मुंबई के समंदर में लग्जरी क्रूजलाइन कॉरडेलिया पर छापे के दौरान एनसीबी जिस पंच को लेकर गई थी उसे लेकर विवाद गहराता जा रहा है. आजतक द्वारा प्राप्त किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि एक पंच केपी गोसावी ने दो पंचनामों में दो अलग अलग पता दिया था.
केपी गोवासी पहले ही तब सवालों के घेरे में आ गए जब महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने इस छापे में गिरफ्तारी के दौरान एक निजी व्यक्ति के रुप में उसकी मौजूदगी पर सवाल उठाए.
एक ही पंच के दो एड्रेस
आजतक के पास दो अलग अलग पंचनामे हैं. एक आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और अन्य का है, जबकि दूसरा पंचनामा मुनमुन धमेचा और अन्य का है. दोनों ही पंचनामों में किरण गोसावी को पंच बताया गया है. एक पंचनामे में उसने अपने पते में खुद को ठाणे का निवासी बताया है जबकि दूसरे में उसने अपना पता नवी मुंबई बताया है.
एक तथ्य और है कि एक पंचनामा रेड के दौरान हाथ से लिखा हुआ है, जबकि दूसरा पंचनामा टाइपिंग में है और बाकायदा इसका प्रिंट भी निकला है.
NCB का पंचनामा: Aryan Khan ने किया चरस का सेवन, अरबाज ने खुद जूते से निकाला था पैकेट
बता दें कि किरण गोसावी इस मामले में पहले दिन से ही चर्चा में है जब से उसने आर्यन खान के साथ तस्वीरें ली जो कि वायरल हो गई. इसके अलावा महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक ने गिरफ्तारी के दौरान किरण गोसावी और मनीष भानूसाली की मौजूदगी पर भी सवाल उठाए.
किरण गोसावी पर धोखाधड़ी का केस
एक रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने किरण गोसावी को धोखाधड़ी के एक केस में साल 2018 में आरोपी बनाया है. वह एक कंपनी चलाया करता था जो लोगों को विदेशों में नौकरी देती थी. कंपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अपना प्रमोशन करती थी. इस मामले में गोसावी के खिलाफ केस दर्ज किया गया जब एक व्यक्ति ने उसपर मलेशिया के होटल में नौकरी दिलाने के बहाने 3.09 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया. जबकि उसका काम भी नहीं हुआ था.
नवाब मलिक ने उठाए हैं सवाल
किरण गोसावी के बारे में आजतक ने महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक से बात की. इस बारे में उन्होंने कहा कि, "मैं कहता रहा हूं कि पूरी गिरफ्तारी और छापेमारी फर्जी तरीके से की गई है. पंच को एक सम्मानित नागरिक होना चाहिए, लेकिन गोसावी एक फरार व्यक्ति है. अगर उसने दो अलग-अलग पते दिखाए हैं तो यह तो और भी गंभीर है."
बता दें कि बुधवार को मुंबई में मीडिया को संबोधित करते हुए, एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने इस बात की पुष्टि की कि किरण गोसावी और मनीष भानुशाली छापे के दौरान और बाद में एजेंसी के गवाह थे.