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क्या 'बेआबरू' होगा सबसे ताकतवर राष्ट्रपति, ट्रंप पर चल सकता है महाभियोग!

अमेरिकी सियासत के पिछले 200 सालों के इतिहास में जो नहीं हुआ. उससे दो चार हो रही है अमेरिकी सियासत. संसद के बाहर हिंसा और प्रदर्शन. जाते जाते राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका के दामन में वो बदनुमा दाग लगा चुके हैं, जिसने अमेरिकी सियासत को बदसूरत बना दिया.

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डोनाल्ड ट्रंप पर अपने समर्थकों को भड़काने का आरोप है
डोनाल्ड ट्रंप पर अपने समर्थकों को भड़काने का आरोप है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जो 200 साल में नहीं हुआ क्या वो अब होगा
  • अपना कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाएंगे ट्रंप
  • क्या होगा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का

अमेरिका के कैपिटल हिल में हुए हिंसा का जिम्मेदार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ठहराया जा रहा है. मुमकिन है कि ट्रंप पर आपराधिक मामले के तहत कार्रवाई भी की जाये लेकिन क्या आप जानते हैं कि यूएस के संविधान में इससे बचने का भी उपाय है? जी हां, ट्रंप अपनी विशेष पावर का इस्तेमाल करके खुद को ही माफी दे सकते हैं. लेकिन ये इतना भी आसान नजर नहीं आता है.

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अमेरिकी सियासत के पिछले 200 सालों के इतिहास में जो नहीं हुआ. उससे दो चार हो रही है अमेरिकी सियासत. संसद के बाहर हिंसा और प्रदर्शन. राष्ट्रपति का जनता को भड़काने वाला बयान और अब किसी मौजूदा राष्ट्रपति के महाभियोग की नौबत. जाते जाते राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका के दामन में वो बदनुमा दाग लगा चुके हैं. जिसने अमेरिकी सियासत को बदसूरत बना दिया. अब जब ट्रंप को बेआबरू होकर निकाले जाने का डर सताया तो माफी मांगकर उन्होंने एक और रिकॉर्ड बना डाला. यानी वो खुद ही माफी मांगेंगे और खुद ही खुद को माफ भी कर देंगे. 

पहले अमेरिकी संसद के बाहर हिंसा और प्रदर्शन हुआ. फिर ट्रंप ने निंदा की. और आखिर में उन्हें माफी मांगनी पड़ी. ये सिलसला आपको बहुत सामान्य लग रहा होगा. मगर इसकी क्रोनोलॉजी को समझेंगे तो सारा खेल समझ आएगा. बुधवार को जब अमेरिकी संसद के बाहर हिंसा हुई तो लगा कि अमेरिकी सियासत का नया इतिहास लिखा जाने वाला है. वो इतिहास जो 200 साल में पहले कभी नहीं हुआ. मगर जैसे ही प्रदर्शनकारियों पर नकेल कसी गई और प्रदर्शन को नाकाम कर दिया गया. 

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अमेरिकी राष्ट्रपति सामने आ गए. बतौर राष्ट्रपति उन्हें इसकी निंदा करनी थी. जो उन्होंने की. जबकि हकीकत ये थी कि प्रदर्शन करने वाले और कोई नहीं बल्कि उन्हीं के समर्थक थे और उन्हीं ने उन्हें भड़काया था. संसद में इन हरकतों के बाद महाभियोग की चर्चा शुरू हुई तो ट्रंप लाइन पर आ गए. संसद के अंदर और बाहर ट्रंप के भड़काऊ बयान के लिए उन्हें सज़ा देने की मांग उठी तो ट्रंप ने माफी के लिए हाथ जोड़ दिए. और व्हाइट हाउस ना छोड़ने की बात करने वाले ट्रंप शांति के साथ जो बाइडेन को सत्ता सौंपने पर राजी हो गए. 

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जी हां, चुनावी शिकस्त के बाद ये पहला मौका पर है जब ट्रंप इसे चुनौती देने की जगह सत्ता सौंपने पर राजी हुए हैं. अमेरिकी तारीख के मुताबिक गुरुवार एक वीडियो संदेश जारी कर ट्रंप ने ख्वाहिश जाहिर की लेकिन लगे हाथों बाइडेन के चुनाव पर उंगली उठाना नहीं भूले. ट्रंप के बदले तेवर से लोग हैरान हैं. लेकिन ट्रंप के मन में क्या चल रहा है. उनका अगला दांव क्या हो सकता है. इसके बारे में अगर आप सुनेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे. 

मन में सवाल उठेगा कि क्या ऐसा भी हो सकता है. दरअसल, कैपिटल हिल में बुधवार को जो हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ उसे देखते हुए ट्रंप पर ना सिर्फ महाभियोग की तलवार लटकी है बल्कि इस हिंसक विरोध प्रदर्शन को लेकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का खतरा भी पैदा हुआ है. कानूनी कार्रवाई के बढ़ते दबाव को देखते हुए ट्रंप माफ करने का दांव चलने वाले हैं. ऐसे में सवाल ये है कि अब ट्रम्प का क्या होगा? क्या व्हाइट हाउस के बाद उनका नया ठिकाना जेल होगा?

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जानकारों का मानना है कि ट्रंप ने माफी मांगने का दांव चला ही इसलिए है क्योंकि बतौर राष्ट्रपति उन्हें खुद को माफी देने का भी अधिकार है. जी हां, ये बेहद दिलचस्प है. मगर इस पूरे घटनाक्रम को समझिए. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अपने सलाहकारों से चर्चा की. व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले ट्रंप खुद को माफी देना चाहते हैं. ये साफ नहीं है कि ये चर्चा कैपिटल हिल में मचे बवाल के बाद हुई या पहले. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक ये पता चला है कि कैपिटल हिल में बवाल के बाद व्हाइट हाउस के कानूनी सलाहकार पैट सिपोलोन ने ट्रंप से कहा कि दंगा भड़काने को लेकर उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

ट्रंप का ये दांव आपको हैरान कर सकता है लेकिन ये बात पहली बार सामने नहीं आई है. ट्रंप काफी पहले से इसकी बात करते रहे हैं. करीब दो साल पहले 2018 में उन्होंने ट्वीट कर अपने इस अधिकार के बारे में बताया था. अगर सच में उनके पास ऐसा अधिकार है तो इतिहास में अब तक किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस अधिकार का उपयोग नहीं किया. अमेरिका के कानूनी जानकार भी कानून की किताब में ऐसे किसी अधिकार को तलाशने में जुट गए हैं. 

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वैसे भी ये सवाल लाजिमी है कि क्या कोई इंसान खुद को माफ कर सकता है? और सबसे बड़ी बात ये कि क्या ट्रंप मानते हैं कि उन्होंने कोई बड़ी गलती है जिसका कानूनी तौर पर उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
 

 

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