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आज भी लोगों को खौफज़दा कर देता है 9/11 का वो मंजर, मार गए थे 3000 लोग

11 सितम्बर 2001 का दिन संयुक्त राज्य अमेरिका के इतिहास का वो काला पन्ना बन गया, जिसे वो कभी मिटा नहीं सकेंगे. उस दिन यूएसए पर आतंकी संगठन अल-क़ायदा ने जो हमला किया था, वह आत्मघाती हमलों की श्रृंखला थी.

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9/11 के हमले में करीब तीन हजार लोग मारे गए थे
9/11 के हमले में करीब तीन हजार लोग मारे गए थे
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हुआ था हमला
  • तबाही देखकर खौफजदा हो गई थी दुनिया
  • हमले में मारे गए थे 3000 लोग

आज से ठीक 19 साल पहले यानी 11 सितंबर 2001 को आतंकवादियों ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को दहला कर रख दिया था. वहां ऐसा हमला किया गया था, जो कभी किसी ने सोचा तक नहीं होगा. उस हमले ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था. उस आसमानी आफत ने वहां ऐसी तबाही मचाई थी कि उस मंजर को देखने वाले कभी भूल नहीं सकते. आतंकियों ने हवाई जहाज को मिसाइल के रूप में इस्तेमाल किया था. उस हमले में करीब 3 हजार लोग मारे गए थे.

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दरअसल, 11 सितम्बर 2001 का दिन संयुक्त राज्य अमेरिका के इतिहास का वो काला पन्ना बन गया, जिसे वो कभी मिटा नहीं सकेंगे. उस दिन यूएसए पर आतंकी संगठन अल-क़ायदा ने जो हमला किया था, वह आत्मघाती हमलों की श्रृंखला थी. उस दिन सवेरे, 19 अल कायदा आतंकवादियों ने चार यात्री विमानों का अपहरण किया था.

अपहरणकर्ताओं ने जानबूझकर उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, न्यूयॉर्क शहर के ट्विन टावर्स के साथ टकरा दिया, जिससे विमानों पर सवार सभी लोग तथा भवनों के अंदर काम करने वाले अन्य अनेक लोग भी मारे गए थे. दोनों बड़ी इमारतें 2 घंटे के अंदर ढह गई थीं, यहां तक कि उनके पास वाली इमारतें भी तबाह हो गईं थी और दूसरी इमारतों को भारी नुकसान हुआ था. अपहरणकर्ताओं ने तीसरे विमान को वाशिंगटन डी.सी. के बाहर आर्लिंगटन, वर्जीनिया में पेंटागन से टकरा दिया था.

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इन हमलों में लगभग 3,000 शिकार तथा 19 अपहरणकर्ता मारे गए. न्यूयॉर्क राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जून, 2009 तक अग्निशामकों एवं पुलिस कर्मियों सहित, 836 आपातसेवक मारे जा चुके हैं. वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर पर हुए हमले में मारे गए 2,752 पीड़ितों में से न्यूयॉर्क शहर तथा पोर्ट अथॉरिटी के 343 अग्निशामक और 60 पुलिस अधिकारी थे. पेंटागन पर हुए हमले में 184 लोग मारे गए थे. हताहतों में 70 देशों के नागरिकों की संख्या थी.

यह हमला कितना बड़ा था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस हमले में लगी आग को बुझाने में लगभग 100 दिन का समय लगा था. इस हमले में ट्विन टावर में 90 से ज्यादा देशों के नागरिक मारे गए थे.

जिस ट्विन टावर को आतंकियों ने निशाना बनाया था. वे 4 अप्रैल 1973 को बनकर तैयार हुए थे, जिसकी 7 इमारते थीं. इसको बनाने में 400 मिलियन डॉलर खर्च हुए थे. ट्विन टावर में लगभग 50 हजार कर्मचारी काम करते थे. यह इमारत कितनी विशाल थी. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां 239 लिफ्ट थीं.

11 सितंबर को अलकायदा आतंकवादियों के एक ग्रुप ने स्थानीय समय के मुताबिक नौ बजे वर्जीनिया से लॉस एंजेल्स जा रहे अमेरिकी उड़ान संख्या 77 के विमान को पेंटागन की इमारत से टकरा दिया था. अमरीकी अधिकारियों के मुताबिक विमान पेंटागन के पहले और दूसरी मंजिल के बीच गिरा, जिसमें 184 लोग मारे गए थे.

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इस दिन अमेरिका से तीन विमान हाईजैक हुए थे. हाईजैकर्स ने एक विमान को पेंटागन की इमारत से टकरा दिया था, वहीं दूसरे विमान को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इमारत से टकरा दिया था. हाईजैक हुआ तीसरा विमान एक खाली जगह पर कैश हो गया था.

इसके बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने 11 सितंबर 2001 को पेंटागन पर हुए हमले के बाद की कुछ अनदेखी तस्वीरें जारी की थीं. उन तस्वीरों के माध्यम उस घटना में हुई तबाही को महसूस किया जा सकता था. तस्वीरों से समझा जा सकता है कि किस तरह से अलग-अलग अमेरिकी एजेंसियों ने इस हमले के बाद बचाव कार्य को अंजाम दिया था.

 

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