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ऐसे आतंकियों ने दिया 'ऑपरेशन कराची एयरपोर्ट' को अंजाम

दस आतंकवादी दो अलग-अलग रास्तों से रविवार देर रात कराची के जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट में दाखिल होते हैं. सभी ऑटोमैटिक हथियारों, बम और रॉकेट लॉन्चर से लैस थे.

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ऑपरेशन कराची एयरपोर्ट
ऑपरेशन कराची एयरपोर्ट

दस आतंकवादी दो अलग-अलग रास्तों से रविवार देर रात कराची के जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट में दाखिल होते हैं. सभी ऑटोमैटिक हथियारों, बम और रॉकेट लॉन्चर से लैस थे. इनका इरादा एयरपोर्ट पर खड़े तमाम विमान को तबाह करना और फिर किसी एक विमान को हाईजैक करने का था. इसके बाद अगले साढ़े पांच घंटे तक एयरपोर्ट के अंदर जो कुछ हुआ वो पाकिस्तान में इससे पहले कभी नहीं हुआ.

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पांच-पांच करके 2 बार में घुसे थे आतंकी...
पाकिस्तान का सबसे बड़ा और व्यस्त जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट. ये एयरपोर्ट दो हिस्सों में बंटा हुआ है. एक ओल्ड टर्मिनल है जो सिर्फ वीवीआईपी मुसाफिरों के लिए है और दूसरा इंटरनेशनल टर्मिनल जो आम मुसाफिरों के लिए है. देर रात का वक्त था. एयरपोर्ट पर कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें उड़ान भरने को तैयार थीं. तभी ठीक 11:30 बजे पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस यानी पीआईए के हेडक्वार्टर के करीब से पांच आतंकवादी ओल्ड टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर दाखिल होते हैं. पांचों पाकिस्तानी एयरपोर्ट की सुरक्षा के जिम्मेदार एएसएफ यानी एयरपोर्ट सिक्योरिटी फोर्स की वर्दी में थे.

एएसएफ की वर्दी में थे सभी आतंकी...
इन पांचों के दाखिल होने के कुछ ही सेकेंड के अंदर पांच और आतंकवादी उसके बराबर वाले दूसरे गेट से ओल्ड टर्मिनल में घुस जाते हैं. ये पांचों आतंकवादी भी एयरपोर्ट सिक्योरिटी फोर्स की वर्दी में थे. दसों आतंकवादियों ने वर्दी के साथ-साथ आई-कार्ड भी गले में लटका रखा था. लिहाजा उन्हें एयरपोर्ट के अंदर दाखिल होने में ज्यादा मुश्किल नहीं हुई.

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अचानक ही शुरू कर दी थी फायरिंग
मगर एक बार जैसे ही वो एयरपोर्ट के अंदर दाखिल होते हैं अचानक फायरिंग शुरू कर देते हैं. दसों आतंकवादियों के कंधे पर बैग था और बैग में था बम, हथगोला, पेट्रोल बम, रॉकेट लॉन्चर. जबकि हाथों में उन्होंने आरपीजी और एसएमजी जैसे आधुनिक हथियार थाम रखे थे. गोलीबारी शुरू होते ही एएसएफ के जवान भी फौरन हरकत मे आ जाते हैं. वो उन्हें रोकने की कोशिश करते हैं. मगर आतंकवादी पूरी तैयारी से आए थे. उन्हें पता था उन्हें किधर जाना है. लिहाजा अंदर घुसते ही दसों आतंकवादी अलग-अलग गुटों में इधर-उधर फैल जाते हैं.

आतंकियों ने हैंगर में फेंका पेट्रोल बम...
ओल्ड टर्मिनल में घुसते ही सबसे पहले हैंगर आता है. जहां विमान में ईंधन भरा जाता है. उस वक्त हैंगर में कुल आठ विमान खड़े थे. जिनमें से एक में ईंधन भरा जा रहा था. हैंगर से मेन रनवे करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर था. आतंकवादियों का एक गुट सीधे हैंगर में घुसता है और गोलियां चलाते हुए हैंगर में खड़े एक विमान के पास पेट्रोल बम फेंकता है. पेट्रोल बम से विमान के करीब हैंगर की बिल्डिंग में आग लग जाती है. और देखते ही देखते शोलों के बीच धुएं का गुबार उठने लगता है.

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दूर से देखने पर पहली नजर में ऐसा लगता है मानो विमान में आग लग गई हो. एययरपोर्ट के सुरक्षाकर्मी इसे देखते ही हैंगर की तरफ भागते हैं. ताकि हैंगर में खड़े आठ विमानों को बचाया जा सके. मगर हैंगर में छुपे आतंकवादी उनपर अंधाधुंध फायरिंग कर उन्हें पीछे लौटने पर मजबूर कर देते हैं.

सुरक्षा कर्मियों ने रनवे को लिया कब्जे में...
हमले के वक्त जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मेन रनवे पर कुछ उड़ानें उड़ान भरने को तैयार थीं तो कई लैंड करने को. डर इस बात का था कि कहीं आतंकवादी उन विमानों तक ना पहुंच जाएं और विमान हाईजैक न कर लें. लिहाजा उन विमानों को फौरन रनवे से हटा कर सुरक्षा कर्मियों ने अपने कब्जे में ले लिया. जबकि कराची एयरपोर्ट पर लैंड करने जा रहे बाकी विमानों को फौरन ऊंचाई पर जाकर अपना रुख मोड़ने की हिदायत दी गई. ताकि आतंकवादी कम ऊंचाई पर उड़ान भरने के दौरान कहीं विमान को रॉकेट लॉन्चर से अपना निशाना ना बना लें.

नवाज शरीफ ने दिया पाक सेना को मोर्चा संभालने का हुक्म...
अंधाधुंध गोलीबारी और धमाकों के बीच अब ये साफ हो गया था कि ये एक फिदाईन हमला है. एयरपोर्ट के अंदर सैकड़ों मुसाफिर भी थे. सभी की जान खतरे में थी और सबसे बड़ा खतरा ये था कि कहीं आतंकवादियों ने किसी विमान को हाईजैक कर लिया तो क्या होगा? लिहाजा मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के हुक्म पर फौरन पाक सेना को एयरपोर्ट पहुंचने को कहा गया. अब तक करीब घंटा भर बीत चुका था. एयरपोर्ट के अंदर से लगातार गोलीबारी और धमाकों की आवाज आ रही थी. अब पाक सेना एयरपोर्ट के अंदर दाखिल होती है.

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आतंकवादियों ने मचाई तबाही...
कराची के जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अंदर कई जगह अंधेरा था और कई जगह अंधेरा कर दिया गया था. आतंकवादी कहां छुपे हैं ये किसी को नहीं पता था. बस जिधर से गोलियां चलतीं या धमाके होते उसी से अंदाजा लगता कि वो किस तरफ हैं. लेकिन जिस तरह और जिस डायरेक्शन में आतंकवादी गोलियां चला रहे थे उससे इतना साफ हो गया था कि उनका इरादा एयरपोर्ट के अंदर मेन रनवे के करीब पहुंचने का था. जहां कई विमान उड़ान भरने को तैयार खड़े थे.

एयरपोर्ट के बाहर कराची पुलिस ने मोर्चा संभाल रखा था तो एयरपोर्ट के अंदर पाक सेना और रेंजर्स ने. पाक सेना के सामने पहली चुनौती थी ये पता लगाना कि आतंकवादी कितने ग्रुप में कहां-कहां छुपे हैं और दूसरी चुनौती थी उन आतंकवादियों को मेन रनवे से दूर रखना. जहां कई विमान उड़ान भरने को तैयार खड़े थे.

सेना ने खाली कराया एयरपोर्ट
सेना ने सबसे पहले एयरपोर्ट को मुसाफिरों से खाली कराया. फिर भी बहुत से एयरपोर्ट कर्मचारी और एएसएफ के जवान अंदर फंसे थे. इसके बाद पाक सेना के ऑपरेशन के तहत सबसे पहले आतंकवादियों को घेर कर एयरपोर्ट के मेनटेनेंस एरिया तक सीमित किया गया. हालांकि इस दौरान सेना की एक गाड़ी को करीब आता देख एक आतंकवादी ने खुद को उड़ा लिया.

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साढ़े पांच घंटे तक चला ऑपरेशन
इसके बाद अगले करीब साढ़े पांच घंटे तक ऑपरेशन जारी रहा. पूरी रात एयरपोर्ट के अंदर से रह-रह कर गोलीबारी और धमाकों की आवाज आती रही और फिर आखिरकार सुबह होते-होते दसों आतंकवादी ढेर हो गए. इनमें से तीन ने खुद को बम से उड़ा लिया था. ऑपरेशन खत्म होने के बाद जब तलाशी ली गई तो अंदर से दस आतंकवादियों के अलावा दस और लाशें मिलीं. ये लाशें एएसएफ के जवान, पीआईए के कर्मचारी और कुछ मुसाफिरों की थी. जबकि 26 लोग गोली और बम धमाके की वजह से जख्मी पड़े थे. इन सभी को फौरन जिन्ना अस्पताल ले जाया गया.

विमान हाईजैक करना था आतंकियों का मकसद
बाद में तफ्तीश के दौरान तीन जैकेट मिले जो आतंकवादियों ने खुद को उड़ाने के लिए पहने हुए थे. इसके अलावा भारी मात्रा में गोली, बम और रॉकेट लॉन्चर भी मिले. सभी आतंकवादियों के बैग से पानी के बोतल और ड्राई फ्रूट भी मिले. पाक सेना ने बाद में खुलासा किया कि आतंकवादियों का इरादा एयरपोर्ट पर खड़े तमाम विमान को तबाह करना और किसी एक विमान को हाईजैक करने का था.

विदेशी थे सभी आतंकवादी
पाक सेना के मुताबिक मारे गए दसों आतंकवादी विदेशी थे. ये सभी उजबेकिस्तान, चेचन और अफगानी नागरिक थे. ऑपरेशन खत्म होने के बाद सोमवार सुबह पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ने एक बयान जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ले ली है. उसका कहना है कि ये हमला तालिबान के खिलाफ पाक सेना की कार्रवाई के बदले में किया गया है. इस हमले के बाद ना सिर्फ पाकिस्तानी के बाकी एयरपोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है बल्कि हमले के मद्देनजर भारत में भी सभी अहम एयरपोर्ट को अलर्ट रहने को कहा गया है. दूसरी तरफ पाक सेना से क्लियरेंस मिलने के बाद कराची का जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट करीब 18 घंटे बाद दोपहर दो बजे से मुसाफिरों के लिए फिर से खोल दिया गया है.

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3 साल पहले भी हुआ था ऐसा हमला...
तीन साल पहले भी तहरीक-ए-तालिबान ने ही कराची में पाक नौसेना के एयरबेस पर धावा बोल कर खलबली मचा दी थी. उस दिन भी रविवार था और हमला रात को ही किया गया था. आतंकवादियों ने तब हमले के दौरान पाक नौसेना के तीन जहाजों को पूरी तरह से तबाह कर दिया था. इस हमले में पाक सेना के 18 जवान मारे गए थे.

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