वो आठ साल तक दिन भर अपनी दुकान पर बैठ कर लोगों के कपड़े सिलता रहा. सिलाई की उसकी हुनर और उसके हंसमुख मिजाज की वजह से लोग उसे पसंद करते थे. लेकिन रात होते ही अचानक वो दर्जी से कसाई बन जाता. दिन में लोगों के कपड़े सिलने वाला रात को लोगों को कफन पहनाने निकल पड़ता. उसके निशाने पर अक्सर ट्रक ड्राइवर और क्लीनर रहा करते थे. वो उनकी बेरहमी से हत्या करके उनसे लूटपाट किया करता था. इस तरह 8 साल में उसने 34 लोगों को मौत की नींद सुला दिया. उस खूंखार सीरियल किलर का नाम आदेश खामरा है, जो इस वक्त भोपाल की सेंट्रल जेल में बंद है. उसकी बेरहम जिंदगी पर बॉलीवुड एक्टर-डायरेक्टर अन्नू कपूर फिल्म बनाने जा रहे हैं.
अन्नू कपूर अभी इस फिल्म की कहानी पर काम कर रहे हैं. इस सिलसिले में उन्होंने भोपाल पुलिस और सेंट्रल जेल के कई अधिकारियों से मुलाकात की है. इस दौरान वो सीरियल किलर आदेश खामरा से भी मिले. उसकी जिंदगी के विभिन्न पहलूओं के बारे में जाना है. इस मर्डर केस का खुलासा करने वाले भोपाल के अशोका गार्डन थाने के तत्कालीन प्रभारी सुनील श्रीवास्तव ने विस्तार से इसके बारे में अन्नू कपूर को बताया है. बकौल थाना प्रभारी आदेश को साल 2018 में उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के एक जंगल से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद भी उसके अंदर जरा भी खौफ नहीं था. वो बड़े आराम से रहता, पूछताछ के दौरान पहले तंबाकू खाता, फिर अपना जवाब देता था.
दर्जी बना हत्यारा, ऐसे शुरू हुआ कत्ल का सिलसिला
साल 2010 की बात है. उत्तर भारत के कई राज्यों में ट्रक ड्राइवरों और क्लीनरों का अचानक से कत्ल होने लगा. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में आए दिन लावारिस लाशें बरामद होने लगीं. क़त्ल की इन सभी वारदातों में एक बात समान थी. जिसकी भी हत्या की गई वो सभी ट्रक ड्राइवर या उनके सहयोगी क्लीनर थे. कत्ल पर कत्ल हुए जा रहे थे और पुलिस के हाथ खाली थे. चूंकि ज्यादातर हाईवे पर सीसीटीवी नहीं लगे होते हैं, इसलिए पुलिस को कातिल का सुराग भी नहीं मिल पा रहा था. इस तरह आठ वर्षों तक कत्ल का सिलसिला जारी रहा. पुलिस खाली हाथ, एक राज्य से दूसरे राज्य भटकती रही, लेकिन कहीं भी उस दरिंदे खूंखार सीरियल किलर का सुराग नहीं मिल रहा था.
दिन में दर्जी, रात में कसाई, ऐसे हुआ था खुलासा
इसी बीच भोपाल के नजदीक बिलखिरिया इलाके में एक ट्रक ड्राइवर की लाश मिली. इस बार लाश के साथ-साथ पुलिस को कातिल का सुराग भी मिल गया. मौका-ए-वारदात से पुलिस ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया था. उससे पूछताछ में आठ वर्षों के रहस्य का खुलासा हो गया. संदिग्ध ने बताया कि इस सीरियल किलिंग के पीछे पूरी एक गैंग है. उस गैंग का सरगना कोई और नहीं बल्कि भोपाल का एक दर्जी है. उस दर्जी का नाम आदेश खमारा है. उसकी भोपाल के बाहरी इलाके में एक छोटी सी टेलर की दुकान थी. वहां दिन में वो सिलाई मशीन पर कपड़े सिलता. उसका स्वभाव ऐसा था कि कोई उस पर भरोसा ही नहीं कर सकता कि वो एक बेरहम अपराधी है, जो रात के वक्त लोगों को कफन पहनाता है.
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भोपाल पुलिस की गिरफ्त में ऐसा आया था दरिंदा
अब पुलिस के सामने कई सवाल थे. वो जानना चाहती थी कि एक दर्जी सीरियल किलर क्यों बन गया? क्यों वो सिर्फ ट्राक ड्राइवर और क्लीनर की ही जान लेता था? वो उन्हें किस तरह मारता था?आठ साल तक कभी वो पुलिस की नजर में क्यों नहीं आया? पुलिस इन सवालों के जवाब पाने के लिए आदेश खामरा को गिरफ्तार कर पाती इससे पहले वो अपने गृहशहर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर भाग गया. भोपाल पुलिस ने उसको पकड़ने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई. इस टीम को एसपी क्राइम बिट्टू शर्मा लीड कर रही थी. पुलिस टीम सुल्तानपुर जिले में स्थित आदेश के गांव पहुंची. इसकी खबर लगते ही वो पास के जंगलों में भाग गया. काफी मशक्कत के बाद एसपी ने उस दरिदों को जंगल में ही दबोच लिया.
ड्राइवर-क्लीनर को मोक्ष दिलाने के लिए कत्ल
पुलिस टीम आदेश खामरा को लेकर भोपाल आई. यहां उसने पूछताछ के दौरान जब खुलासे करने शुरू किए तो हर कोई सन्न रह गया. एक दो नहीं उसने 33 कत्ल के गुनाह कबूल किए. सिलसिलेवार तरीके से हर किसी की कहानी सुनाई. उसे हर वारदात के बारे में तारीख सहित याद था. उसने पुलिस को बताया कि वो लोगों की हत्या करके उनको मुक्ति दिया करता था. उसकी सोच थी कि ट्रक ड्राइवर और क्लीनर की जिंदगी बड़ी तकलीफदेह होती है. उन्हें उस तकलीफ से निजात दिलाने के लिए वो उनका कत्ल कर देता था. इस तरह वो दर्जी कत्ल दर कत्ल कहानी सुनाता रहा और पुलिस हैरान-परेशान कहानी सुनती रही. सभी यही सोच रहे थे कि क्या कोई किसी को मोक्ष दिलाने के लिए कत्ल कर सकता है.
मुंह बोले चाचा को मानता था अपना 'गुरु'
सीरियल किलर आदेश खामरा अपने मुंह बोले चाचा को 'गुरु' मानता था. अपराध करना, सबूत मिटाना, पुलिस को चकमा देना, वारदात के हर गुर उसने अपने गुरु से ही सीखे थे. 80 के दशक में उसके गुरु अशोक खांबरा की दहशत हुआ करती थी. वो ट्रक लूटने वालों का एक गिरोह चलाता था. उसी से प्रेरित होकर आदेश ने जरायम की दुनिया में कदम रखा था. वो फिल्मी स्टाइल में इन वारदातों को अंजाम देता था. यहां तक कि उसके आसपास के लोगों तक भनक नहीं लगती की वो इतना बड़ा अपराधी है. भोपाल के किसी थाने में उसके खिलाफ कोई भी संगीन अपराध में केस दर्ज नहीं था. एक केस दर्ज भी था तो वो मामूली मारपीट का. इस तरह आठ वर्षों तक पुलिस को चकमा देकर वो हत्याएं करता रहा था.
धार्मिक किताबें पढ़ता है जेल में बंद किलर
भोपाल के सेंट्रल जेल में आदेश खामरा बंद है. इस वक्त उम्रकैद की सजा काट रहा है. उसके हर गुनाह की अलग से सुनवाई चल रही है, जिसमें अलग-अलग सजाएं भी हो रही हैं. इतना तय है कि उसकी पूरी जिंदगी जेल की चार दीवारी में ही गुजरने वाली है. जेल सूत्रों की माने तो वो अक्सर धार्मिक किताबें पढ़ते हुए दिखाई देता है. उसके व्यवहार में भी बहुत ज्यादा बदलाव आ चुका है. एक समय वो खूंखार अपराधी था, लेकिन अब जेल के नियमों के हिसाब से अपनी जिंदगी गुजार रहा है. कभी कभार उसकी पत्नी और बेटा उससे मिलने जेल में आते हैं, लेकिन कभी कोई रिश्तेदार नहीं आया. अब उसकी जिंदगी पर फिल्म बनने जा रही है. ऐसे में देखते हैं कि लोग इससे कहां तक सीख ले पाते हैं.