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दिल्ली के सबसे बड़े सीरियल रेपिस्ट की खौफनाक दास्तान

वो इंसान जब-जब कपड़े बदलता उसके अंदर का इंसान अचानक शैतान बन जाता था. पता नहीं उस जींस और टीशर्ट में ऐसा क्या था कि उसे पहनते ही वो मासूम बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाने स्कूल की तरफ चल पड़ता था. 13 सालों में उसने करीब 600 बार कपड़े बदले और लगभग 700 मासूम बच्चिय़ां उसका शिकार बनीं.

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आरोपी रुद्रपुर से दिल्ली आकर वारदातों को अंजाम देता था
आरोपी रुद्रपुर से दिल्ली आकर वारदातों को अंजाम देता था

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वो इंसान जब-जब कपड़े बदलता उसके अंदर का इंसान अचानक शैतान बन जाता था. पता नहीं उस जींस और टीशर्ट में ऐसा क्या था कि उसे पहनते ही वो मासूम बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाने स्कूल की तरफ चल पड़ता था. 13 सालों में उसने करीब 600 बार कपड़े बदले और लगभग 700 मासूम बच्चिय़ां उसका शिकार बनीं.

जींस और टीशर्ट पहनकर बन जाता था हैवान
250 किलोमीटर की दूरी तय कर वो दिल्ली सिर्फ इसलिए आता था ताकि इस जींस और टीशर्ट को पहन सके. बड़ा मज़ा आता था उसे इसे पहनकर. मज़ा इसलिए आता था क्योंकि इसे पहनने के बाद उसके दिलो दिमाग पर अजीब सी मदहोशी छाने लगती थी. वो अलग ही दुनिया में चला जाता था. हैवानियत की दुनिया. वहशीपन की दुनिया. दरिंदगी की दुनिया. वो दुनिया जिसमें वो मासूम बच्चियों को शिकार बनाता. उसे पता था कि वो जो कर रहा है वो गलत है. मगर फिर भी हफ्ते में एक बार वो ये काम करता ही था. और इसे करने के लिए वो हर हफ्ते ट्रेन से दिल्ली आता था.

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600 बार किया सफर, 700 वारदात
13 साल से ये सिलसिला जारी था. इन 13 सालों में वो 600 बार दिल्ली आया और 700 बार उसने ये जींस और टीशर्ट पहनी. और जब-जब पहनी तब-तब दिल्ली-एनसीआर की कोई न कोई मासूम बच्ची हैवानियत का शिकार जरूर बनी. किसी का रेप किया. किसी का शोषण. किसी को बस छुआ. तो किसी को पहलू में बिठाया. और कभी-कभी पकड़े जाने के डर से छोड़ भी दिया. वो दिल्ली आता था और बच्चियों के स्कूल के बाहर खड़ा होकर बस स्कूल की छुट्टी की घंटी की आवाज़ सुनने के लिए बेकरार रहता था. स्कूल के गेट से बाहर आने वाली बच्चियों में जो भी इसे अकेली दिखती ये उसी को शिकार बनाने की फिराक में लग जाता.

वारदात के बाद रुद्रपुर लौट जाता था दरिंदा
13 लंबे बरसों में 7 से 10 साल की 700 बच्चियों को इसने इसी तरह अपना शिकार बनाया. इसके बाद जब काम पूरा हो जाता तो उसी रात चुपचाप वापस अपने शहर रूद्रपुर लौट जाता. कई बरसों तक पुलिस को इसने यूं ही छकाया. हर वारदात के बाद पुलिस पूछताछ के बाद जो हुलिया तैयार करती थी वो हमेशा ऐसा ही होता था. बहुत मुमकिन है कि 38 साल का ये गुनहगार सइको हो. वरना जिसके घर में खुद तीन-तीन बच्चे हों वो भला मासूमों के साथ ये गंदी हरकत क्यों करेगा. वो भी 700 बच्चियों के साथ.

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वहशी दरिंदा है रुद्रपुर का सुनील रस्तोगी
इनमें बहुत से मामले तो ऐसे भी हैं जिनकी शिकायत भी पुलिस के पास दर्ज नहीं है. ऐसे मामलों को न तो परिवार कभी सामने आया और न ही इसका शिकार हुई बच्चियां ठीक से बयान दे पाईं. और इसी का फायदा उठाकर सुनील रस्तोगी नाम का वो शख्स 13 साल से हैवान बना घूमता रहा.

पहले भी 6 महिने जेल में था दरिंदा
हैवानियत की हद देखिए कि पकड़े जाने के बाद भी अफसोस करने के बजाए इसे अपने कसीदे पढ़ने में मज़ा आ रहा है. पुलिस पूछताछ में इसका कहना था कि 2500 से ज्यादा मासूमों के साथ इसने वारदात को अंजाम देने की कोशिश की. और इस दौरान सिर्फ एक बार ही उसे 6 महीने के लिए जेल में रहना पड़ा. वो भी दिल्ली में नहीं बल्कि उत्तराखंड के रुद्रपुर में. तब से ही इसने कसम खाई थी कि वो इस जींस और टीशर्ट को दिल्ली की धरती पर उतर कर ही धारण करेगा और इसने किया भी यही और जब जब ऐसा किया तब तब एक मासूम इसका शिकार बनी.

ऐसे पकड़ा गया ये वहशी
कहते हैं कि मुजरिम भले ही कितना चालाक क्यों न हो. कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं. इतने कि मुजरिम की गर्दन तक पहुंच ही जाते हैं. रूद्रपुर के इस सीरियल रेपिस्ट को पकड़ने में देर भले हुई. 13 साल का वक़्त लगा. मगर जो शख्स 13 बरस से पुलिस को घुमा रहा था उसे एक सीसीटीवी कैमरे ने चकमा दे दिया और 700 मासूमों का गुनहगार आखिरकार पकड़ा गया.

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तीन रेप की वारदातों ने खोली पुलिस की आंखें
एक साथ तीन-तीन बच्चियों के साथ बलात्कार की शिकायतों की तफ्तीश करते हुए जब दिल्ली की न्यू अशोक नगर पुलिस ने बच्चियों से पूछताछ शुरू की, तो उसे गुनहगार के हुलिए के बारे में काफ़ी हद तक पता चल चुका था. ये पुलिस के लिए इस सीरियल रेपिस्ट का पहला सुराग़ था. इसके बाद वारदात का शिकार हुई एक बच्ची ने पुलिस को बताया कि वो किस वक्त उसे कहां से कैसे बहला-फुसला कर अपने साथ ले गया था. ये पुलिस के लिए दूसरा सुराग़ था. और इसी दूसरे सुराग़ की बिनाह पर पुलिस ने उस रास्ते के कुछ सीसीटीवी कैमरों के फुटेज निकलवाए.

सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिया आरोपी
और इत्तेफ़ाक से एक सीसीटीवी फुटेज में वही शख्स नज़र आ गया, जिस पर पुलिस को शक था. बल्कि इस फुटेज में वो अकेला नहीं, बल्कि उसके साथ वो बच्ची भी थी, जिसे वो धोखे से रेप के इरादे से अपने साथ लेकर गया था. ये सीसीटीवी फुटेज देखते ही बच्ची बेसाख्ता रोने लगी और अब पुलिस के लिए बच्ची से कुछ भी पूछना बाकी नहीं था. पुलिस ने अब नए सिरे अपनी तफ्तीश शुरू की. सीसीटीवी फुटेज का ग्रैब निकलवा कर उसकी कई तस्वीरें बनवाईं और उन तस्वीरों को लेकर हर मकान और दुकान में दस्तक दी. आख़िरकार पुलिस की ये कोशिश काम कर गई. न्यू अशोक नगर इलाक़े में ही एक टेलर मास्टर ने उसे पहचान लिया और बताया कि ये उत्तराखंड के रुद्रपुर का रहनेवाला सुनील रस्तोगी है, जो कभी उसके यहां टेलर का काम किया करता था.

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पकड़ा गया दरिंदा
अब बच्चियों के गुनाहागार की पहचान साफ़ हो चुकी थी. कुछ बाकी था, तो उसे पकड़ना. और वो दिन भी जल्द ही आ गया. शनिवार यानी 14 जनवरी 2017 के दिन सुनील एक बार फिर से अपने घर रुद्रपुर से दिल्ली पहुंचा. इस बार भी वो किसी बच्ची को अपना शिकार बनाने के इरादे से ही यहां आया था. लेकिन इससे पहले कि वो फिर से किसी मासूम की आत्मा रौंदने में कामयाब हो पाता, पुलिस ने उसे दबोच लिया.

गिनती सुनकर हैरान रह गई पुलिस
गिरफ्त में आने के बाद उसने जो कहानी सुनाने की शुरुआत की, उससे खुद पुलिसवाले भी भौंचक्के रह गए. पहले तो उसने कहा कि उसे ये याद ही नहीं है कि अब तक उसने कितनी बच्ची को अपना शिकार बनाया हो गया, लेकिन बाद में उसने 13 सालों का हिसाब लगा कर बताया कि कम से काम सात सौ बच्चियां तो होंगी, जिसके साथ उसने ऐसी ज़्यादती की. रुद्रपुर का रहने वाला सुनील रस्तोगी नामक वो शख्स खुद पांच बच्चों का बाप है. लेकिन फिर भी नामालूम उसके दिमाग़ में कैसा फितूर सवार है कि वो बच्चियों के साथ रेप करता घूम रहा था.

जेल जाने के बाद भी नहीं सुधरा सुनील
साल 2004 में वो रुद्रपुर में ही एक बच्ची के साथ रेप करने के मामले में जेल गया था. लेकिन जेल से बाहर आने के बाद सुधरने की बजाय सीरियल रेपिस्ट ही बन गया. बच्चियों के इस गुनहगार के साथ एक अजीब बात ये थी कि उसने छह सालों में हर रेप एक ही कपड़े में किया. कहने का मतलब ये कि जब वो एक खास टीशर्ट, जींस और जूते पहनता था. वो खुद पर काबू नहीं रख पाता था. और फिर अपने शिकार की तलाश में निकल पड़ता था.

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न्यू अशोक नगर था ठिकाना
उसने इस काम के लिए ही दिल्ली के न्यू अशोक नगर इलाक़े को भी टार्गेट में रखा था, जहां वो कभी काम किया करता था. वो रुद्रपुर से हर बार करीब ढाई किलोमीटर का सफ़र तय कर सिर्फ़ किसी बच्ची के साथ रेप करने के इरादे से ही दिल्ली आता था. दिल्ली में किसी मासूम को अपना शिकार बना कर वापस लौट जाता था. इधर, पुलिस दरिंदे की तलाश करती रह जाती थी. लेकिन इस बार उसका राज़ खुल गया. पीड़ित बच्चियों के बयान और सीसीटीवी फुटेज की बदौलत आख़िर वो दरिंदा पकड़ा गया.

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