करोड़ों दीवाने हैं 70 एमएम स्क्रीन के. 130 करोड़ की आबादी वाले इस देश में शायद ही ऐसा कोई घर हो जो सिनेमा से अनजान हो. 70 एमएम के पर्दे पर चमकने वाले चेहरे ना जाने कितनी ही आंखों के सपने होते हैं. सपनों की दुनिया ही तो है ये. जो नाइट शो के अलावा दिन में भी नून, मैटिनी और ईवनिंग शो में सपने बेचती है. मगर सपनों की इस दुनिया की भी कुछ कड़वी हकीकत है. एक ऐसी हकीकत जो सुशांत सिंह राजपूत जैसे अदाकार की मौत के बाद हमारे सामने आती है. हकीकत रूपहले पर्दे के पीछे वाले गैंग की.
सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने अचानक 70 एमएम के स्क्रीन पर दाग लगा दिया है. रुपहले पर्दे के पीछे का काला सच एक बार फिर सामने आने की कोशिश कर रहा है. ये सच सवाल पूछ रहा है कि क्या सचमुच फिल्म इंडस्ट्री भी गैंग में बंटी हुई है? क्या फिल्म इंडस्ट्री के मुट्ठी भर लोग ये तय करते हैं कि किसे काम मिलना है और किसे नहीं? किसे ज़मीन से उठा कर फलक पर बिठाना है और किसे सितारे से टूटा तारा बनाना है.
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सुशांत सिंह की मौत के बाद इन सवालों को पंख मिल गए हैं कि बॉलीवुड के दिग्गज प्रोडक्शन हाउस यानी यही मुट्ठी भर ताक़तवर लोगों ने सुशांत को फिल्म इंडस्ट्री से बाहर करने की पूरी साज़िश रची थी और इस साज़िश का ही नतीजा था कि छिछोरे जैसी हिट फिल्म देने के बाद भी सुशांत को कोई नई फिल्म नहीं मिल रही थी और यही वजह थी कि सुशांत डिप्रेशन में थे. खुद बॉलीवुड के अंदर से अब इस गैंग को लेकर तमाम आवाज़ उठ रही है.
वैसे पहली बार नहीं है जब बॉलीवुड में भाई भतीजावाद और ग्रुपबंदी को लेकर आवाज़ उठ रही हो. लेकिन इस बार चोट गहरी है. क्योंकि मामला एक होनहार अदाकार सुशांत सिंह की मौत का है. उस मौत का, जिसे खुदकुशी का नाम दिया गया. लेकिन खुदकुशी की वजह दूर-दूर तक ढूंढे नहीं मिल रही. सिवाय इस वजह के कि कामयाब होने के बावजूद सुशांत को कोई भी अपनी फिल्मों में काम नहीं दे रहा था. खबर तो ये भी है कि कुछ फिल्मों में काम मिल भी चुका था, डील साइन हो चुकी थी. लेकिन फिल्म इंडस्ट्री के वही मुट्ठी भर दिग्गज सुशांत और उनकी फिल्मों के आड़े आ गए. उनके इशारे पर ही ऐन वक़्त पर सुशांत से वो फिल्में छीन कर उनके चहेते हीरो को दे दी गई.
बॉलीवुड ने 2019 में कुल 121 फिल्में रिलीज़ कीं. इनमें से लगभग 50 फिल्में बालीवुड को चलाने वाले उन्हीं मुट्ठी भर लोगों के प्रोडक्शन हाउस की थीं. फिल्मी दुनिया को अंदर से जानने वाले जानते हैं कि यहां बिना गॉडफादर के अपनी जम़ीन बनाना बेहद मुश्किल है. कुछ अपवादों को छोड़कर. ये वो ताकतवर लोग हैं, जो कामयाबी के बाद भी किसी को नाकाम बना सकते हैं. स्टार होते हुए भी एक अदद फिल्म के लिए रुला सकते हैं.
तो क्या सुशांत सिंह इन्हीं ताकतवर लोगों के शिकार हो गए? 2013 में काय पो चे से लेकर 2019 में रिलीज़ अपनी आख़िरी फिल्म छिछोरे तक सुशांत ने कुल दस फिल्में की. लेकिन ख़बरों के मुताबिक 2019 में छिछोरे की बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कामयाबी के बाद करीब सात फिल्में सुशांत से छीन ली गईं. ये सातों फिल्में अलग-अलग बैनर और प्रोडक्शन हाउस की थीं.
सूत्रों के मुताबिक सुशांत से इन फिल्मों के छीनने के पीछे एक बड़े बैनर का हाथ था. क्योंकि सुशांत ने उस बड़े बैनर को एक प्रोजेक्ट के लिए इनकार कर दिया था और बस यहीं से सुशांत का फिल्मी ग्राफ़ नीचे आना शुरू हो गया. वो भी तब जब उसकी आखिरी रिलीज़ फिल्म छिछोरे बॉक्स ऑफिस पर करीब डेढ़ सौ करोड़ की कमाई कर चुकी थी.
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सोशल मीडिया पर सुशांत सिंह की खुदकुशी को लेकर खास तौर पर दो प्रोडक्शन हाउस की सबसे ज़्यादा आलोचना हो रही है. इनमें एक धर्मा प्रोडक्शन के करन जौहर हैं और दूसरे यशराज फिल्म के आदित्य चोपड़ा. इसके अलावा सलमान ख़ान के प्रोडक्शन हाउस, टी सीरिज़, एकता कपूर की बालाजी टेलीफिल्म पर भी सोशल मीडिया में उंगलियां उठाई जा रही हैं.
शुरुआती जांच के बाद मुंबई पुलिस ये मान कर चल रही है कि सुशांत ने खुदकुशी ही की. मगर खुदकुशी की वजह को लेकर पुलिस अभी पूरी तरह साफ नहीं है. इसीलिए वो बाक़ी पहलुओं के साथ-साथ फिल्म इंडस्ट्री के इन दिग्गज लोगों की भूमिका की भी जांच करने से इनकार नहीं कर रही है.