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भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच से पहले सट्टा बाजार गर्म

धड़कनें रोक देने वाले पहले सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका को हरा कर न्यूजीलैंड वर्ल्ड कप के फाइनल मे पहुंच गई है. अब न्यूजीलैंड के साथ फाइऩल टीम इंडिया खेलेगी य़ा आस्ट्रेलिया इसका फैसला तो गुरूवार को ही होगा. मगर सट्टा बाजार फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम का फैसला अभी से कर चुकी है. वो टीम कौन सी है? टीम इंडिया या फिर आस्ट्रेलिया?

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धड़कनें रोक देने वाले पहले सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका को हरा कर न्यूजीलैंड वर्ल्ड कप के फाइनल मे पहुंच गई है. अब न्यूजीलैंड के साथ फाइऩल टीम इंडिया खेलेगी य़ा आस्ट्रेलिया इसका फैसला तो गुरूवार को ही होगा. मगर सट्टा बाजार फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम का फैसला अभी से कर चुकी है. वो टीम कौन सी है? टीम इंडिया या फिर आस्ट्रेलिया?

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गुरुवार को सिडनी में खेले जाने वाले वर्ल्ड कप क्रिकेट के दूसरे सेमीफ़ाइनल पर अब पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं. गरज़ ये कि इस मैच में जहां एक तरफ़ पर दुनिया की नंबर वन वन-डे टीम आस्ट्रेलिया है, वहीं दूसरी तरफ़ डिफेंडिंग वर्ल्ड चैंपियन टीम इंडिया.

वर्ल्ड कप 2015 के इस सबसे हाई प्रोफ़ाइल मैच को लेकर ये दिवानगी सिर्फ़ खेल-खिलाड़ी और क्रिकेट के चाहनेवालों तक ही सीमित नहीं.बल्कि इस खेल पर जुर्म की उस काली दुनिया की भी हज़ारों जोड़ी आंखें निगाहें गड़ाए बैठी हैं, जिन्हें दुनिया बेटिंग या सट्टेबाज़ी के नाम से जानती है.

एक मोटे अनुमान के मुताबिक सट्टेबाज़ों के लिए शुरू से ही सेंटर फॉर अट्रैक्शन रही टीम इंडिया और मेज़बान आस्ट्रेलिया के बीच होने वाले अकेले इसी मैच में दुनिया भर में तकरीबन 5 हज़ार करोड़ रुपए से भी ज़्यादा का सट्टा लगाए जाने का अनुमान है. जो अब तक किसी भी मैच में सट्टेबाज़ी के इतिहास में सबसे बड़ी रकम मानी जा रही है.

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बेटिंग सिंडिकेट चलानेवाले अरबपति धंधेबाज़ों के साथ हर गेंद पर हज़ारों कमाने और गंवाने वाले छोटे-मोटे पंटर भी दिल थामे इस मुकाबले का इंतज़ार कर रहे हैं. सट्टा बाज़ार से जुड़े सूत्रों पर यकीन करें तो इस मैच के लिए बाज़ार ने आस्ट्रेलिया के हक में जो भाव खोला है, वो 50-52 का है. मतलब साफ है कि अगर कोई पंटर आस्ट्रेलिया के हक में एक रुपए लगाता है, तो उसे आस्ट्रेलिया के जीतने पर 50 रुपए का फायदा होना तय है, जबकि भारत के हक में बोली लगाने पर मन मुताबिक नतीजे पर 52 रुपए मिलने हैं.

सट्टेबाज़ी की दुनिया का ये गणित ही ये बताने के लिए काफ़ी है कि वर्ल्ड कप क्रिकेट के इस दूसरे सेमीफ़ाइनल मैच में बेटिंग की दुनिया आस्ट्रेलिया को फेवरेट मान कर चल रही है. ये और बात है कि चूंकि ये मुकाबला कांटे का है, भाव में सिर्फ़ दो रुपए का ही फ़र्क है. कहने का मतलब ये कि इस मैच में आस्ट्रेलिया बेशक फेवरेट है, सट्टेबाज़ी की दुनिया इंडिया को भी कुछ कम नहीं आंक रही. चूंकि ये इस वर्ल्ड कप का अब तक का सबसे बड़ा मैच है, बुकीज़ मैच शुरू होने से पहले या शुरू होने के बाद ना सिर्फ़ अपना भाव बदल सकते हैं, बल्कि हर गेंद, टोटल स्कोर, विकेट्स, पहले दस गेंद और यहां तक कि पावर प्ले के रिज़ल्ट्स पर भी दांव खेलने की पूरी तैयारी में हैं.

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सिडनी में गुरुवार को टॉस के साथ ही ऑनलाइन सट्टे का जो सिलसिला शुरू होगा, वो मैच के आख़िरी गेंद तक चलता रहेगा. पेटी यानि हज़ार रुपए से चलनेवाले सट्टे के इस गणित के भी अपने ही नियम और कायदे हैं. वैसे तो सट्टेबाजों के मुताबिक पूरा सट्टा ऑनलाइन ही चलेगा, लेकिन ऑनलाइन बेटिंग के इस खेल के बीच इस बार सट्टा बाज़ार जिन दो खिलाड़ियों पर सबसे ज़्यादा दांव खेल सकता है, उनमें विराट कोहली और ग्लेन मैक्सवेल का नाम सबसे ऊपर है. कहने का मतलब ये कि टॉस से लेकर स्लॉग ओवर्स की हर गेंद पर इस बार सट्टा बाज़ार ने करोड़ों रुपए इधर-उधर करने की पूरी तैयारी कर रखी है. वैसे सट्टा तो भारत और बांग्लादेश के खिलाफ़ खेले गए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भी लगा था, लेकिन तब भाव 16 और 18 का था. इस मैच में टीम इंडिया बेशक फेवरेट थी, लेकिन बांग्लादेश के इस वर्ल्ड कप के ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए बुकीज़ ने उसे भी रेस में डाल रखा था.

वर्ल्ड कप पर 50 करोड़ का सट्टा

जिस टूर्नामेंट का एक मैच 5 हज़ार करोड़ का हो, उस पूरे टूर्नामेंट की क़ीमत अगर 50 हज़ार करोड़ रुपए तक पहुंच जाए, तो हैरानी नहीं हो चाहिए.इतनी बड़ी रकम के बारे में सोचना बेशक अटपटा लगता हो, लेकिन सट्टा बाजार में ग्यारहवें वर्ल्ड कप क्रिकेट को लेकर जितना पैसा लग रहा है, वो अपने आप में रिकार्ड है.

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इसकी एक बड़ी वजह इस बार रनों की बारिश भी है. अगर ऐसा नहीं होता, तो इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल इस वर्ल्ड कप के आयोजन के लिए जितने रुपए खर्च रही है, उससे कहीं सौ गुने से भी ज़्यादा रकम सिर्फ़ इस इवेंट के सहारे चल रही सट्टेबाज़ी के खेल में नहीं लगे होते. आप यकीन करें या ना करें, लेकिन सट्टेबाज़ी की दुनिया की ख़बर रखने वाले लोग जानते हैं कि इस टूर्नामेंट में पूरी दुनिया में इस बार करीब 50 हज़ार करोड़ रुपए का सट्टा खेला जा रहा है. ये रकम उस रकम से भी सौ गुना ज़्यादा है, जो आईसीसी इस ग्यारहवें वर्ल्ड कप को आयोजित करने में खर्च कर रहा है.

बल्कि सच तो ये है कि पिछले वर्ल्ड कप के मुकाबले सट्टेबाज़ी की ये रकम बढ़ कर दो गुने से भी ज़्यादा हो गई है. यानी पिछली बार जहां वर्ल्ड कप पर दुनिया भर में 20 हज़ार करोड़ रुपए का सट्टा खेले जाने का अनुमान था, वहीं इस बार ये आंकड़ा 50 हज़ार को भी पार कर गया है. वर्ल्ड कप में 26 तारीख को होने वाले इंडिया आस्ट्रेलिया के मैच में सिर्फ हार-जीत पर ही दांव नहीं लगने वाला है, बल्कि हर गेंद, हर रन, हर विकेट, हर कैच और यहां तक कि नो और वाइड बॉल तक पर लाखों-करोड़ों रुपए इधर से उधर होनेवाले हैं.

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इसके अलावा, मौसम, टॉस और खिलाड़ियों के निजी प्रदर्शन तक पर सटोरिए दांव खेल रहे हैं. यानी कुल मिला कर सौ ओवरों वाले एक वनडे मैच में फेंकी जाने वाली तमाम 600 गेंदों पर नोटों की बरसात हो रही है. यही वजह है कि सट्टा बाजार के लिए क्रिकेट सबसे फायदे का धंधा है और सटोरिये इसके लिए बड़ा जोखिम उठाते रहते हैं.

मुनीष देवगन और नितिन जैन, आजतक

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