पाकिस्तान की सियासत कश्मीर से शुरू होती है और कश्मीर पर खत्म. वहां की सरकार और सेना दोनों को पता है कि कश्मीर का राग छेड़ते रहो बाकी सारी धुनें उसके आगे दब जाएंगी. फिर चाहे वो धुन खुद पाकिस्तान के अंदर पीओके, सिंध या सबसे बड़े राज्य बलूचिस्तान की ही क्यों ना हो. सिंध और बलूच में तो खैर अर्से से पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठती रही है. मगर अब पीओके ने भी पाकिस्तान को लेकर सुर बदल लिए हैं. पीओके में अब चीन-पाक के डैम प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रोटेस्ट चल रहा है.
बलूचिस्तान में पाकिस्तान से आजादी की मुहिम तेज हो रही है. पाकिस्तान के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. वहां की कई तस्वीरें सामने आ रही हैं. कुछ तस्वीरों में पाक अधिकृत कश्मीर यानी पीओके में चीन की तरफ से बनाए जा रहे डैम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को देखा जा सकता है. दूसरी तरफ सिंध के लोगों के गुस्से को दर्शाती तस्वीरें हैं, जो पाकिस्तान में लोगों को जबरन गायब करने के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. जबकि कुछ तस्वीरें बलूचिस्तान की हैं, जहां के रहने वाले लगातार पाकिस्तान से आजादी की मांग करते आ रहे हैं.
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बलूचिस्तान में कश्मीर की तरह अवाम भी मुसलमान है. मगर जितना दर्द पाकिस्तानी सरकार और सेना के दिल में कश्मीरियों के लिए है. उतनी ही नफरत पाकिस्तान में रहने वाले इन बलूचियों के लिए है. पाकिस्तान का ये वो सूबा है जो नक्शे में तो पाकिस्तान के अंदर आता है. मगर उसने खुद को कभी पाकिस्तान का हिस्सा माना ही नहीं. आधे से ज्यादा पाकिस्तान इस एक सूबे में समाया है. बावजूद इसके यहां के लोगों पर ज़ुल्मों सितम जारी है. आए दिन यहां धमाके होते हैं. बेगुनाह लोगों को उठा लिया जाता है. उन्हें जिंदा जला दिया जाता है.
बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना किस तरह कहर ढा रही है, उसकी हजारों तस्वीरें हैं. पाकिस्तानी सेना के सैनिकों ने एक गांव पर हमला कर पूरे गांव को ही आग के हवाले कर दिया था. एक बलूच ने उस खौफनाक घटना का वीडियो बनाया. वीडियो बनाने वाला शख्स लगातार पाकिस्तानी सैनिकों की ज्यादती की दास्तान बता रहा था. क्योंकि इनकी आंखों के सामने इनका सब कुछ जलकर राख हो गया. इतना ही नहीं विरोध करने पर इन्हें पीटा भी गया.
मुमकिन है कि आपके जहन में ये सवाल उठे कि आखिर मुसलमान होने के बावजूद पाकिस्तानी आर्मी इन पर क्यों ये ज़ुल्म-ओ-सितम कर रही है तो उसका जवाब ये है कि इन बलूचियों को आजादी के वक्त जबरन पाकिस्तान का हिस्सा बना दिया गया. ये तब भी संस्कृति और सभ्यता के हिसाब से अपने लिए नए मुल्क की मांग कर रहे थे और इनकी अब भी यही मांग है. ये पाकिस्तान के साथ नहीं रहना चाहते. क्योंकि इनसे उनकी सभ्यता मेल नहीं खाती, मगर फिर भी इन्हें पाकिस्तान के साथ रहने के लिए जबरन मजबूर किया जा रहा है.
पाकिस्तानी सेना के ज़ुल्म से ये इस कदर तंग आ चुके हैं कि इन्हें अब छुटकारा चाहिए पाकिस्तान से और आजादी चाहिए सेना के ज़ुल्म से. पिछले दो से ज्यादा दशकों से पाकिस्तानी आर्मी ने बलूचिस्तान को नर्किस्तान बना रखा है. क्योंकि पाकिस्तान को डर है कि अलग देश की इनकी मांग कहीं उसके टुकड़े-टुकड़े न कर दे.
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पाकिस्तान की सेना बलूच लोगों पर अत्याचार कर रही है. बलूचिस्तान के अवारन और सिब्बी इलाकों में पाकिस्तानी सेना का कहर बरपा रही है. घरों में घुस-घुसकर आग लगाया जा रहा है. हवाई हमले किए जा रहे है. लोगों को जिंदा जला दिया जा रहा है, जिसमें औरतें, बुज़ुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं. इतना ही नहीं किसी को भी कहीं से भी जबरन उठा लिया जाता है.
अब यह भी समझना जरूरी है कि ये बलूचिस्तान है क्या. नक्शे में अगर आपको समझाएं तो मौजूदा पाकिस्तान का आधे से ज्यादा हिस्सा पहले बलूचिस्तान कहलाता था. जहां बलूच कबीले के लोग रहते हैं. ये लोग एक अर्से से अपने लिए अलग राष्ट्र की मांग कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान जानता है कि अगर ये मांग सर उठाने लगी तो उनका मुल्क बर्बाद हो जाएगा. लिहाजा इन लोगों की आवाज को दबाने के लिए आए दिन पाकिस्तान यहां तबाही का ये खेल खेलता है. ताकि लोग खौफ में जियें और उनके दिलो दिमागों में अलग बलूचिस्तान का बीज उपजने ही न पाए.
बलूचिस्तान की जिन इलाकों में पाकिस्तानी आर्मी ने तबाही मचाती है उनमें अवारन, सिब्बी, हरनई, मारवार, पीर इस्माइल, जलादी और बाबर कच्छ शामिल है. एक आकड़े के मुताबिक इस नापाक आर्मी अब तक 20-25 हजार बेगुनाह बलूचिस्तानियों का निहायत ही बेरहमी से कत्ल कर चुकी है. हजारों लाखों की तादाद में बलूचिस्तानियों को अगवा कर लिया गया जो अब तक घर नहीं लौटे.
बलूचिस्तान की आजादी की बात करने वाले बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट को कुचलने के नाम पर पाकिस्तान सरकार पिछले कई सालों में बेगुनाहों को मौत के घाट उतार रही है. बलूचिस्तान से बाहर निकली इन जैसी तस्वीरों ने पाकिस्तान की दरिंदगी को बेपर्दा कर दिया है. दुनिया के सामने शराफत का जो नकाब पाकिस्तान ओढ़ने की कोशिश करता रहा है, वो हट गया है और उसकी हैवानियत की पोल खुल गई है.