बिहार में अपराधियों और राजनेताओं के बीच सांठ-गांठ के कई उदाहरण पहले भी सुनने को मिले हैं. इसी कड़ी में एक और खुलासा किया है बिहार के मोस्ट वांटेड अपराधी मुकेश पाठक ने. दरभंगा में दोहरे इंजीनियार हत्याकांड के आरोपी मुकेश पाठक के खुलासे से बिहार की राजनीति गर्मा गई है.
सियासी माहौल गर्माया
गैंगस्टर मुकेश पाठक के खुलासे के बाद बिहार के सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है. मुकेश पाठक ने बिहार के आरजेडी से पूर्व सांसद के रिश्तेदार और एक पूर्व विधायक से संरक्षण मिलने की बात स्वीकार की है. इस बात के बाहर आ जाने से सियासत में उबाल आना लाजमी है.
राजनीतिक संरक्षण की बात कबूली
दरअसल, दरभंगा में पुलिस के सामने अपने इकबालिया बयान में मुकेश पाठक ने बताया है कि उसे पूर्व विधायक राजन तिवारी और आरजेडी के पूर्व सांसद रघुनाथ झा के भतीजे नवीन झा से संरक्षण प्राप्त था. पुलिस अब मुकेश पाठक के बयान की जांच में जुट गई है. पूर्व सांसद रघुनाथ झा शिवहर से आरजेडी से सांसद रह चुके हैं.
गवाहों को प्रभावित कर रही हैं मुन्नी देवी
मुकेश पाठक के बयान से यह भी साफ है कि बिहार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी कई अत्याधुनिक हथियारों मसलन एके-56 और एके-47 से लैस है. अदालत में समर्पित केस डायरी से यह भी साफ है कि दोहरे इंजीनियर हत्याकांड में बहेरी की तत्कालीन प्रमुख मुन्नी देवी इन राजनेताओं से संपर्क कर गवाहों को अपने पक्ष में करने में लगी हैं. मुन्नी देवी भी इंजीनियर हत्याकांड में आरोपी थी जो फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं. मुन्नी देवी बिहार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के चीफ संतोष झा की बहन है.
एके-56 से की गई थी हत्या
मुकेश ने पुलिस को दिए गए बयान में कहा है कि बिहार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के चीफ संतोष झा ही दोहरे इंजीनियर हत्याकांड का मास्टर माइंड है. उसने यह भी कहा कि इंजीनियरों की हत्या एक-56 से की गई थी और बाकी के सभी हथियार संतोष झा के ही नए मकान में छिपाकर रखे गए थे.
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कम नहीं हुआ मुकेश और संतोष का खौफ
जेल में रहने के बाबजूद संतोष झा और मुकेश पाठक का खौफ कम नहीं हुआ है. 11 जुलाई से दोहरे इंजीनियर हत्याकांड में गवाही शुरु हो चुकी हैं लेकिन अब तक मात्र एक गवाह की अदालत में पेशी हो पाई है. यह दोनों के खौफ का ही नतीजा है कि गवाह अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं. इस हत्याकांड में ग्यारह गवाह बनाए गए हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि आरोपी गवाहों को अपने पक्ष में करने के लिए साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपना रहे हैं.
ऐसे हुई थी इंजीनियरों की हत्या
बताते चलें कि बिहार के दरभंगा में बहेड़ी थाना क्षेत्र अन्तर्गत शिवराम-गंगदह एसएच 88 निर्माण के दौरान 26 दिसंबर,2015 को दो इंजीनियार की हत्या कर दी गयी थी. 26 दिसंबर को रंगदारी की मांग को लेकर बीएनसी एंड सीएनसी के दो इंजीनियर ब्रजेश कुमार सिंह और मुकेश कुमार सिंह को गोलियों से छलनी कर दिया गया था. इंजीनियर हत्याकांड का मास्टर माइंड मुकेश पाठक को घटना के 7 महीने बाद झारखंड से गिरफ्तार की.