आसमान में उड़ते किसी हवाई जहाज पर एकाएक ऊपर से कोई रोशनी जैसी चीज आकर गिरे और हवाई जहाज के टुकड़े-टुकड़े हो जाएं, क्या ये संभव है? इस थ्योरी पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल है. लेकिन भू मध्य सागर के ऊपर हादसे का शिकार बने इजिप्ट एयरलाइंस के प्लेन को लेकर कुछ ऐसी ही कहानी सामने आई है. बस, यूं समझ लीजिए कि इस हवाई जहाज को दूसरी दुनिया से आई किसी शय ने गिराया है.
अचानक प्लेन क्रैश हुआ
दरअसल 19 मई की रात 3 बजकर 49 मिनट पर मिस्र की हवाई सीमा पर इजिप्ट एयरलाइंस का पैसेंजर प्लेन एयरबस-320 पेरिस से मिस्र की राजधानी काहिरा के लिए उड़ान पर था. हवाई जहाज में 2 पायलट और 5 क्रू मेंबर समेत कुल 66 मुसाफिर सवार थे. काहिरा एयरपोर्ट तक की दूरी अब बस बीस मिनट में पूरी होनी थी. रात मौसम भी ठीक था. 37 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे हवाई जहाज के सारे कल-पुर्जे भी सही सलामत और पालयट लगातार एयर ट्रैफिक कंट्रोल के संपर्क में भी था. लैंडिंग की तैयारियां भी शुरू हो चुकी थीं.
रहस्यमयी रोशनी से टकराने की खबर
लेकिन तभी अचानक हवाई जहाज का संपर्क काहिरा एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल से टूट जाता है और प्लेन रडार से गायब हो जाता है. इसके बाद इसका कोई सुराग नहीं मिलता. आखिर अचानक कहां गायब हो गया प्लेन? जो आज तक नहीं हुआ था, मिस्र के आसमान पर वही हो गया. आधी रात को उतरे एक रहस्यमयी रोशनी के गोले ने तबाही मचा दी. टनों वजनी उल्कापिंड ने पूरा हवाई जहाज ही गायब कर दिया.
भूमध्य सागर से प्लेन का मलबा बरामद
19 मई की रात फ्रांस के चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद हवा में गायब हो जाने वाले इजिप्ट एयरलाइंस के प्लेन को लेकर अब जो नई थ्योरी सामने आई है, वो कुछ ऐसी ही है. इस थ्योरी ने आम लोग तो क्या दुनिया के बड़े से बड़े एविएशन एक्सपर्ट्स का दिमाग भी घुमा दिया है. कई दिनों से जारी तलाशी अभियान के बाद अब मिस्र के करीब भूमध्य सागर से इस प्लेन का मलबा बरामद होने लगा है और मलबे की बरामदगी के साथ ही 'व्हाट डज इट मिन डॉट कॉम' नाम के एक वेबसाइट ने ये दावा किया है कि प्लेन उल्कापिंड की चपेट में आने से क्रैश हो गया.
प्लेन पर उल्कापिंड गिरने का दावा
वेबसाइट के मुताबिक 18 से 20 मई के दरम्यान आसमान से एक विशालकाय उल्कापिंड के जमीन पर आ गिरने की चेतावनी पहले ही जारी की जा चुकी थी और वैज्ञानिकों ने जिन इलाकों में इसके टुकड़ों के गिरने का डर जताया था, इत्तेफाक से ये हवाई जहाज भी उसी इलाके में हादसे का शिकार हुआ है. रूस के रक्षा मंत्रालय के वैज्ञानिकों ने पहले ही आगाह किया था कि 17 मई को एक विशालकाय उल्कापिंड टूट कर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर सकता है और इसके टुकड़े 18 से 20 मई तक धरती पर अलग-अलग जगहों पर गिर सकते हैं.
उल्कापिंड को लेकर वैज्ञानिकों का दावा
वैज्ञानिकों ने कहा था कि इस उल्कापिंड का वजन करीब 10 हजार टन से भी ज्यादा हो सकता है और ये पृथ्वी के वायु मंडल में 67 हजार मील प्रति घंटे की रफ्तार से दाखिल होगा. इस दावे के बाद दुनिया के कई अलग-अलग हिस्सों से लोगों ने कई उल्कापिंडों को गिरते हुए देखने का दावा भी किया और तो और उल्कापिंडों की पड़ताल करने वाली अमेरिकन मेट्योर सोसायटी को इस चेतावनी के बाद 700 से ज्यादा उल्कापिंडों के गिरने की रिपोर्ट मिली.
ब्लैक बॉक्स की खोज जारी
सबसे अहम बात ये है कि वैज्ञानिकों ने दुनिया के जिस हिस्से को इन उल्कापिंडों से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने की बात कही थी, इत्तेफाक से ये वही इलाका था, जहां मिस्र का ये हवाई जहाज गायब हुआ. इस नई थ्योरी के सामने आने के बाद अब प्लेन के ब्लैक बॉक्स का मिलना बेहद अहम हो गया है, क्योंकि ब्लैक बॉक्स में सारी चीजें रिकॉर्ड हो जाती है.