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लड़की से फोन पर जबरदस्ती बात... कहासुनी और फिर कत्ल

वो अपने एक दोस्त के मसले को सुलझाना चाहता था और बस इसीलिए उसने एक मीटिंग बुलाई. उसके दोस्त का रक़ीब उनसे तयशुदा वक्त और जगह पर मिलने भी पहुंचा. लेकिन उस मुलाकात में जो हुआ उसके अंजाम का गुमान तो उसने सपने में भी नहीं सोचा था. उसके ऑफिस में उसके दोस्त के रकीब ने उस पर क़ातिलाना हमला कर दिया. और जब ये गोलीबारी थमी तो मौका-ए-वारदात पर चार लोग लहूलुहान गिरे हुए थे.

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संजीव का ऑफिस, जहां हुआ शूटआउट
संजीव का ऑफिस, जहां हुआ शूटआउट

वो अपने एक दोस्त के मसले को सुलझाना चाहता था और बस इसीलिए उसने एक मीटिंग बुलाई. उसके दोस्त का रक़ीब उनसे तयशुदा वक्त और जगह पर मिलने भी पहुंचा. लेकिन उस मुलाकात में जो हुआ उसके अंजाम का गुमान तो उसने सपने में भी नहीं सोचा था. उसके ऑफिस में उसके दोस्त के रकीब ने उस पर क़ातिलाना हमला कर दिया. और जब ये गोलीबारी थमी तो मौका-ए-वारदात पर चार लोग लहूलुहान गिरे हुए थे.

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दिन- शुक्रवार
वक्त - शाम के 6:30 बजे
जगह - दिल्ली का नेब सराय इलाका

दिल्ली के नेब सराय इलाके की फ्रीडम फाइटर कॉलोनी के गेट नंबर 4 के पास प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने वाले संजीव सेजवाल अपने ऑफिस में अपने चचरे भाई संदीप, अपने दोस्त परमजीत और अपने नौकर अशोक के साथ बैठे थे. तभी उसके ऑफिस के बाहर एक निसान गाड़ी आकर रुकती है. उसमें से सनी, विजयपाल, राकेश और अमन गोयल उतरते हैं. इनमें से विजयपाल अमन का बॉडीगार्ड है. और ये सभी एक मीटिंग के लिए मिलने वाले थे.

दरअसल संदीप सेजवाल ने ये मीटिंग परमजीत और सनी के बीच एक मसले को सुलझाने के लिए बुलाई थी. लेकिन बात सुलझने के बजाए बिगड़ती चली जाती है है. और दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो जाती है. और इसी दौरान परमजीत सनी को माफी मांगने के कहता है. लेकिन उसकी बात सुन कर सनी माफी मांगने से इंकार कर देता है. इस बात से तिलमिलाया परमजीत सनी को थप्पड़ मार देता है. अपने दोस्त पर हाथ उठता देख विजयपाल भी परमजीत को एक तमाचा जड़ देता है. इसके बाद तो ऑफिस का माहौल बिगड़ जाता है और सनी और विजयपाल अपनी जेब में रिवॉल्वर निकाल लेते हैं.

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अभी कोई कुछ समझ पाता तभी सनी और विजयपाल परमजीत और उसके दोस्तों पर ताबड़तोड़ गोलियों चलानी शुरू कर देते हैं. संजीव ये देख कर वहां से भाग कर अपने ऑफिस का शटर बाहर से बंद कर देते हैं. तभी उन्हें ऑफिस के अंदर से परमजीत के चिल्लाने की आवाज़ आती है. लेकिन जब वो ऑफिस के अंदर दोबारा घुसते हैं तो उन्हें भी गोली लगती है. संदीप को कॉलर बोन और बाजू में गोलियां लगती हैं. परमजीत को पीठ और कंधे में गोलियां लगती हैं. चूंकि गोलियां दोनों तरफ से चली थीं इसलिए इस क्रास फायरिंग में सनी के दोस्त राकेश की छाती में भी गोली लगती है.

गोलियों की आवाज़ सुन कर आस-पास के लोग पुलिस को फोन कर देते हैं. और इस बीच संदीप के ऑफिस के बाहर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो जाती है. लोग की भीड़ देख कर सनी, विजयपाल और अमन वहां से भागने की कोशिश करते हैं. और इसी भागदौड़ में अमन अपनी गाड़ी वहीं छोड़ कर मौका-ए-वारदात से भागने में कामयाब हो जाता है. सनी और विजयपाल हवाई फायरिंग करते हुए इग्नू रोड़ की तरफ दौड़ते हैं और उस रोड़ पर अपनी इनोवा गाड़ी से जा रहे एक शख्स को रिवाल्वर दिखा कर उसकी गाड़ी छीन ली.

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पुलिस भी बिना वक्त गंवाएं मौका-ए-वारदात पर पहुंच चुकी थी. लिहाज़ा वहां पहुंच कर पुलिस टीम सनी, विजयपाल और अमन के फरार होने की खबर पीसीआर को देती है...इसी बीच पुलिस से बचने के लिए सनी गाड़ी को सैनिक फार्म की तरफ मोड़ देता है लेकिन नेब सराय थाने की एक पुलिस टीम की गाड़ी उन्हें बीच में ही रोक कर दोनों को गिरफ्तार कर लेती है.

मरने से पहले संदीप सेजवाल ने बताए हैरान कर देने वाले सच
पुलिस सनी और विजयपाल को गिरफ्तार कर चुकी थी. उनका घायल दोस्त राकेश भी उसकी गिरफ्त में था. लेकिन गोलियां लगने की वजह से परमजीत की मौका-ए-वारदात पर ही मौत हो चुकी थी और संदीप सेजवाल की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो जाती है. लेकिन मरने से पहले वो मरने से पहले पुलिस को इस गोलीकांड का जो सच बताता है उसे सुन कर हर कोई हैरान रह जाता है.

पुलिस सनी और विजयपाल को भागने की कोशिश में पकड़ चुकी थी और उधर अस्पताल में संदीप ने मरने से पहले पुलिस को जो बताया उससे ये मामला उसके सामने शीशे की तरह साफ हो चुका था. लेकिन क्या आप वो सच्चाई नहीं जानना चाहेंगे जिसमें दो लोगों की मामूली सी कहासुनी में बात इतनी बिगड़ी की दो लोगों की जान चली गई.

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क्या था माजरा?
सनी और विजयपाल के गिरफ्तार होने के बाद जो कहानी पुलिस के सामने आई वो उसे सुन कर हैरान रह गई. पुलिस के मुताबिक सनी और विजयपाल इंदिरा एंक्लेव में रहते हैं. सनी सोनीपत और विजयपाल रोहतक का रहने वाला है और दोनों हरियाणा के बाउंसर हैं लेकिन दिल्ली में प्राइवेट बॉडीगार्ड का काम करते थे. इसी दौरान सनी की एक लड़की से मुलाकात हुई और वो उसे पसंद करने लगा. इतना ही नहीं उसने उसे फोन करने शुरू कर दिए. लेकिन लड़की सनी को पसंद नहीं करती थी और लड़की ने ये बात अपने दोस्त परमजीत को बताई. इसी बात को लेकर परमजीत ने सनी को उसकी दोस्त को दोबारा फोन करने से मना किया और उसे डांट भी दिया था. लेकिन सनी और विजयपाल को परमजीत का उसे इस तरह से डांटना बुरा लग गया.

सनी ने ये बात सोनीपत के रहने वाले अपने एक दोस्त राकेश और दिल्ली के सैनिक फार्म में रहने वाले बिज़नेसमैन अमन गोयल को बताई. उधर परमजीत भी ये बात अपने प्रॉपर्टी डीलर दोस्त संदीप सेजवाल को बता चुका था. संदीप ने परमजीत और सनी के बीच रंजिश को खत्म करने के लिए एक मीटिंग बुलाई. लेकिन मीटिंग के दौरान सुलझने के बजाए इतनी बिगड़ गई वहां गोलीबारी शुरू हो गई और इस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई.

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कौन जानता था कि एक लड़की को फोन करने से मना करने पर बात पहले तो कहासुनी और फिर हाथापाई और उसके बाद इतनी बढ़ गई कि सनी और उसके दोस्त विजयपाल ने परमजीत पर क़ातिलाना हमला कर दिया और इस वारदात में दो लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. और उनके क़त्ल के आरोप में तीन आरोपियों को अब शायद ताउम्र जेल की सलाखों के पीछे काटनी पड़े.

पुलिस इस मामले में तीन आरोपियों सनी, विजयपाल और राकेश मलिक को गिरफ्तार कर चुकी है और उनके चौथे दोस्त अमन की तलाश कर रही है. पुलिस के मुताबिक उसने मामले की एफआईआर दर्ज कर ली है और वो इस पूरे मामले में अमन के रोल की जांच कर रही है. पुलिस ने सनी का रिवॉल्वर तो बरामद कर चुकी लेकिन अभी तक उसे विजयपाल का हथियार नहीं मिला है.

फिलहाल पुलिस मामले की फ़रार आरोपी और सनी के दोस्त अमन गोयल की तलाश कर रही है. इसके साथ वो इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस वारदात में आरोपियों के अलावा कोई और तो शामिल नहीं था. लेकिन जब तक इस मामले का चौथा आरोपी उसकी गिरफ्त में नहीं आ जाता तब तक ये मामले को पूरी तरह से नहीं सुलझ पाएगा.

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