पर कालिख पोतनी शुरू कर दी है. चारकिंट की गवर्नर सलीमा मज़ारी को पकड़ लिया है और लगातार लोगों पर जुल्म ढा रहा है. ये और बात है कि वो दूसरी ओर आम माफी से लेकर लोगों को उनके अधिकार देने का दिखावा भी कर रहा है.

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उधर, तालिबान के जुल्म को जवाब देने के लिए पंजशीर में नॉर्दन एलायंस ने झंडा बुलंद कर दिया है. एलायंस ने तालिबानियों से जंग जारी रखने का एलान किया है. पंजशीर में ही पूर्व उप राष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह ने शरण ले रखी है. दरअसल, तालिबान अफगानिस्तान पर तो कब्जा जमा चुका है मगर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. काबुल एयरपोर्ट पर उसके लड़ाके लोगों पर बेवजह चाबुक चला रहे हैं. ऐसी हरकतों की वजह से ही तालिबान का विरोध बढ़ रहा है. ऐसी हरकतों की वजह से ही तालिबान के लिए अफगानिस्तान पर राज करना आसान नहीं होगा. 

(काबुल से नवीद सुल्तानी का इनपुट)

 

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