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भेष बदलकर घूम रहा है सेक्स गैंग का सरगना नारायण साईं

मंच पर पाखंड की नौटंकी कर लोगों को उल्लू बनाने वाले नारायण साईं पर अब ऐसी पड़ी है कि उसने अपना हुलिया ही बदल लिया है. जिन बाल और दाढ़ी की बदौलत उनके सत्संग की दुकान चल रही थी, नारायण साईं के एक साधक की मानें तो अब साईं ने अपने उन्हीं बाल और दाढ़ियों से तौबा कर लिया है.

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मंच पर पाखंड की नौटंकी कर लोगों को उल्लू बनाने वाले नारायण साईं पर अब ऐसी पड़ी है कि उसने अपना हुलिया ही बदल लिया है. जिन बाल और दाढ़ी की बदौलत उनके सत्संग की दुकान चल रही थी, नारायण साईं के एक साधक की मानें तो अब साईं ने अपने उन्हीं बाल और दाढ़ियों से तौबा कर लिया है.

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जब सितारे बुलंद थे, तो भगवान श्रीकृष्ण का रूप धरकर गोपियों के साथ डांडिया खेला करते थे. डांडिया खेल कर जब मन भर जाता था, तो प्रवचन की दुकान सजा लेते थे. और जब ज्ञान बांटकर बोर हो जाते, तो बांसुरी थाम कर फिर से कान्हा की नकल उतारने लगते थे.

लेकिन अब ये जनाब बलात्कार और यौन शोषण के इल्ज़ामों से ऐसे घिरे हैं कि अलग-अलग रूप धरनेवाला ये चेहरा छिपाए नहीं छिप रहा है. नारायण साईं के चेहरे से ढोंग और पाखंड का नकाब ऐसा उतरा है कि अब ये चेहरा ही इनकी सबसे बड़ी मुसीबत बन गया है. आगरा के रहने वाले नारायण साईं के एक साधक लक्ष्मण सेवकानी ने बताया कि उन्होंने बाल और दाढ़ी के बगैर क्लिन शेव्ड अवतार में उन्हें देखा है.

दरअसल, गुजरात पुलिस के साथ चूहे-बिल्ली के खेल खेल रहे नारायण साईं की तलाश में क्राइम ब्रांच की टीम ने जब आगरा में दबिश दी, तो उनकी यही कहानी सामने आई. पता चला कि पुलिस से भागने के चक्कर में नारायण साईं शनिवार की रात को आगरा में अपने इसी सेवक के घर पहुंचा था. अपने ड्राइवर के साथ आए साईं ने इनसे नए सिम कार्ड की मांग की. जिसे पूरा करने से उनके सेवादार ने इनकार तो कर दिया, लेकिन रात को नारायण साईं को पनाह जरूर दी और दूध पिलाया.

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लेकिन इस दौरान उन्होंने नारायण साईं का जो रूप देखा, तो नारायण के अब तक के तमाम रूपों से जुदा था. इस बार ना तो नारायण के सिर में बाल थे और ना ही चेहरे पर. यानी पुलिस से बचने के चक्कर में नरायाण ने अपने सिर के बाल मुंडा रखे थे और दाढ़ी भी बनवा रखी थी.

वैसे नारायण साईं के इस नए रूप के बारे में सेवकानी के खुलासे के बाद, अब पुलिस ने भी नारायण साईं को अलग-अलग रूपों में विजुअलाइज करने की कोशिश शुरू कर दी है, ताकि चूहे-बिल्ली के इस खेल में अचानक नारायण के सामने आ जाने पर उन्हें पहचानने में कोई ग़लती ना हो जाए. और नारायण साईं के इन चेहरों में उनके नार्मल हुलिए के अलावा, सिर पर बाल और मूंछें, सिर पर बाल और क्लीन शेव्ड और सिर और चेहरे पर बिना बाल और दाढ़ी के हुलिए का स्केच भी बनवा कर पुलिस देख रही है.

सूरत में बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद नारायण साईं के खिलाफ़ इन दिनों गुजरात पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी कर रखा है, लेकिन नारायण साईं हैं कि पुलिस का सामना करने की बजाय लगातार उससे भागने की कोशिश कर रहे हैं. नए सिम का इस्तेमाल कर बातें कर रहे हैं.

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6 अक्टूबर को सूरत की दो बहनों ने आसाराम और इसके बेटे नारायण साईं पर रेप का आरोप लगाया. छोटी बहन ने सूरत में बाकायदा एफआईआर दर्ज कराई. बस उसी दिन से नारायण साईं गायब हो गया, नहीं तो तब तक अपने पिता के गुनाहों को छुपाने में लगा था.

6 अक्टूबर की रात नारायण साईं जयपुर के हनुमान नगर वाले अपने गुप्त अड्डे पर था. उस वक्त उसके साथ उसका करीबी सहयोगी मोहित भोजवानी भी था, जिसे बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. 7 अक्टूबर की अलसुबह नारायण साई काले रंग की फॉर्चूनर कार में सवार हुआ और जयपुर से श्रीगंगानगर स्थित अपने आश्रम में चला गया. वहां से वो दिल्ली भाग आया.

इस दौरान पुलिस की तलाश जारी रही. 17 अक्टूबर को जयपुर के आश्रम में पुलिस ने छापा मारा. बाकायदा नारायण साईं के दोस्त मोहित भोजवानी के साथ. पुलिस ने जब नारायण साईं के गोनेर रोड वाले आश्रम में खोजबीन शुरू की तो तो ये चौंकाने वाली जानकारी मिली कि कैसे नारायण के लिए इस आश्रम में लड़कियों की सप्लाई होती थी.

पुलिस को भोजवानी के लैपटॉप से कई अश्लील तस्वीरें और एमएमएस भी मिले. मोहित भोजवानी पर आरोप है कि अपने ह्वाट्सअप के जरिये उसने ना सिर्फ समर्थकों को भड़काने की कोशिश की, बल्कि कई मैसेज में कोड वर्ड का भी इस्तेमाल हुआ है. मोनिका नाम की एक साधिका से बातचीत में मोहित ने कुछ ऐसा लिखा- सामान मिल गया तो राम राम... मोनिका. नहीं मिला तो हरि हरि.

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दरअसल, नारायण साईं की अश्लील चौकड़ी में तीन और मोहरे हैं- मोहित भोजवानी, जिसका काम लोगों को भड़काना और नारायण को इधर-उधर भगाना था. दूसरा नाम मोनिका अग्रवाल का है, जो साईं के लिए लड़कियां सप्लाई करती थी और तीसरा नाम हनुमान का है, जो नारायण साईं का रसोइया भी है और उसके लिए लड़कियों पर दबाव डालने वाला भी.

कई सालों तक ना जाने कितने गुनाहों को अंजाम देने वाले नारायण साईं ने अग्रिम जमानत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया और उस चक्कर में आरोप है कि अदालत में उसने फर्जी हलफनामा भी दे दिया.

हालांकि अदालत ने अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया. लेकिन नारायण साईं एक पेशेवर अपराधी की तरह खुद को बचाने के लिए हर शातिर चाल चलता रहा. खुद पर बलात्कार का आरोप लगने के बाद से ही उसने मोबाइल के 17 सिम बदले. हर सिम का इस्तेमाल एक बार करके उसे तोड़ देता है. आखिरी बार आगरा के अपने साधक से सिम मांगा लेकिन उसने देने से मना कर दिया.

जो दिनभर में कान्हा बन लोगों को धर्म का पाठ पढ़ाता था, दुनिया की नज़रों से हटते ही सेक्स गैंग का सरगना बन जाता. जी हां, तफ्तीश के आईने में पुलिस को नारायण साईं का जो नया अक्स दिख रहा है, वो ऐसा ही है. उनके इस गैंग का एक ही टार्गेट था, नई-नई लड़कियों को फंसा कर 'मोटा-भगवान' की कुटिया तक ले जाना और फिर बंद कुटिया में भक्तों की आबरू तार-तार करना.

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मंच पर ता-ता थैय्या कराते-कराते आसाराम ने कब अपने बेटे नारायण साईं को सेक्स गैंग चलाने की सलाहियत दे दी, ये बाप-बेटे के करतब देख रहे लाखों भक्तों को पता ही नहीं चला.

वो तो गुजरात पुलिस ने जब आसाराम को बल्ताकार के इल्ज़ाम में गिरफ्तार कर उनसे उनके करतूतों के बारे में पूछताछ की, तो ना सिर्फ़ खुद आसाराम के बल्कि उनके बेटे नारायण साईं के गैंग की भी पोल-पट्टी खुल कर ज़माने के सामने आ गई. पता चला कि नारायण साईं भी अपने पिता आसाराम की तरह बाकायदा अपने साधक रूपी गुर्गों की गैंग लेकर देश भर में फिरता था. और इस गैंग का सिर्फ़ और सिर्फ़ एक ही काम था, नई-नई लड़कियों को फांस कर नारायण साईं के सामने पेश करना.

गुजरात पुलिस के सूत्रों की मानें तो नारायण साईं ने अपने इस गैंग में काम करने वाले हर गुर्गे को अलग-अलग काम सौंप रखे थे. कोई लड़की को तथाकथित समर्पण के लिए तैयार करता तो कोई समर्पण के बाद लड़की को स्पेशल महसूस कराता. और अगर कोई लड़की बगावत करती, तो उससे निपटने का काम भी कोई और करता. कुल मिलाकर, साईं का सेक्स गैंग कई मायनों में अपने बाप आसाराम के गैंग से भी बढ़ कर था.

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