scorecardresearch
 

किम दोहरा सकता है इतिहास, पर्ल हार्बर पर परमाणु हमले का खतरा

अमेरिका के सबसे बड़े नौसैनिक अड्डे पर्ल हार्बर पर इन दिनों सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है. वो ख़तरा है पर्ल हार्बर पर परमाणु हमले का. ये खतरा किसी और से नहीं बल्कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की वजह से पैदा हुआ है. दरअसल किम जोंग उन अमेरिका के इस सबसे अहम फौजी बंदरगाह को किसी भी कीमत पर तबाह कर देना चाहता है. इसके लिए वो पर्ल हार्बर और हवाई द्वीप समूह पर परमाणु हमले की साजिश रच रहा है.

Advertisement
X
किम के इरादे भांपकर ही अमेरिका ने समंदर में अपने जंगी जहाज उतारे हैं
किम के इरादे भांपकर ही अमेरिका ने समंदर में अपने जंगी जहाज उतारे हैं

Advertisement

अमेरिका के सबसे बड़े नौसैनिक अड्डे पर्ल हार्बर पर इन दिनों सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है. वो खतरा है पर्ल हार्बर पर परमाणु हमले का. ये खतरा किसी और से नहीं बल्कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की वजह से पैदा हुआ है. दरअसल किम जोंग उन अमेरिका के इस सबसे अहम फौजी बंदरगाह को किसी भी कीमत पर तबाह कर देना चाहता है. इसके लिए वो पर्ल हार्बर और हवाई द्वीप समूह पर परमाणु हमले की साजिश रच रहा है.

पर्ल हार्बर पर हमले की साजिश
उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह की अजीबग़रीब हरकतों से पूरी दुनिया सकते में है. वह किसी भी वक़्त पर्ल हार्बर पर मिसाइल अटैक कर सकता है. किम का ये हमला इस बार दूसरे विश्वयुद्ध से भी भयानक होगा. एक तरफ़ उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन हर दूसरे दिन अजीबोगरीब हरकतें कर रहा है, तो दूसरी तरफ़ अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे मुल्कों में हर रोज़ नई खलबली मच रही है.

Advertisement

हमले से होगी भयानक तबाही
नई ख़बरों के मुताबिक अब तानाशाह किम अमेरिका के सबसे बड़े जंगी बेड़े यानी पर्ल हार्बर और अमेरिकी द्वीप समूह हवाई को निशाना बनाने की साज़िश रच रहा है. अगर खुदा ना खास्ता ये साज़िश सच साबित हुई, तो दुनिया में कैसी तबाही मचेगी ये किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है. यही वजह है कि अमेरिका ना सिर्फ़ किम जोंग उन की साज़िश को वक़्त से पहले डि-कोड करना चाहता है, बल्कि उसकी कोशिश पर्ल हार्बर और हवाई को इस संभावित अटैक से बचाने की की है. क्योंकि अगर इस बार किम जोंग उन ने इन दोनों जगहों पर हमला किया, तो दूसरे विश्व युद्ध की तरह ये सिर्फ़ एक हमला नहीं होगा, बल्कि एक न्यूक्लीयर अटैक यानी परमाणु हमला होगा. और ऐसे में होने वाली तबाही सबसे भयानक होगी.

किम की जद में अमेरिका के कई ठिकाने
ये ख़तरा इसलिए भी और बड़ा हो गया है क्योंकि किम जोंग उन लगातार मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है. अभी उसने फिर से ज़मीन से ज़मीन पर मार करने वाली लंबी दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है. और ना सिर्फ़ परीक्षण किया है, बल्कि इस परीक्षण की कामयाबी के बाद उसने बाकायदा जश्न भी मनाया है. जानकारों की मानें तो किम के इस मिसाइल की रेंज में अमेरिका के पर्ल हार्बर और हवाई द्वीप समूह जैसे लोकेशन शामिल हैं. अब मौत के हर सामान के जुगाड़ और उसकी तैयारियों पर किम का ये जश्न उसके दुश्मन मुल्कों को बेचैन कर रहा है. और तो और अलास्का, अमेरिका का पश्चिमी हिस्सा और कैलिफ़ोर्निया जैसे इलाक़े भी अब उसकी ज़द में हैं. जिसको निशाना बनाने का मतलब आर्थिक तौर पर भी अमेरिका की कमर तोड़ देना है.

Advertisement

20 मिनट में मिसाइल पहुंचेगी हवाई
इस हिसाब से देखा जाए तो जापान तो ख़ैर किम जोंग उन के निशाने पर है ही. अमेरिका का हवाई द्वीप समूह नॉर्थ कोरिया से 46 सौ मील दूर है. और ऐसे किसी बैलिस्टिक मिसाइल को नॉर्थ कोरिया से अमेरिका तक का सफ़र पूरा करने में सिर्फ़ 20 मिनट का वक़्त लग सकता है. ऐसे में हवाई द्वीप पर बड़ा ख़तरा है. उधर, पर्ल हार्बर अमेरिका की एक बड़ी ताकत होने की वजह से नॉर्थ कोरिया उसे भी निशाना बनाने की कोशिश कर सकता है. अमेरिका ने तो हवाई द्वीप समूह को परमाणु हमले से बचाने के लिए न्यूक्लीयर कंटींजेंसी प्लान तक डिज़ाइन कर लिया है, ताकि किम की किसी सिरफिरी हरकत पर वो अपने क़रीब 14 लाख नागरिकों की जान बचा सके.

किम के क्रोध से कैसे बचेगा अमेरिका!
अमेरिका अब आपातकालीन हालात से निपटने की तैयारी कर रहा है. वो हमले के दौरान लोगों के छिपने के लिए न्यूक्लीयर फॉल आउट सेंटर बनाने का काम करना होगा. अस्पताल और मेडिकल इंतज़ामों को और दुरुस्त करना होगा. सायरन और दूसरे अलार्म सिस्टम को कारगर बनाने के इंतजाम करने होंगे. याद रहे कि जो पर्ल हार्बर इस वक्त नॉर्थ कोरिया के निशाने पर है, वो कभी जापान के निशाने पर था. 7 दिसंबर 1941 को जापान की ओर से पर्ल हार्बर पर किया गया हमला दूसरे विश्वयुद्ध की बड़ी वजह बन गया था.

Advertisement

अमेरिका ने समंदर में दिखाई ताकत
एक तरफ़ अमेरिका किम जोंग उन की ऊटपटांग हरकतों से सकते में है, तो दूसरी तरफ़ वो उत्तर कोरिया को उसी के घर में घुस कर सबक सिखाने की भी तैयारी कर रहा है. इसी कड़ी में उसने अब अपना तीसरा सबसे बड़ा जंगी जहाज़ भी कोरियाई समंदर में उतार दिया है. मौके की नज़ाकत को बस इसी से समझा जा सकता है कि ऐसा हाल के सालों में इससे पहले कभी नहीं हुआ. अमेरिका ने पहले यूएसएस कार्ल विंसन फिर यूएसएस रोनल्ड रीगन और अब यूएसएस निमित्ज़ नामक तीसरा जहाज़ समंदर में उतार दिया है. हाल के सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब अमेरिका ने एक साथ अपनी ये तीनों की तीनों समुद्री ताकतों जंगी जहाज़ों को किसी एक जगह पर तैनात कर दिया है.

निशाने पर उत्तर कोरिया
नॉर्थ कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन की करतूतें ही कुछ ऐसी है कि जो अब से पहले कभी नहीं हुआ, वो अब हो रहा है. जी हां, अमेरिका ने अब नॉर्थ कोरिया के क़रीब कोरियाई पेनिनसुला यानी पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में एक के बाद एक अपना तीसरा जंगी जहाज़ यानी युद्ध पोत तैनात कर दिया है. इन सभी के सभी जंगी जहाज़ों के निशाने पर कोई और नहीं बल्कि किम जोंग उन और उसका मुल्क उत्तर कोरिया है.

Advertisement

फाइटर एयरक्राफ्ट कैरियर भी तैनात
संयुक्त राष्ट्र संघ से लेकर दुनिया के तमाम मुल्कों की ओर से बार-बार आगाह किए जाने के बावजूद ना तो उत्तर कोरिया अपने मिसाइल परीक्षणों से बाज़ आ रहा है. और ना ही परमाणु परीक्षणों से बल्कि हर चंद रोज़ बाद वो किसी नए परीक्षण के बहाने ना सिर्फ़ अपने मौत के सामानों पर जश्न मनाता है, बल्कि अमेरिका, जापान और साउथ कोरिया जैसे मुल्कों को चिढ़ाता और ललकारता भी है. ऐसे में अमेरिका ने खुद अपनी अपने दोस्त मुल्कों की हिफ़ाज़त के लिए अब उसे चारों तरफ़ से घेरना शुरू कर दिया है. और उसे घेरने के सिलसिले में अब उसने अपने तीसरे फाइटर एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएएस निमित्ज़ को उत्तर कोरिया के क़रीब समंदर में उतार दिया है.

3 ताकतवर जंगी जहाज मचा सकते हैं तबाही
इन तीनों युद्ध पोतों की क्षमताओं की बात करें, तो ये किसी ख़ास इलाके तो क्या पूरे के पूरे मुल्क को मटियामेट कर सकते हैं, उसका नामो-निशान मिटा सकते हैं. इन युद्ध पोतों से एक ही वक्त में ना सिर्फ़ दसियों फाइटर जेट्स टेक ऑफ और लैंड कर सकते हैं, बल्कि अपने टार्गेट को इतने सटीक तरीके से निशाना बना सकते हैं कि उस परफ़ेक्शन के बारे में सोचना भी मुश्किल है. और तो और ये युद्ध पोत एंटी बैलेस्टिक मिसाइल सिस्टम से भी लैस हैं. कहने का मतलब ये कि ये युद्ध पोत दूसरों को अपना शिकार तो बना सकते हैं, लेकिन खुद को बचाने का हुनर भी इनके पास है.

Advertisement

अमेरिका के पास है उत्तर कोरिया का इलाज
कुछ इन्हीं तैयारियों के मद्देनज़र अब अमेरिका ने अगले हफ्ते अपने इंटर कॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल यानी आईसीबीएम को मार गिराने वाले सिस्टम की क्षमताओं का परीक्षण करने का फ़ैसला किया है. ताकि किम के किसी भी मिसाइल हमले से वो खुद को बचा सकें. ज़ाहिर है नॉर्थ कोरिया और अमेरिका दोनों लगातार जंग की ओर बढ़ रहे हैं. और इसी बीच जी सात देशों की बैठक में भी अमेरिका ने अपनी तैयारियों पर मुहर लगा दी है. अमेरिका और जापान जैसे मुल्कों ने जी सेवन की मीटिंग में ना सिर्फ़ उत्तर कोरिया को दुनिया के लिए एक बड़ा ख़तरा बताया, बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ये भी साफ़ कर दिया कि उत्तर कोरिया का इलाज उसी के पास है.

Advertisement
Advertisement