
हमारे देश में किडनी चोरी की खबरें अक्सर सुर्खियों में आती रहती हैं. इलाज के नाम पर धोखे से मरीजों की किडनी निकाल लेने की वारदातों से कई बार देश दहल चुका है. राजधानी दिल्ली से लेकर कई छोटे शहरों तक कई किडनी चोरी रैकेट पकड़े जा चुके हैं. लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर से किडनी चोरी का जो मामला सामने आया है, वो यकीनन हैरान करने वाला है. जहां एक झोलाछाप डॉक्टर ने इलाज के नाम पर एक महिला एक नहीं बल्कि दोनों ही किडनियां एक साथ निकाल लीं और उसे मरने के लिए छोड़ दिया. किडनी के बगैर किसी भी इंसान का दो दिनों से ज्यादा जिंदा रहना मुश्किल होता है. आखिर कैसे हुई ये अजीब चोरी? आइए जानते हैं इस सनसनीखेज कांड की इनसाइड स्टोरी.
मौत की तरफ बढ़ रही है सुनीता
मुजफ्फरपुर के सरकारी अस्पताल के बिस्तर पर अपने तीन छोटे-छोटे बच्चों के साथ लेटी सुनीता देवी को अब किसी फरिश्ते का इंतजार है. वो फरिश्ता जो उसे ढूंढता हुआ इस अस्पताल में आए और उसे अपनी एक किडनी देने की पेशकश करे. और ना सिर्फ पेशकश करे बल्कि एक डोनर के तौर पर उसकी किडनी सुनीता से मैच कर जाए. असल में सुनीता के जिंदा रहने की अब बस यही एक शर्त है. वरना अफसोसनाक हकीकत तो यही है कि सुनीता हर रोज रफ्ता-रफ्ता मौत की तरफ बढ़ रही है. आने वाले वक्त का कौन सा दिन, कौन सी तारीख और कौन सा लम्हा उसकी जिंदगी की आखिरी घड़ी साबित हो, ये कोई नहीं जानता.
सुनीता के जिस्म में एक भी किडनी नहीं
असल में सुनीता की ये हालत इसलिए है, क्योंकि उसके शरीर में कोई किडनी है ही नहीं. अब आप पूछेंगे कि भला ऐसा कैसे हो सकता है? किडनी तो आम तौर पर इंसान के जिस्म में दो होती हैं. जिनकी किडनी किसी बीमारी या दूसरी वजह से खराब भी हो जाती है, वो भी एक किडनी के सहारे अपनी बाकी की जिंदगी गुजार लेते हैं. लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि किसी के जिस्म में एक भी किडनी ना हो? सवाल ये भी है कि अगर सुनीता के जिस्म में एक भी किडनी नहीं है, तो वो अब तक कैसे जिंदा रही? कैसे उसकी शादी हुई? कैसे वो तीन-तीन बच्चों की मां बनी? तो सुनीता की जिंदगी की इस कहानी को जानने के लिए आपको अब से कोई चार महीने पीछे जाना होगा.

3 अगस्त 2022, मुजफ्फरपुर, बिहार
यूटरस में इन्फेक्शन की शिकायत के बाद घरवालों ने सुनीता को शहर के ही बरियारपुर चौक के नजदीक शुभकांत नाम के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती करवाया था. चूंकि सुनीता की तबीयत ज्यादा ही खराब थी, नर्सिंग होम के डॉक्टर पवन कुमार ने उसके ऑपरेशन की बात कही. अब कोई डॉक्टर किसी मरीज को कुछ कहे और मरीज उस पर यकीन ना करे, ऐसा कैसे हो सकता है? तो सुनीता और उसके घरवालों ने भी डॉ. पवन कुमार की बात मानते हुए यूटरस के ऑपरेशन की हामी भर दी.
ऑपरेशन के नाम पर निकाली दोनों किडनी
वहीं उस झोलाछाप डॉक्टर ने सुनीता के साथ कथित तौर पर खेल कर दिया. ऑपरेशन के बहाने उसकी एक नहीं, बल्कि दोनों किडनियां निकाल लीं. जी हां, वो किडनियां, जिनके बगैर इंसान का जिंदा रहना नामुमकिन है. यानी अब से पहले तक सुनीता के पास किसी भी दूसरे आम इंसान की तरह दो किडनियां थीं और उसे किडनी में कोई तकलीफ भी नहीं थी लेकिन इसके बावजूद रातोरात उसके जिस्म से हुई किडनियों की चोरी ने उसे पूरी उम्र के लिए एक मरीज बना कर छोड़ दिया.
पटना में हुआ किडनी चोरी का खुलासा
अब जब किडनी निकाल लिए जाने के बाद सुनीता की तबीयत ठीक होने की जगह और बिगड़ गई, तब मरीज के साथ-साथ उसके घरवाले भी परेशान हो गए. फिर जब घरवाले दोबारा उसी नर्सिंग होम में पहुंचे तो डॉक्टर पवन ने सुनीता को एक एंबुलेंस दिलाकर उसे इलाज के लिए पटना भिजवा दिया. लेकिन जब पटना में उसकी दोबारा जांच हुई, तो इस मामले में खुलासा हुआ कि उसकी दोनों ही किडनियां निकाल ली गई हैं. यानी अल्ट्रासाउंड में सुनीता के जिस्म में कोई किडनी दिखाई ही नहीं दी.

सरकारी अस्पताल में भर्ती है सुनीता
आनन-फानन में सुनीता के घरवालों ने पुलिस में शिकायत की और डॉक्टर के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई, लेकिन तब तक ये शातिर डॉक्टर अपनी क्लिनिक बंद कर फरार हो चुका था. हालांकि पुलिस ने उसे बाद में गिरफ्तार कर लिया और जेल भी भेज दिया. लेकिन इधर, सुनीता की जिंदगी जीते जी उस पर बोझ बन चुकी थी. अब बगैर किडनी के लिए उसके लिए दिन तो क्या एक-एक लम्हा निकालना मुश्किल हो रहा था. ऐसे में घरवालों ने उसे मुजफ्फरपुर के सरकारी अस्पताल यानी श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में भर्ती करवाया और तब से लेकर अब तक लगातार सुनीता ना सिर्फ बिस्तर पर पड़ी है, बल्कि हर दूसरे दिन उसकी अस्पताल में डायलिसिस होती है. क्योंकि बगैर डायलिसिस के उसके लिए दो दिनों से ज्यादा जिंदा रहना भी शायद मुमकिन नहीं.
सुनीता ने देखी पति की बेरुखी
लेकिन वो कहते हैं ना कि कोई मुसीबत अकेली नहीं आती, बल्कि अपने साथ-साथ कई और मुसीबतें साथ लाती हैं. जिंदगी के इतने नाजुक मोड़ पर अब सुनीता का पति अकलू राम भी उसका साथ छोड़ गया था. सुनीता और अकलू की शादी कोई कई साल हो चुके हैं. उन्हें तीन बच्चे हैं. मां के बीमार रहने और लगातार अस्पताल में भर्ती होने की वजह से अब उन बच्चों की परवरिश पर भी असर पड़ रहा है. ऊपर से अकलू ने भी मानों अक्ल से दुश्मनी कर ली थी. अस्पताल में पड़ी-पड़ी सुनीता कभी अपनी बच्चों की तरफ देख कर उनकी हालत पर रो पड़ती है और कभी अपनी किस्मत पर सुबकने लगती है. हालांकि कुछ दिनों के बाद अकलू फिर से वापस लौट आया.
मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट
उधर, सुनीता की बुजुर्ग मां ही दिन रात अपने बेटी की तीमारदारी में जुटी है. वो बताती है कि कुछ समय पहले तक अकलू खुद ही सुनीता को अपनी किडनी देने के लिए तैयार था, लेकिन दोनों की किडनी मैच नहीं होने के चलते ऐसे नहीं हो पाया. ये मामला कितना नाजुक है इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि अब मानवाधिकारर आयोग ने सुनीता की हालत और उसके साथ हुए धोखे पर जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया है. शहर के सीनियर वकील डॉ. एसके झा ने इस सिलसिले में मानवाधिकार आयोग को एक शिकायत दी थी, जिसके बाद मानवाधिकार आयोग ने सुनीता की हालत पर प्रशासन से डिटेल रिपोर्ट देने की बात कही है.

आरोपी डॉक्टर का चौंकानेवाला बयान
फिलहाल, पुलिस ने दोनों किडनियों की चोरी के इस अजीब और सनसनीखेज मामले के मुख्य आरोपी डॉ. पवन कुमार को गिरफ्तार कर जेल तो भेज दिया है, लेकिन इस मामले की तफ्तीश में कुछ ऐसी चौंकानेवाली बातें सामने आई हैं, जिन पर यकीन करना भी मुश्किल है. पुलिस सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार आरोपी डॉ. पवन कुमार ने बताया है कि उसने किडनी किसी को आगे बेचने के लिए नहीं, बल्कि धोखे से ही निकाल कर फेंक दी.
किडनी को अल्सर समझकर निकाला!
असल में मरीज को पेट में दर्द की शिकायत थी, तो आरोपी डॉक्टर को लगा कि उसे अल्सर हो गया है. उसने मरीज से कहा कि अगर वो किसी दूसरी जगह पर इलाज के लिए जाएगी, तो उसके लाखों रुपये खर्च होंगे और यहां वो सस्ते में काम कर देगा. मरीज और उसके घरवाले इस बात के लिए तैयार हो गए और तब डॉक्टर पवन और उसके साथियों ने किडनी को अल्सर समझ कर शरीर से काट कर अलग कर दिया और कूडे में फेंक दिया.
पुलिस को है दो आरोपियों की तलाश
हालांकि दोनों किडनियां एकाएक कर काट कर निकाल लिए जाने से मरीज के शरीर से बेतहाशा खून बहना चाहिए. ऐसे में आखिर वो मरीज इस भयानक वारदात के बाद अब तक कैसे जिंदा है और कैसे आगे के इलाज के लिए अलग-अलग जगहों पर वो दौड़ती भागती रही, ये भी एक बड़ा सवाल है. पुलिस की मानें तो इस मामले में गिरफ्तार डॉक्टर पवन के अलावा और भी दो लोग आरोपी हैं, जो उस ऑपरेशन में शामिल थे, लेकिन बाकी दोनों अभी फरार चल रहे हैं.