जिस बात का डर था अब वही हो रहा है. अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के दरमियान जंग के अंदेशे में अब दुनिया की बाकी महाशक्तियों ने भी कमर कसनी शुरू कर दी है. रूस ने तो बाकायदा इसे वर्ल्ड वॉर का खतरा बताते हुए अपनी मिलिट्री को तैयार रहने का आदेश जारी करते हुए. उत्तर कोरिया से लगने वाली सरहद पर तैनात कर दिया है. हालांकि रूस इस मामले की संजीदगी को देखते हुए न तो किसी का पक्ष ले रहा है, बल्कि बहुत फूंक फूंक कर कदम रख रहा है. मगर रूस में हो रही इस हलचल एक बात तो साफ कर दी है कि अब मामला संजीदा हो चुका है.
किम-ट्रम्प के बीच हो सकता है महायुद्ध
किम-ट्रम्प की रस्सकशी आखिरी मुकाम पर पहुंच गई है. अब इनके बीच टक्कर हुई तो महायुद्ध होगा. इसी आशंका के चलते रूस ने वर्ल्ड वॉर 3 की तैयारी शुरू कर दी है. ये तो खैर होना ही था. जिस तरह ट्रम्प और किम जोंग उन खुन्नस खा कर एक दूसरे के खिलाफ बयान देते जा रहे हैं, इस मुकाम पर तो हालात आने ही थे. अब आ भी गए. लिहाज़ा जंग के हालात में सिर्फ कोरिया, अमेरिका और जापान ही अपनी कमर नहीं कसेंगे बल्कि रूस ने भी अपने हथियारों को पैना करना शुरू कर दिया है.
रूस ने शुरू की तैयारी
रूस में ये तैयारी कई चरणों में शुरू की गई है. और खुद इसका खुलासा रूस की सिक्युरिटी काउंसिल के प्रमुख ने किया है. ये तो खैर पहले से तय था कि अगर जंग के हालात बने तो ये जंग सिर्फ उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया या अमेरिका के बीच नहीं बल्कि इसमें जापान, चीन और रूस को भी शामिल होना पड़ेगा.
पड़ोसी मुल्कों पर भी होगा युद्ध का असर
एक तरफ नॉर्थ कोरिया है जो लगातार मिसाइल पे मिसाइल के टेस्ट कर के खुश हो रहा है तो दूसरी तरफ अमेरिका है जो दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर मिलिट्री ड्रिल करके किम जोंग उन को अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रहा है. मगर इन सब के बीच किसी को ये परवाह नहीं कि अगर जंग हुई तो ये परमाणु युद्ध में तब्दील हो जाएगी. जिसकी तबाही का अंदाज़ा लगाना मुश्किल है. दूसरी बड़ी बात ये है कि इस युद्ध से दुनिया की दूसरी महाशक्तियां भी अछूती नहीं रह सकती हैं. अब इसका असर पड़ोसी मुल्कों में भी दिखने लगा है.
रूस ने कहा- खोजने होंगे बचने के उपाय
रूसी सिक्युरिटी काउंसिल के प्रमुख निकोलाई पैत्रुशेव का कहना है कि अगर ये ज़ुबानी जंग वाकई जंग में तब्दील होती है तो हमें इससे बचने के लिए उपाय खोजने होंगे. साथ ही इससे निपटने के लिए तैयारी भी करनी होगी. हालांकि हम लगातार कहते आ रहे हैं, युद्ध किसी भी समस्या का हल नहीं है. ज़रूरी ये है कि हम इसे टालने की कोशिश करें. मगर चूंकी हालात खराब लग रहे हैं, लिहाज़ा निश्चित तौर पर हमें उत्तर कोरिया की सरहद से लगने वाले अपने इलाकों को सुरक्षित करना होगा.
युद्ध को लेकर दुनिया फिक्रमंद
इस जंग को लेकर दुनिया कितनी फिक्रमंद है. इसकी झलक कोरियाई सीमा से लगे रूस जैसे मुल्क में उठाए जा रहे कदमों को देख कर की जा सकती है. रूस के राष्ट्रपति ब्लादमिर पुतिन ने तो अपने तेज़ तर्रार 15 हजार फौजी उत्तर कोरिया की अपनी 17 किमी. की सरहद पर तैनात कर दिए हैं. ताकि न्यूक्लीयर वॉर यानी परमाणु युद्ध की सूरत में लोग उत्तर कोरिया से विस्थापितों की सूरत में रूस में घुसने ना पाएं. हालांकि रूस, ट्रंप और किम जोंग उन के मिज़ाज को बखूबी जानता है. इसलिए बेहद फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है. लेकिन एक सच ये भी है कि दोनों मुल्क के दरमियान अगर कोई युद्ध टाल सकता है तो वो रूस ही है.
सरहदों पर बढ़ी चौकसी
जहां रूस ने उत्तर कोरिया की सरहद पर अपने फौजी दस्तों को तैनात किया है. वहीं चीन भी कहां पीछे रहने वाला था. चीन ने भी उत्तर कोरिया से लगती अपनी सहरद पर हजारों फौजियों की तैनाती बढ़ा दी है, जिससे आने वाले किसी भी ख़तरे से निपटा जा सके. रूस के साथ-साथ चीन को भी लगता है कि अगर उत्तर कोरिया पर ट्रंप बड़ा हमला बोलते हैं तो कहीं उसका असर सरहद पार के मुल्कों पर ना हो. लिहाज़ा कूटनीतिक तौर पर ये दोनों देश न तो उत्तर कोरिया के साथ खड़े दिख रहे हैं और न ही अमेरिका के साथ. मगर अमेरिका के लिए मुश्किल ये है कि वो इन दोनों देशों को भरोसे में लिए बिना अगर कार्रवाई करता है, तो दोनों देश उत्तर कोरिया के साथ भी खड़े हो सकते हैं.