मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है. रिपोर्ट में सीबीआई का दावा है कि किसी लड़की की हत्या शेल्टर होम में नहीं हुई, जो कंकाल और हड्डियां मिलीं वो किन्हीं और बालिग लोगों की थीं. सीबीआई को जांच में हत्या का कोई सबूत नहीं मिला है. जिनकी हत्या होने का शक था, वो सभी 35 लड़कियां जीवित मिलीं है. अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि सीबीआई जांच में साफ हुआ है कि किसी नाबालिग की शेल्टर होम में हत्या नहीं हुई है.
बता दें, बिहार के 17 शेल्टर होम में यौन शोषण के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच पूरी करके रिपोर्ट सौंप दी है. सीबीआई ने 25 डीएम और 71 अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश की है. हालांकि अफसरों का नाम सामने नहीं आया है. इस मामले में 14 जनवरी को कोर्ट फैसला सुना सकती है.
पिछले महीने दिल्ली की एक अदालत ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम दुष्कर्म मामले में फैसले को 14 जनवरी तक के लिए टाल दिया था. फैसले को विशेष पॉक्सो जज सौरभ कुलश्रेष्ठ के छुट्टी पर होने की वजह से टाला गया. मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर सहित 20 आरोपियों को लिंक जज के समक्ष पेश किया गया था.
कोर्ट ने मामले में 30 सितंबर को अंतिम बहस पूरी कर ली थी और मामले में अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था. कोर्ट ने आरोपी व्यक्तियों पर आपराधिक साजिश के साथ दुष्कर्म और अलग-अलग अरोप लगाए हैं. बिहार पीपुल्स पार्टी के पूर्व विधायक ब्रजेश ठाकुर पर पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं. ठाकुर, मामले में प्रमुख आरोपी है. आरोपियों में उसके शेल्टर होम के कर्मचारी व बिहार डिपार्टमेंट ऑफ सोशल वेलफेयर के अधिकारी शामिल हैं. यह मामला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की एक रिपोर्ट के बाद सामने आया था.