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रिजॉर्ट, आधी रात की साजिश और तीन कातिल.. ऐसे लिखी गई अंकिता भंडारी मर्डर केस की स्क्रिप्ट

उत्तराखंड पुलिस के लिए अंकिता मर्डर केस किसी चुनौती से कम नहीं है. इस मामले में सबसे बड़ा सुराग या यूं कहें कि सबसे बड़ा सबूत जम्मू में रहने वाले अंकिता दोस्त पुष्प ने दिया है. जिसके बाद आरोपियों के चेहरे पूरी तरह से बेनकाब हो चुके हैं.

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अंकिता भंडारी की हत्या के बाद तीनों आरोपी एक ही कहानी सुना रहे हैं
अंकिता भंडारी की हत्या के बाद तीनों आरोपी एक ही कहानी सुना रहे हैं

अंकिता भंडारी के कत्ल की स्क्रिप्ट 18 सितंबर की दोपहर उसी वक्त लिखी जा चुकी थी, जब उसने रिजॉर्ट मालिक के एक नाजायज़ ऑफर को ठुकरा दिया था. उसी शाम अंकिता को ऋषिकेश के एक बैराज के पास ले जाया गया और धक्का देकर उसे पानी में गिरा दिया गया. इसके तीनों आरोपी कातिलों ने एक कहानी गढ़ी और वही कहानी वो अगले पांच दिनों तक सबको सुनाते रहे. लेकिन इत्तेफाक से जम्मू में अंकिता का एक दोस्त था. जिसके पास सबूत था और उसी सबूत ने पूरी कहानी को पलट कर रख दिया. 

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अंकिता के दोस्त ने दिया बड़ा सबूत
उत्तराखंड पुलिस के लिए अंकिता मर्डर केस किसी चुनौती से कम नहीं है. इस मामले में सबसे बड़ा सुराग या यूं कहें कि सबसे बड़ा सबूत जम्मू में रहने वाले अंकिता दोस्त पुष्प ने दिया है. जिसके बाद आरोपियों के चेहरे पूरी तरह से बेनकाब हो चुके हैं. जब पुष्प ने अंकिता के बारे में पूछताछ करने के लिए बीजेपी नेता के बेटे पुलकित आर्य समेत तीनों आरोपियों को फोन किया था, तो उनके बीच क्या बातचीत हुई थी, आप भी जान लीजिए. 

अंकिता का दोस्त पुष्प- अच्छा मेरे को एक बात बताइए, आपका फोन क्यों लिया था उन्होंने?

(आरोपी नंबर 1) रिजॉर्ट का मालिक पुलकित- उसका फोन स्विचऑफ हो गया था, बैटरी डाउन हो गई थी उसकी. उसे तुमसे बात करनी थी. जब मैने आपको फोन किया था ना 9 बजे हां.. जब आपको लास्ट टाइम पे कॉल किया था. तो उस टाइम पे वो मेरे साथ ही थी. उसने मेरे से मेरा फोन लिया और उसके बाद मैंने उससे कहा कि फोन दे रहे हो, तो उसने कहा कि मैं आपको मॉर्निंग में फोन दे दूंगी. 

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पुष्प- तो आप बाहर गए थे तो आप कब आए थे?

(आरोपी नंबर 2) रिजॉर्ट का मैनेजर सौरभ - हम आ गए थे शायद 9 बज रहे होंगे उस टाइम.

पुष्प- हां तो 9 बजे के बाद से उनका फोन बंद है और अभी तक बंद ही है. तो मुझे कैसे पता होगा तो बताइए आप? मैटर क्या हुआ पहले ये तो बताइए मैटर क्या है. 

सौरभ - मैटर कुछ भी नहीं थी. नॉर्मल चल रहा था सबकुछ. थोड़ी अपसेट थी वो.

पुष्प- खाना खाया था उन्होंने?

(आरोपी नंबर 2-) पुलकित का स्टाफ अंकित- हां मैने खाना भी दिया था उन्हें.
 
पुष्प- उन्होंने खाया था?

अंकित- अब ये तो मैं नहीं बता सकता ना

पुष्प- अच्छा, अच्छा. ढूंढिये ये आप लोगों की जिम्मेदारी है, आपके प्रेमाइसेस से गायब हुई है, शाम तक सीरियस मैटर हो जाएगा.

आरोपियों की सच्ची झूठी बातें
पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ वही तीनों आरोपी हैं, जिन पर अंकिता भंडारी के कत्ल का इल्ज़ाम है. जबकि चौथा शख्स अंकिता का दोस्त पुष्प है, जिसकी वजह से शायद ये केस इतनी जल्दी खुल गया. इस पूरी बातचीत में ही अंकिता की गुमशुदगी की शुरुआती तमाम सच्ची झूठी कहानियां कैद हैं. इस कहानी को समझने के लिए ना सिर्फ तीनों आरोपी कातिलों की बातें सुननी जरूरी है, बल्कि इस बातचीत का वक्त जानना भी बेहद जरूरी है. 

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बैटरी चार्ज नहीं होने का बहाना
पहले अंकिता की जिंदगी के आखिरी पलों की कहानी जान लेते हैं जो इनकी बातचीत से सामने आती है. हालांकि ये कहानी झूठी है फिर भी सुनिए. इस कहानी के हिसाब से 18 सितंबर की दोपहर को अंकिता का मूड खराब था. वो अपसेट थी. उसका मूड ठीक करने के लिए शाम 6 से साढे 6 के दरम्यान तीनों आरोपी कातिल अंकिता को लेकर ऋषिकेश जाते हैं. फिर अगले ढाई से तीन घंटे में चारों वापस रिजॉर्ट लौट आते हैं. अंकिता के मोबाइल की बैटरी चार्ज नहीं थी. इसीलिए वो पुलकित से उसका मोबाइल मांगती है और पूरी रात पुलकित का मोबाइल अपने पास ही रखती है. 

कातिलों की शुरुआती कहानी
इसी दौरान रात 9 बजे के बाद रिजॉर्ट का एक स्टाफ अंकित खुद जाकर अंकिता को उसके कमरे में खाना देता है. रात दस से साढ़े दस के दरम्यान सभी सो जाते हैं. सुबह पुलकित अपना मोबाइल वापस लेने के लिए अंकित को अंकिता के कमरे में भेजता है और तब पहली बार पता चलता है कि अंकिता कमरे में नहीं है और वो गायब है. ये तो रही तीनों आरोपी कातिलों की शुरुआती कहानी. इस कहानी में क्या-क्या झोल है, वो बारी-बारी से आपको बताएंगे. 

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मुख्य आरोपी पुलकित आर्य की साजिश
तो सबसे पहले रिसॉर्ट के मालिक और इस केस के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य की. उसकी जो ऑडियो सामने आई है, उसे अंकिता के दोस्त पुष्प ने रिकॉर्ड किया है. दरअसल, जब 18 तारीख की रात को पुष्प की अंकिता से बात नहीं हुई और अंकिता का मोबाइल उसे बंद मिला. तब उसने 19 सितंबर को दिन में पुलकित को पहली बार फोन मिलाया था. सिर्फ ये जानने के लिए कि अंकिता कहां है? 

अंकिता का दोस्त पुष्प- अच्छा मेरे को एक बात बताइए, आपका फोन क्यों लिया था उन्होंने?

(आरोपी नंबर 1) रिजॉर्ट का मालिक पुलकित- उसका फोन स्विचऑफ हो गया था, बैटरी डाउन हो गई थी उसकी. उसे तुमसे बात करनी थी. जब मैने आपको फोन किया था ना 9 बजे हां.. जब आपको लास्ट टाइम पे कॉल किया था. तो उस टाइम पे वो मेरे साथ ही थी. उसने मेरे से मेरा फोन लिया और उसके बाद मैंने उससे कहा कि फोन दे रहे हो, तो उसने कहा कि मैं आपको मॉर्निंग में फोन दे दूंगी. 

पुलकित की झूठी दास्तान
तो यहां पुलकित पुष्प को बता रहा है कि वो चारों रात 9 बजे तक रिजॉर्ट वापस लौट आए थे. ये पुलकित का पहला झूठ था. सीसीटीवी कैमरे के हिसाब से ऋषिकेश से रिजॉर्ट वापस आते वक्त स्कूटी और बाइक पर सिर्फ तीन लोग थे. अंकिता तस्वीर में कहीं नहीं थी. पुलकित के मुताबिक अंकिता का मोबाइल चार्ज नहीं था, इसलिए उसने अपना मोबाइल पूरी रात के लिए उसे दे दिया. ये पुलकित का दूसरा झूठ था. खुद पुलकित कह रहा है कि वो सभी नौ बजे लौट आए थे, अंकिता अपने कमरे में चली गई थी. 

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अंकिता ने क्यों नहीं किया था फोन चार्ज
रिजॉर्ट में बत्ती भी गुल नहीं थी, तो ऐसे में रिजॉर्ट आने के बाद अंकिता अपना फोन चार्ज भी कर सकती थी. सच तो ये है कि ऋषिकेश में लड़ाई के दौरान पुलकित का फोन नहर में जा गिरा था. बातचीत के दौरान पुलकित उल्टे पुष्प से सवाल पूछता है कि कहीं अंकिता तुम्हारे साथ तो नहीं है. ये खुद के बचाव के लिए पुलकित का तीसरा झूठ था, क्योंकि तब पुष्प ऋषिकेश से बहुत दूर जम्मू में बैठा हुआ था. 

रिजॉर्ट के स्टाफ अंकित का फसाना
रिजॉर्ट में पुलकित का एक स्टाफ अंकित भी है. एक और आरोपी कातिल. पुष्प ने 19 सितंबर को दिन में अंकित को भी फोन किया था. अंकित भी ठीक उसी लाइन पर बात कर रहा था, जिस लाइन पर पुलकित कर रहा था. ऋषिकेश जाने से लेकर वापसी फिर अंकिता को खाना देने और सुबह अंकिता के गायब होने की स्क्रिप्ट मानों अंकित के पास भी थी. अंकित दावा करता है कि रात 9 बजे उसी ने अंकिता को खाना दिया था, उसके कमरे में. पर उसने खाना खाया या नहीं ये पता नहीं. जबकि ये पता करना बड़ा आसान काम था. सुबह अंकित ही पुलकित का मोबाइल लेने अंकिता के कमरे में गया था. कमरे में अंकिता का सारा सामान मौजूद था तो फिर रात को दिया गया वो खाना या फिर खाने का खाली प्लेट कमरे में ही होना चाहिेए थी. जिसे देख कर ये आसानी से पता चल जाता कि अंकिता ने खाना खाया था या नहीं?

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रिजॉर्ट के मैनेजर सौरभ की कहानी
अब आइए तीसरे आरोपी कातिल सौरव की बात करते हैं. स्क्रिप्ट लगभग वैसी ही है. जैसी पुलकित और अंकित की. सौरव रिजॉर्ट का मैनेजर है. पुष्प ने उससे 19 सितंबर को बात की थी. रिजॉर्ट मैनेजर सौरव से बातचीत के दौरान पुष्प लगातार ये पूछ रहा था कि आखिर मैटर क्या है. मगर सौरव उसे लगातार टाल रहा था. सौरव की पूरी बातचीत ठीक वैसे ही थी, जैसे पुलकित और अंकित की थी. 

तीन आरोपियों ने बताई एक ही कहानी
यानी ये साफ है कि तीनों आपस में पहले ही तय कर चुके थे कि पुष्प से ये फिर आगे चल कर पुलिस वालों को क्या कहानी सुनानी है. इन तीनों से बातचीत के बाद पुष्प ने पुलकित को दूसरी बार भी फोन किया था. तब भी पुलकित ये बता रहा था कि वो थाने में बैठा है. इस पूरी बातचीत में पुष्प बार-बार जिस मैटर और मैटर में शामिल रिजॉर्ट के ही किसी स्टाफ की बात कर रहा है, आखिर वो मैटर या स्टाफ है कौन? 18 सितंबर को ही अंकिता इतनी ज्यादा अपसेट या गुस्से में क्यों थी? 

उत्तराखंड पुलिस को तलाशने हैं कई जवाब
क्या 18 सितंबर अंकिता को कुछ ऐसा करने को कहा गया था, जिससे वो भड़क उठी? क्या 18 सितंबर को रिजॉर्ट में कोई वीआईपी गेस्ट आनेवाला था? यही वो सवाल हैं जिनके जवाब उत्तराखंड पुलिस को तलाशने हैं. इसके लिए आरोपी कातिलों से सच उगलवाना और उनके खिलाफ पुख्ता सबूत हासिल करना बेहद जरूरी है. क्योंकि जहां तक मौका-ए-वारदात से सबूत इकट्ठा करने की बात है तो पुलिस प्रशासन ने तो उस रिजॉर्ट को अपनी साख बचाने के लिए वक्त से पहले ही मटियामेट कर डाला है.

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