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बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट: लश्कर मॉड्यूल, मैंगलुरु कनेक्शन... इन दो आतंकियों की तलाश में खुफिया एजेंसियां

बेंगलुरु में ब्रुकफील्ड इलाके के रामेश्वरम कैफे में हुए धमाके की जांच कर रही कर्नाटक पुलिस और एनआईए को दो आतंकियों की तलाश है. खुफिया एजेंसियों को शक है कि इस ब्लास्ट केस में दोनों आतंकियों की अहम भूमिका है. इनके नाम जुनैद और सलमान बताए जा रहे हैं.

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खुफिया एजेंसियों ने बेंगलुरु में लश्कर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था.
खुफिया एजेंसियों ने बेंगलुरु में लश्कर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था.

बेंगलुरु में ब्रुकफील्ड इलाके के रामेश्वरम कैफे में हुए धमाके की जांच कर रही कर्नाटक पुलिस और एनआईए को दो आतंकियों की तलाश है. खुफिया एजेंसियों को शक है कि इस ब्लास्ट केस में दोनों आतंकियों की अहम भूमिका है. इनके नाम जुनैद और सलमान बताए जा रहे हैं. आजतक/इंडिया टुडे को सूत्रों से जानकारी मिली है कि दोनों इस वक्त अजरबैजान में मौजूद हैं. दोनों की लोकेशन पहले दुबई में मिली थी, लेकिन बाद में वो वहां से फरार हो गए. दोनों लश्कर मॉड्यूल के सदस्य बताए जा रहे हैं.

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जानकारी के मुताबिक, जुलाई में खुफिया एजेंसियों ने बेंगलुरु में लश्कर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था. इसमें छह लोग गिरफ्तार किए गए थे. आरोपियों के पास से जो हथियार बरामद हुए थे, उसे लश्कर- के आतंकी सलमान ने भिजवाया था. इस मॉड्यूल फंडिंग जुनैद ने की थी. दोनों कर्नाटक की जेल में एक कुख्यात आतंकी टी-नजीर से मिले थे. उसने ही इन दोनों का ब्रेन वॉश करके आतंकी गतिविधियों के लिए प्रेरित किया था. इस मॉड्यूल का नेटवर्क, कर्नाटक, केरला और महाराष्ट्र में फैला हुआ है.

लश्कर मॉड्यूल की आशंका के मद्देनजर एनआईए की टीम ने मंगलवार तड़के सात राज्यों में एक साथ छापा मारा है. कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु समेत सात राज्यों के 17 ठिकानों की केंद्रीय जांच एजेंसी तलाशी ले रही है. एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी टी-नजीर हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कैदियों को कट्टरपंथी बना रहा था. बेंगलुरु विस्फोट की जांच के सिलसिले में एनआईए द्वारा किए गए छापे खासे अहम हैं.

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रामेश्वर कैफे में हुए धमाके की तफ्तीश करने उतरी पुलिस को एक पुराने धमाके की याद ताजा हो गई. दो साल पहले वो धमाका कर्नाटक के मैंगलुरु में हुआ था. लेकिन तब ये ब्लास्ट एक प्रेशर कुकर से किया गया था. 19 नवंबर 2022 को मैंगलुरु में ऑटो उस वक्त ब्लास्ट हुआ था जब शारिक नाम का संदिग्ध कुकर में IED बम लेकर जा रहा था. कैफे ब्लास्ट में जिस तरह का IED इस्तेमाल किया गया था, उसी तरह का विस्फोटक मैंगलुरु में हुए कुकर ब्लास्ट में किया गया था. दोनों में काफी समानताएं हैं.

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बेंगलुरु में हाई प्रोफाइल ब्रुकफील्ड इलाके में स्थित रामेश्वरम कैफे काफी मशहूर है. यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं. शायद यही वजह है कि धमाके के लिए इस जगह को चुना गया था. इस धमाके में 10 लोग घायल हुए थे. धमाका होते ही अंदर धुआं भर गया और जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने नजर आए थे. शुरू में लोगों को लगा कि शायद ये सिलिंडर ब्लास्ट है, लेकिन जब पुलिस और NIA की टीम मौके पर पहुंची तो शक की सूई दूसरी ओर घूम गई. इसके बाद केस पूरी तरह NIA को सौंप दिया गया.

एनआईए की टीमों ने पहले मोहम्मद उमर, मोहम्मद फैसल रब्बानी, तनवीर अहमद और मोहम्मद फारूक जुनैद के ठिकानों पर छापेमारी में कई डिजिटल डिवाइस, आपत्तिजनक दस्तावेज और 7.3 लाख रुपए नकद जब्त किए थे. चेन्नई में एनआईए की छापेमारी में दो आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया था. इनमें से एक आतंकी का नाम थमीम आशिक और दूसरे का नाम हसन अली है. दोनों के तार नसीर से जुड़े बताए जा रहे हैं. इसके बाद एनआईए की टीम ने रामनाथपुरम में थमीम के पिता समशुदीन के आवास पर भी छापेमारी की है.

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यह भी पढ़ें: इडली का ऑर्डर, कैफे में ब्लास्ट, खौफनाक साजिश... कहां है बेंगलुरु को दहलाने वाला 'आतंकी'?

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इस धमाके के बाद जांच एजेंसियों को एक संदिग्ध का सीसीटीवी फुटेज भी हाथ लगा था, जिसमें उसे सफेद रंग के कैप और ग्रे-रंग के शर्ट में देखा गया. उसने अपनी पीठ पर बैग लटका रखा था, जिसमें संभावित रूप से संदिग्ध बम लेकर आया था. सीसीटीवी से पता चला था कि वो शख्स एक बस से आया, स्टैंड में कुछ समय बिताया और फिर कैफे में बम रखकर फरार हो गया. सीसीटीवी वीडियो में संदिग्ध के बस स्टैंड में रुकने की समय सीमा को लेकर सवाल है कि क्या उसने स्टैंड में ही बम का टाइमर सेट किया था? 

सीसीटीवी वीडियो में संदिग्ध बस से उतरता है, वहीं स्टैंड में अपना कुछ समय बिताता है, फिर वहां रखी कुर्सी पर अपना बैग रखता है और उसका चेन खोलता नजर आता है. इस हरकत को लेकर आशंका जताई जा रही है कि संदिग्ध ने वहीं बम का टाइमर सेट किया होगा. सीसीटीवी वीडियो देखे जाने के बाद ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या शख्स बस स्टैंड में टाइमर सेट करने के बाद कैफे में घुसा? क्या बस स्टैंड में ही संदिग्ध ने टाइमर का स्विच ऑन कर दिया था? सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि संदिग्ध बस से उतरा, स्टैंड में समय बिताए, कैफे में घुसा, कुछ खाने का ऑर्डर किया और फिर जल्द ही वहां से निकल गया. संदिग्ध ने कैफे में सिर्फ 9 मिनट बिताए और फिर वहां से चलता बना.

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