scorecardresearch
 

UP: पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री और उनके पिता की 2.54 अरब की संपत्ति कुर्क

लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा कि जब परिवार का जीविकोपार्जन नहीं चल पा रहा था तो इसने 1988 में निसार अली नामक व्यक्ति के यहां 12 सौ प्रति माह में नौकरी करना शुरू किया और उसके बाद अभियुक्त ने एक संगठित गिरोह बना लिया, जिसका नेतृत्व ये खुद करने लगा.

Advertisement
X
लखनऊ पुलिस (फाइल फोटो-पीटीआई)
लखनऊ पुलिस (फाइल फोटो-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सपा सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे मोहम्मद इकबाल की संपत्ति जब्त
  • बाप-बेटे ने खड़ा किया अवैध धंधे का साम्राज्य
  • लखनऊ पुलिस की बड़ी कार्रवाई

पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ ने सोमवार को अवैध संपत्तियों पर बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने सरकारी जमीनों पर गिरोह बनाकर अवैध कब्जा करने वाले अजमत अली और सपा सरकार में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रहे उसके बेटे मोहम्मद इकबाल की 2.54 अरब की संपत्ति को कुर्क कर लिया है. 

Advertisement

लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि अजमत अली गिरोहबंद समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम की धारा 14(1) के तहत राज्य के पक्ष में कुर्क किये जाने का आदेश पारित किया गया है. पुलिस कमिश्नर ने जानकारी देते हुए बताया कि कुल अवैध संपत्तियों की बात करें तो ये 2 अरब 54 करोड़ 45 लाख 2 हज़ार 9 सौ 51 रुपए की है. वहीं पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर के आदेश पर पुलिस ने देर शाम 10 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की लग्जरी गाड़ियों को भी जब्त किया और लखनऊ के थाना मड़ियांव पहुंचाया. लग्जरी गाड़ियों की सूची बनाई गई और उसके बाद आरोपियों के परिजनों को इसे रिसीव भी कराया गया. 

1200 रुपये में करता था काम, अवैध कब्जा कर बन गया अरबों का मालिक

पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताते हुए कहा कि अजमत अली मड़ियांव स्थित ग्राम घैला का रहने वाला है और इसका जन्म साधारण परिवार में हुआ था. साधारण परिवार में जन्म होने के नाते उसका पालन पोषण भी सामान्य रूप से किया गया. अजमत अली की पैतृक संपत्ति की बात करें तो इसके पास नाम मात्र की पैतृक संपत्ति थी और कई भाई-बहन थे. इसके हिस्से में बहुत कम संपत्ति थी.

Advertisement

पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा कि जब परिवार का जीविकोपार्जन नहीं चल पा रहा था तो इसने 1988 में निसार अली नामक व्यक्ति के यहां 12 सौ प्रति माह में नौकरी करना शुरू किया और उसके बाद अभियुक्त ने एक संगठित गिरोह बना लिया, जिसका नेतृत्व ये खुद करने लगा. लखनऊ पुलिस आयुक्त ने बताया कि मोहम्मद इकबाल अजमत अली का पुत्र है और पूर्व में समाजवादी पार्टी सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री था और अजमत अली के गैंग का सदस्य है. 

पुलिस के अनुसार, अपराध में लिप्त होने के कारण थाना मड़ियांव में इसके ऊपर कई मुकदमे दर्ज भी किए गए. अजमत अली की बात करें तो उसके ऊपर हत्या की कोशिश, एससी-एसटी एक्ट सहित कुल 8 मुकदमे लखनऊ के मड़ियांव थाना में दर्ज हैं. पहला मुकदमा सन 2000 में लिखा गया था तो वहीं इसके बेटे इकबाल के ऊपर हमला करने के साथ-साथ अन्य  धाराओं में कुल तीन मुकदमे मड़ियाहूं थाने में ही दर्ज है. 

अरबों की अवैध संपत्ति सहित करोड़ों की लग्जरी कारें जब्त

पुलिस ने इनके नाम पर चल रहे मेडिकल कॉलेज, हॉस्टल को कुर्क किया है. पुलिस ने जिन संपत्तियों को कुर्क किया है. उसमें कैरियर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड हॉस्पिटल, एमबीबीएस बॉयज हॉस्टल, कैरियर पीजी इंस्टीट्यूट आफ डेंटल साइंस एंड हॉस्पिटल, नर्सिंग कॉलेज, स्टेडियम, भवन इंटर्वर्स हॉस्टल व परिसर, बीडीएस गर्ल्स हॉस्टल, बीडीएस बॉयज हॉस्टल, एमबीबीएस गर्ल हॉस्टल, डॉक्टर रेजिडेंस हॉस्टल, इंटर्न पीजी गर्ल्स हॉस्टल, कैंटीन, मेस, डेंटल कॉलेज परिसर में एसटीपी, ग्रामीण स्वास्थ्य परीक्षण केंद्र समेत शामिल है.

Advertisement

लग्जरी गाड़ियों की बात करें तो अकेले उनकी संपत्ति 10 करोड़  51 लाख, 15 हजार रुपए से ऊपर है.

बैंकों में ट्रस्ट के नाम से जमा धनराशि से खरीदी लग्जरी कार और बसें

पुलिस कमिश्नर ने जानकारी देते हुए आगे यह भी बताया कि पंजाब नेशनल बैंक घैला, एक्सिस बैंक, एसबीआई पांडेयगंज नादान महल रोड, आईसीआईसीआई नादान महल रोड में अजमत अली और मोहम्मद इकबाल एवं उनके परिजनों के नाम तथा ट्रस्ट के नाम से जमा धन राशि, जिसकी कुल कीमत 77 लाख 35 हज़ार 5 सौ 30 रुपए है इसे सीज किया गया है. 

इसके अलावा ट्रस्ट के नाम से लग्जरी वाहन क्रय किए गए जिसमें ऑडी, टोयोटा क्वालिस, सिटी लाइन बस फॉर्च्यूनर और अन्य वाहन शामिल हैं जिनकी कुल कीमत 10 करोड़ 91 लाख से अधिक है.

1995 में पहला एजुकेशनल ट्रस्ट बनाया था

लखनऊ पुलिस कमिश्नर के मुताबिक अजमत अली ने 1995 में शिवपुरी में एक छोटा सा स्कूल खोला था और उसके बाद 1995 में ही कैरियर कान्वेंट एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का निर्माण चकरोड की जमीन और सार्वजनिक रास्ते पर अवैध कब्जा कर किया.

फिर उसी ट्रस्ट से अर्जित संपत्ति से कमाए गए पैसों से अवैध रूप से वर्ष 1998 से 2000 के बीच कैरियर कान्वेंट कॉलेज बनाया. 2007 में कैरियर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल की बिल्डिंग नेशनल हाईवे से मिलाकर बनाना चालू किया गया और देखते ही देखते अवैध संपत्ति पर कब्जा करते हुए इसने ढाई अरब रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति खड़ी कर ली.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement