पति करीब सवा दो महीने से जेल में है. बेटा लगभग बीस दिन से भागा-भागा फिर रहा है. प्रवचन, सत्संग सब दुकानें बंद पड़ी हैं. पति और बेटे की करतूत से खुद भी ना बच सकी, पर इसके बावजूद आसाराम बापू की पत्नी पति की बदनामी के करीब तीन महीने बाद पहली बर सामने आईं. सामने आई और वो बोल गईं जिसे जिसने भी सुना वही चौंक उठा.
क्या आप यकीन करेंगे कि दूसरों की बीवी-बेटी पर बुरी नजर डालने का आरोप झेल रहे आसाराम बापू की खुद अपनी पत्नी आसाराम को अब अपना पति नहीं मानती? आप मानें या ना मानें पर आसाराम की कानूनी बीवी लक्ष्मी खुद ये कुबूल कर रही हैं कि आसाराम अब उनके पति हैं ही नहीं.
दरअसल, लक्ष्मी का कहना है कि आसाराम ने शादी के सात साल बाद ही ब्रह्मचर्य कुबूल लिया था. यानी सात साल साथ रहने के बाद अचानक आसाराम ने एक दिन लक्ष्मी से जिस्मानी तौर पर दूरी बना ली और फिर वक़्त गुज़रने के साथ लक्ष्मी ने भी उनके इस फ़ैसले को कुबूल कर लिया. वो आसाराम को अपने पति की बजाय अपना गुरु मानने लगी और अब लक्ष्मी ने कहा है कि जब उनके पति खुद कई सालों से उनसे ही दूर रहते हैं, तो फिर वो किसी और लड़की के साथ रिश्ते कैसे बना सकते हैं या फिर किसी के साथ बलात्कार कैसे कर सकते हैं?
दरअसल, लक्ष्मी ने अपने पति आसाराम के ऑफिशियल वेबसाइट में अपने पति और बेटी के हक़ में अपना जो इंटरव्यू जारी किया है, उसमें उन्होंने कुछ ऐसी ही बातें कहीं हैं. इस इंटरव्यू में लक्ष्मी ने आसाराम, अपना और अपनी बेटी का बचाव तो किया है, लेकिन हैरानी भरे तरीके से इस पूरे इंटरव्यू में दूर-दूर तक कहीं भी उनके बेटे नारायण साईं का ज़िक्र नहीं है, जबकि आसाराम और उनकी पत्नी और बेटी इस वक़्त जिस तरह के आरोपों से घिरी हैं, बेटा नारायण साईं पर भी ना सिर्फ़ वही आरोप है, बल्कि वो तो लगातार पुलिस से बचने के लिए छुपता फिर रहा है.
वैसे आसाराम की वेबसाइट पर रविवार को जारी किए गए इस इंटरव्यू में बेशक लक्ष्मी ने पहली बार अपना मुंह खोला हो, उनका पूरा वेबसाइट इन दिनों धर्म-कर्म और आध्यात्म की बातों से कम, आसाराम और उनके कुनबे के बचाव की बातों से ही ज़्यादा रंगा पड़ा है.
एक तरफ लक्ष्मी सिरुमलानी, आसाराम की पत्नी, जो आसाराम को अब अपना पति नहीं बल्कि गुरु बता रही हैं. वजह दे रही हैं कि आसाराम तो कब के ब्रह्मचारी हो चुके हैं और दूसरी तरफ आसाराम के पूर्व वैद्य और सेवादार, जो कह रहे हैं कि आसाराम तो यौन शक्ति वर्द्धक दवाएं लेते हैं. और वो भी आज से नहीं, बल्कि सालों से.
समझ में नहीं आता, किसे सच्चा मानें और किसे झूठा कहें, क्योंकि अगर आसाराम की पत्नी की बातों पर यकीन करते हैं, तो आसाराम के पुराने वैद्य और सेवादार की बातें झूठी हो जाती हैं और अगर वैद्य और सेवादार की बातों को सच मानते हैं तो आसाराम की पत्नी की बातें गलत हो जाती हैं, लेकिन ये भी सच है कि इन दोनों में से कोई तो ऐसा जरूर है, जो झूठ बोल रहा है, क्योंकि इसी सच-झूठ की खींचतान में आसाराम की पूरी असलियत छिपी है.
सवाल यही है कि अगर लक्ष्मी के मुताबिक आसाराम अपनी शादी के सात साल बाद ही ब्रह्मचारी बन चुके थे, तो फिर वो यौन शक्ति वर्द्धक दवाओं का क्या करते थे? आख़िर उन्हें अपनी ऊर्जा और ताकत के लिए ऐसी बूटियों की दरकार क्यों होती थी, जो आम तौर पर किसी गृहस्थ या आमोद-प्रमोद प्रेमी इंसान की ज़रूरत होती है? ज़ाहिर है अगर आसाराम के ये दोनों पुराने खिदमतगार सच बोल रहे हैं, तो इसी सच्चाई की रौशनी में उन पर लगे यौन शोषण और बलात्कार के इल्ज़ामों की हक़ीक़त को भी तौला जा सकता है.
वैसे लक्ष्मी सिर्फ़ आसाराम का बचाव ही नहीं कर रही हैं, बल्कि आसाराम की वेबसाइट पर उन्होंने अपना जो वीडियो इंटरव्यू अपलोड किया है, उसमें उन्होंने खुद पर अपनी बेटी भारती पर लगे इल्ज़ामों को भी झूठा करार दिया है. लक्ष्मी से पूछे जाने पर कि पुलिस कहती है कि वो खुद भी अपने पति आसाराम से परेशान रहती थीं, लक्ष्मी ने इसे बेबुनियाद क़रार दिया.
एक सवाल के जवाब में वो कहती हैं कि क्या कोई पत्नी और बेटी अपने पति या पिता के लिए लड़कियों का इंतज़ाम कर सकती है? ठीक इसी तरह वो बेटी भारती के हक़ में कहती हैं कि भारती खुद बहुत संयमवाली ज़िंदगी जीती हैं, वो भटके हुए लोगों को सही रास्ते पर ला रही है, ऐसे में भला वो खुद कैसे ऐसी हरकतों में शामिल हो सकती है?
ज़ाहिर है, लक्ष्मी पूरी ताकत से अपना बचाव कर रही हैं, लेकिन पुलिस की निगाह में आसाराम के साथ-साथ खुद लक्ष्मी और भारती भी कम गुनहगार नहीं हैं.