जिस हाथ में तलवार थी वो सरक गई, उससे कानून ने अपना दायां हिस्सा बचाया. जिस हाथ में तराज़ू था वो छूट गया उससे इंसाफ ने अपने बाएं हिस्से को महफूज़ किया. जिन आंखों पर पट्टी थी वो खुल गई और उन खुली आंखों ने, आंखों के सामने तनी हुई पिस्तौल में अपनी मौत देखी. इस तरह इंसाफ के दर पर, इंसाफ की देवी ने जज अविनाश कुमार के चैंबर में अपनी खुली आंखों से बिहार के मधुबनी में गुंडई का नंगा नाच देखा.
अपने यहां कुछ भी हो सकता है और कुछ भी मुमकिन है. ये भी कि कोई थानेदार किसी जज को उसी की कोर्ट में घुस कर पीट डाले और उस पर पिस्तौल तान दे. सिर्फ इसलिए क्योंकि उस थानेदार को ये पसंद नहीं कि उसे या उसके एसपी साहब को कोई जज नोटिस भेज कर कोर्ट बुला ले. भला किसी जज की इतनी हिम्मत कैसे हो सकती है?
इंसाफ के चीरहरण की शुरुआत
मामला बिहार के मधुबनी जिले का है. जहां झंझारपुर के एडीजे यानी एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज अविनाश कुमार ने दिन के 11 बजे एक मामले में घोघरडीहा के थानाध्याक्ष गोपाल कृष्ण यादव को कोर्ट में हाजिर होने का फरमान सुनाया था. इसके बाद दोपहर 2 बजे जज साहब कोर्ट से उठकर कोर्ट के साथ ही लगे अपने चैम्बर में जा पहुंचे.
तभी घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण यादव और उनके साथ सब-इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार सिंह जज साहब के चैम्बर में जा घुसे और गाली गलौच करते हुए उन पर उन दोनों ने लात-घूंसा और थप्पड़ों की बौछार कर दी. गुस्सा और बढ़ा तो थानेदार ने जज साहब पर पिस्तौल भी तान दी. एडीजे अविनाश कुमार को ये कहते हुए दोनों लगातार धमका रहे थे कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हो गई हमें बुलाने की? तुम बेवजह सबको परेशान करते रहते हो. तुमको हम एडीजे-फेडीजे नहीं मानते हैं.
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वो तो गनीमत थी कि जज साहब की चीखों में वो दर्द वो डर वो तकलीफ थी, जिसने अदालत में मौजूद वकीलों का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया और वो उन्हें बचाने के लिए दौड़ पड़े. वरना क्या पता जो इंसाफ की देवी अभी डर के ही सहमी थी, उसकी चिता भी इन दुष्शासनों ने वहीं सजा दी होती.
जज और वकीलों का गुस्सा लाज़िम था, आना भी चाहिए. कोई कैसे अदालत के अंदर इंसाफ को अपने कदमों के तले रौंद सकता है. वकीलों के इसी गुस्से ने थानेदार और दारोगा को कोर्ट परिसर में कैद कर लिया. थोड़ी देर में खबर पटना तक जा पहुंची. पटना हाईकोर्ट ने डीजीपी साहब को तलब कर लिया.
नतीजा ये हुआ कि दोनों दबंग पुलिसवालों को गिरफ्तार कर लिया गया. उनके खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है और अब एसपी साहब जांच की बात कर रहे हैं. हालांकि जो एसपी साहब जांच की बात कर रहे हैं, उन्हीं के नाम पर दोनों पुलिसवालों ने जज साहब की पिटाई की है. अब इस मामले को लेकर जज और सारे वकील लामबंद नजर आ रहे हैं. आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है.