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असम-मिजोरम की सीमा पर फिर बवाल, एक विस्फोट ने बढ़ा दिया तनाव

अब असम-मिजोरम सीमांत के हैलाकंडी इलाके में विस्फोट की खबर है. कोई घायल तो नहीं हुआ है लेकिन इस विस्फोट ने दोनों राज्यों को फिर एक दूसरे के सामने खड़ा कर दिया है.

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असम-मिजोरम की सीमा पर ब्लास्ट ( सांकेतिक फोटो)
असम-मिजोरम की सीमा पर ब्लास्ट ( सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • असम-मिजोरम की सीमा पर फिर बवाल
  • एक विस्फोट ने बढ़ा दिया तनाव
  • मिजोरम का सुरक्षाकर्मी हुआ गिरफ्तार

असम-मिरोजम के बीच की तल्खी कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है. स्थिति सुधरने से पहले ही तनाव फिर खड़ा होता दिख जाता है. अब असम-मिजोरम सीमांत के हैलाकंडी इलाके में विस्फोट की खबर है. कोई घायल तो नहीं हुआ है लेकिन इस विस्फोट ने दोनों राज्यों को फिर एक दूसरे के सामने खड़ा कर दिया है.

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असम-मिजोरम में फिर विवाद

ये घटना शनिवार तड़के की बताई जा रही है और असम पुलिस ने मिजोरम के एक सुरक्षाकर्मी को मौके से गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक जिस समय ये विस्फोट हुआ था, तब मौके पर मिजोरम का ये सुरक्षाकर्मी भी घूम रहा था. इसके पास से एक कॉर्डेक्स तार भी बरामद हुआ. ऐसे में असम पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और अब आगे की जांच की जा रही है. अब क्योंकि मिजोरम के एक सुरक्षाकर्मी की गिरफ्तारी हुई है, ऐसे में तनाव कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है.

घटना के तुरंत बाद इलाके में सेना के जवान भी भारी संख्या में खड़े कर दिए गए हैं. उन जवानों की वजह से मिजोरम के कई श्रमिक भाग खड़े हुए हैं. अब इस मामले में मिजोरम के नेता फिर असम पुलिस की कार्रवाई को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. मिजो संगठन मिजो जिरलाई पावल ने एक बयान जारी कर कहा है कि अगर उनके सुरक्षाकर्मी को जल्द नहीं छोड़ा गया तो असम के वाहनों को मिजोरम में एंट्री नहीं मिलेगी.

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पुल निर्माण को लेकर भी बवाल

वैसे जिस समय ये विस्फोट हुआ है, उसकी टाइमिंग को लेकर भी कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. दरअसल बीते कुछ दिनों से असम पुलिस कचुरथल इलाके में बन रहे एक पुल निर्माण का विरोध कर रही है. अब ये पुल कुल पांच ऐसी जगहों से होता हुआ निकलेगा जहां पर दोनों मिजोरम और असम के बीच सीमा विवाद है. ऐसे में उस विरोध के बीच ही ये विस्फोट हुआ है और अब असम सरकार इसकी एक विस्तृत जांच करना चाहती है.

जानकारी के लिए बता दें कि असम और मिजोरम के रिश्ते इस साल 26 जुलाई को सबसे ज्यादा बिगड़ गए थे. तब दोनों राज्यों के बीच जमकर हिंसा हुई थी जिसमें असम पुलिस के 6 जवान शहीद हुए थे. कई आम नागरिकों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी. उस भयंकर हिंसा के कुछ दिन बाद ही दोनों राज्यों के बीच सहमति बनी थी कि संबंधित बलों और अधिकारियों को विवादित और अशांति वाले क्षेत्रों में नहीं भेजा जाएगा.

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