Patna Female Director Surabhi Raj Murder Mystery: एक अस्पताल की महिला निदेशक को उनके अस्पताल में ही 6 गोली मारी जाती हैं. जिस कमरे में गोली मारी गई, इसके बगल वाले कमरे में करीब 15 लोग मौजूद थे. मगर उनमें से किसी एक नहीं भी गोली चलने की आवाज़ नहीं सुनी. कत्ल की इस वारदात के ठीक बाद वहां अस्पताल में एक गुमनाम कॉल आती है और इसके बाद क्राइम सीन को फौरन धुलवा दिया जाता है. कत्ल की जानकारी पुलिस को भी करीब दो घंटे बाद दी जाती है. उस रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी खराब पाए जाते हैं, जिस रास्ते से कातिल आए थे. अब बिहार पुलिस जब इस कत्ल का सच सामने लाई तो वो भी आधा अधूरा निकला.
पटना के अगमकुआं इलाके के मौजूद है एशिया हॉस्पिटल. हॉस्पिटल के अंदर का मंज़र देखकर लोग दहशत में हैं. दरो-दीवार पर जगह-जगह बने गोलियों के निशान, टेबल पर बिखरे सिम कार्ड के शेल, खून के धब्बे, खून साफ करने के लिए रखा गया पोंछा. शनिवार की दोपहर पटना के उस छोटे से अस्पताल में एक ऐसी वारदात हुई, जिसने पूरे शहर को दहला दिया. कातिलों की एक टोली अस्पताल की लेडी डायरेक्टर सुरभि राज से मिलने उनके कमरे में पहुंची. उनसे कुछ बातचीत हुई और फिर उन पर ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर दी गई. इसके बाद खून से लथपथ सुरभि राज को वहीं फर्श पर पड़ा छोड़ कर कातिल अस्पताल से भाग निकले.
हैरानी की बात ये रही कि अस्पताल में ना तो किसी ने कातिलों को उनके कमरे तक आता हुआ देखा और ना ही किसी ने गोलियों की आवाज सुनीं. वो तो जब बगल के कमरे में ट्रेनिंग कर रहे अस्पताल के ही कुछ कर्मचारियों ने डायरेक्टर सुरभि राज के कमरे में झांक कर देखा, तो अंदर की हालत देख कर ठिठक गए. सुरभि अपने चेंबर में खून से लथपथ पड़ी थी.
यानी चेंबर के बिल्कुल आस-पास के कमरे में मौजूद लोगों को भी गोलियों की आवाज सुनाई नहीं पड़ी. हैरानी देखिए कि शुरू में सुरभि की हालत देख कर भी अस्पताल के लोगों को ये समझ में नहीं आया कि उन्हें गोली लगी है. लेकिन जब इलाज के दौरान उनका एक्स-रे किया गया और उनके शरीर में बुलेट मार्क दिखाई दिए, तो फिर लोगों को बात समझ में आई. इसके बाद तो मानों अस्पताल में भूचाल आ गया. पहले सुरभि को अस्पताल के ही आईसीयू में ले जाया गया, लेकिन गोलियों से छलनी सुरभि की लगातार बिगड़ती हालत को देख कर आखिरकार उन्हें उनके ही अस्पताल से शिफ्ट कर एम्स भिजवा दिया गया.
इधर, किसी ने अस्पताल से ही वहां काम करने वाली सफाई कर्मी महिला को फोन किया और ये बताया कि डायरेक्टर सुरभि राज को खून की उल्टियां हो रही हैं. उनका चैंबर खून से भर गया है, इसलिए वो आकर साफ-सफाई कर दे. असल में तब तक सफाई कर्मी महिला अपना काम-काज निपटा कर घर जा चुकी थी. लेकिन जब उसने सुना कि डायरेक्टर की तबीयत बिगड़ी है और उसे सफाई के लिए पहुंचना है, तो उसने अस्पताल वापस आकर पूरे कमरे में पोंछा लगा दिया. यानी उसने क्राइम इनवेस्टिगेशन की सबसे अहम जगह यानी सीन ऑफ क्राइम को ही जाने-अनजाने में धो पोंछ कर साफ कर दिया.
सफाईकर्मी महिला की मासूमियत देखिए कि उसे कमरे की साफ-सफाई करते वक्त डायरेक्टर सुरभि के कमरे से एक चली हुई गोली का खोल भी मिला, जिसे देख कर उसे समझ ही नहीं आया कि ये क्या चीज है और उसने उसे उठा कर उसका खून साफ किया और फिर टेबल पर रख दिया. बाद में पता चला कि सुरभि को उनके कमरे में घुस कर छह गोलियां मारी गई थी. और किसी ने कमरे की साफ-सफाई करवाने के साथ-साथ सभी के सभी पांच गोलियों के खोल बटोर कर अपने पास रख लिए थे, हां एक खोल कमरे में ही रह गया था, जो बाद में मिल गया.
उधर, एशिया हॉस्पिटल से एम्स भिजवाई गई सुरभि राज की आखिरकार इलाज के दौरान एम्स में जान चली गई. ये वारदात दोपहर करीब 2.30 बजे हुई. लेकिन इसकी खबर पुलिस को करीब दो घंटे बाद मिली. अस्पताल में फायरिंग की खबर मिलते ही अगमकुआं थाने की पुलिस मौका-ए-वारदात पर पहुंची, मगर तक पूरा का पूरा मौका ए वारदात साफ किया जा चुका था. गोलियों से छलनी महिला वारदात वाली जगह से एम्स भिजवाई जा चुकी थी और जब तक पुलिस एम्स पहुंच कर उनका बयान लेती, तब तक महिला की जान भी जा चुकी थी.
साफ है मामला क़त्ल का तो था ही, शुरू से ही रहस्यमयी भी था. वो इसलिए कि क़त्ल के लिए की गई फायरिंग के बाद अस्पताल में पहले तसल्ली से सारे सबूत मिटाए गए और पुलिस को जानकारी दी गई. खैर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और अस्पताल के अंदर और बाहर तमाम सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल चालू की. खेल देखिए कि यहां भी मामले के संदिग्ध होने की तब और पुष्टि हुई, जब पता चला कि वारदात के वक्त अस्पताल के कई अहम प्वाइंट्स पर लगे सीसीटीवी कैमरे भी बंद थे. पुलिस ने जांच चालू की और सबसे पहले सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की.
अस्पताल में मौका-मुआयना करने के दौरान पुलिस को सुरभि राज के कमरे से एक कैप और एक शराब की बोतल भी मिली. जिन्हें पुलिस गोलियों के खोल के साथ-साथ अपने कब्जे में ले लिया. उधर, सीसीटीवी फुटेज की छानबीन के दौरान पुलिस के एक ऐसा संदिग्ध शख्स दिखा, जो वही कैप पहन कर अस्पताल की ओर आता हुआ दिख रहा था. यानी अब कड़ियां धीरे-धीरे जुड़ती जा रही थीं. अब तक की छानबीन में 7 ऐसी अहम बातें सामने आईं, जिससे साजिश का शक गहराने लगा था.
- पहला, तो ये कि अस्पताल में इतनी गोलियां चलीं मगर आवाज किसी ने नहीं सुनी.
- दूसरा, ये कि ना तो किसी ने कातिल को अस्पताल में आते हुए देखा और ना ही अस्पताल से जाते हुए.
- तीसरा, जहां वारदात हुई उसके ठीक बगल में ट्रेनिंग चल रही थी और करीब 15 लोग मौजूद थे, लेकिन किसी को कुछ पता नहीं चला.
- चौथा, वारदात के बाद खून के धब्बे साफ करवाने से लेकर गोली के खोल तक उठा लिए गए थे.
- पांचवां, अस्पताल के सारे कर्मी खुद को पूरे वाकये से अंजान बता रहे थे
- छठा, कई सीसीटीवी कैमरे बंद थे और सबसे अहम ये कि सारे सबूत पूरी तसल्ली से मिटा लेने के करीब दो घंटे के बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई.
यानी जिस तरह से पूरे सीन ऑफ क्राइम को मैनेज किया गया, उससे साफ था कि इस वारदात में कोई ना कोई ऐसा जरूर शामिल है, जिसका पूरे अस्पताल पर दबदबा है. अब पुलिस ने सुरभि राज के पति के बारे में पता करना शुरू किया. पता चला कि वो वारदात के कुछ देर पहले तक तो अस्पताल में ही मौजूद था, लेकिन फिर वारदात के कुछ देर पहले ही अस्पताल से जा चुका था. जाते-जाते उसने अपने ससुर को फोन कर अपनी पत्नी यानी उनकी बेटी को लेकर भी गलत जानकारी दी.
हालांकि हैरानी की बात ये रही कि एक इतने सनसनीखेज मामले, जिसमें दिन दहाड़े अस्पताल में घुस कर एक लेडी डायरेक्टर की हत्या कर दी गई. तमाम सबूत मिटा दिए गए, शक की सुई शुरू से ही अस्पताल के दूसरे डायरेक्टर और मारी गई सुरभि राज के पति राकेश रौशन पर टिक रही थी, उसे गिरफ्तार करते-करते पुलिस ने तीन दिन लगा दिए.
इसके बाद पुलिस ने बताया कि इस कत्ल के पीछे मेन मोटिव लव अफेयर का ही है. सुरभि राज के पति राकेश रौशन का अपने ही अस्पताल में काम करने वाली अलका नाम की एक महिला से अफेयर चल रहा था और सुरभि इसका विरोध करती थी, जिससे सुरभि और राकेश के रिश्ते काफी खराब हो चुके थे. पुलिस का कहना है कि इस मामले में कुछ फाइनेंनशियल एंगल भी हैं, जिनकी जांच चल रही है.
तीन दिन लगाने के बाद भी पुलिस के पास मीडिया के सवालों का जवाब देने के लिए कुछ नहीं था, इसलिए प्री रिकॉर्डेड बाइट भिजवाई गई. यहां तक कि इतना सबकुछ होने के बावजूद और पुलिस के मुताबिक मास्टरमाइंड समेत पांच कातिलों की गिरफ्तारी के बावजूद इस कत्ल का मोटिव क्या है, पुलिस फिलहाल उसके बारे में भी कुछ बताने की हालत में नहीं है. यानी मामला सुलझा तो है, लेकिन अभी इसका असली सच सामने आना बाकी है.
अब पुलिस की जांच सुरभि राज के पति राकेश रौशन के इर्द गिर्द घूम रही थी. जब राकेश रौशन का प्रोफाइल चेक किया गया, तो पुलिस ने पाया कि अब से कुछ साल पहले तक वो एक अस्पताल में क्लास फोर एंप्लाई था, लेकिन अपनी पहुंच के दम पर उसने सरकारी मेडिकल स्कीम का काफी फायदा लिया और धीरे-धीरे इतने पैसे कमा लिए कि खुद ही एशिया अस्पताल की शुरुआत कर ली. वो और उसकी पत्नी सुरभि दोनों ने लव मैरिज की थी और इन दिनों दोनों मिलकर अस्पताल चलाते थे.
इस मामले में पहले दिन से ही पुलिस के शक की सुई सुरभि राज के पति की तरफ घूम रही थी और आखिरकार तीन दिन गुजरते-गुजरते पुलिस ने सुरभि राज के कत्ल के इल्जाम में उनके पति राकेश रौशन को गिरफ्तार कर लिया. इसके साथ ही पुलिस ने राकेश के भाई रमेश कुमार को भी गिरफ्तार किया. जबकि इनके साथ-साथ अस्पताल के कर्मचारी मसूद आलम को भी पकड़ा, जिसने वारदात से खुद को अंजान बताते हुए हैरानी भी जताई थी. गिरफ्तार लोगों में अस्पताल का ही एक कर्मचारी अनिल कुमार और एक महिला कर्मी भी शामिल है.
हालांकि अब मामले का खुलासा हो चुका है, आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं लेकिन कई ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब साफ नहीं हुआ है और इसमें सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आखिर सुरभि राज को गोली किसने मारी? पटना के एसएसपी का कहना है कि अभी आरोपियों से और सच कुबूलवाने के लिए उन्हें रिमांड पर लिया जाएगा, साथ ही कुछ लोगों का नार्को एनालिसिस टेस्ट भी होगा.
(पटना से सुजीत गुप्ता के साथ राजेश कुमार झा का इनपुट)