एक वक्त था जब पंजाब उपजाऊ खेत और लहलहाती फसल के लिए जाना जाता था. देश में होने वाले अनाज का एक बड़ा हिस्सा यहीं से पैदा किया जाता था. यहां के लोग मेहनती होने के साथ ही जीवन को आनंद से जीने के लिए जाने जाते थे. लेकिन वक्त बदला, तो लोगों में भी बदलाव आना शुरू हो गया. नई पीढ़ी नशे के जाल में इस कदर जकड़ गई कि जरायम की दुनिया में उनके कदम कब बढ़ गए पता ही नहीं चला. छोटे-मोटे अपराध को अंजाम देते-देते संगठित अपराध करने लगे. धीरे-धीरे कई गैंग बन गए. इनका मुख्य काम रंगदारी वसूलना, हथियारों और ड्रग्स की तस्करी करना बन गया. जब पुलिस का दबाव बना तो इन गैंग के सरगना देश के दुश्मनों के सहयोग से कनाडा और अमेरिका में पहुंच गए.
लॉरेंस बिश्नोई से लेकर बब्बर खालसा तक कई गैंग और आतंकी संगठन विदेशों में बैठकर संचालित किए जा रहे हैं. इनके टारगेट पर ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के नाबालिग बच्चे होते हैं. इनसे ऐप और सोशल मीडिया के जरिए संपर्क किया जाता है. उनको पैसों का लालच देकर बड़ी वारदातों को अंजाम दिलवाया जाता है. कुछ इसी तरह पंजाब के तरनतारन जिले का रहने वाला लखबीर सिंह एक गैंग के संपर्क में आया था. उनके इशारे पर हथियारों को एक-जगह से दूसरे जगह पर ले जाने का काम करता था. चूंकि नया लकड़ा था, कोई हिस्ट्रीशीट नहीं थी, इसलिए पुलिस को भी उस पर शक नहीं होता था. लेकिन साल 2011 में पहली बार उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया.
महज 12 वर्षों में लखबीर सिंह गैंगस्टर से आतंकी लखबीर सिंह लांडा बन चुका है. कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत उसे आतंकवादी घोषित किया है. उसके खिलाफ पंजाब के मोहाली और तरन तारन में रॉकेट हमलों की साजिश रचने के साथ ही करीब 20 से अधिक मामलों में केस दर्ज हैं. आरोप है कि उसने साल 2022 में मोहाली स्थित पंजाब पुलिस के मुख्यालय और तरन तारन के सरहाली थाने पर रॉकेट से अटैक करवाया था. फिलहाल वो कनाडा के एडमोंटन के अल्बर्टा में बैठकर हिंदुस्तान विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. एक इशारे पर उसके गुर्गे पंजाब और हरियाणा में आतंकी और आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
कनाडा जाकर बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़ा लखबीर लांडा
पुलिस फाइल में नाम दर्ज होने के बाद लखबीर सिंह लांडा के काले कारनामों की फेहरिस्त लंबी होती गई. जान से मारने की धमकी, रंगदारी, फिरौती, हत्या के प्रयास, हत्या, हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के साथ ज्यादातर अपराध में नाम आने लगा. साल 2016 में पंजाब के मोगी में हुए अपहरण के एक मामले में उसके खिलाफ आखिरी बार केस दर्ज हुआ था. उसके बाद पुलिस का शिकंजा इतना कस गया कि लांडा हिंदुस्तान से भाग खड़ा हुआ. साल 2017 में पाकिस्तान में रह रहे एक खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा की मदद से कनाडा चला गया. वहां जाने से पहले उसके कारनामों की कहानियां पहुंच चुकी थी. यही वजह है कि आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने उसे अपने साथ जोड़ लिया.
आईएसआई के इशारे पर कर रहा हथियार-ड्रग्स की तस्करी
कनाडा में ही वो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में आया. आईएसआई के एजेंट तो ऐसे गैंगस्टरों की तलाश में लगे रहते हैं. उनकी मदद करके उनकी सहायता से हिंदुस्तान में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के फिराक में रहते हैं. आईएसआई के इशारे पर लखबीर सिंह लांडा पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी करके हिंदुस्तान लाने लगा. पंजाब बॉर्डर पर इसके गुर्गे ड्रोन के जरिए हथियारों और ड्रग्स की तस्करी करते हैं. आईईडी जैसे खतरनाक एक्सप्लोसिव डिवाइस सीमा पार से लाते हैं. इनका इस्तेमाल आतंकी वारदातों के लिए किया जाता है. इस तरह से देख जाए तो लांडा अब अपने ही देश का दुश्मन बन चुका है. पाक के नापाक इरादों को अंजाम दिलाने में मदद कर रहा है.
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बेटा कनाडा में ऐश कर रहा, पंजाब में बीमार पड़े हैं मां-बाप
एक तरफ लखबीर सिंह लांडा कनाडा में बैठा हुआ ऐश कर रहा है. पैसों और हथियारों से खेल रहा है. दूसरी तरफ उसके माता-पिता की हालत खराब है. दोनों बहुत बीमार हैं. इसके बावजूद उनके घर न तो कोई डॉक्टर आता है, न ही कोई रिश्तेदार जाता है. उसके काले कारनामों की वजह से उसका बड़ा भाई पहले ही घर छोड़कर जा चुका है. जानकारी के मुताबिक, लांडा का जन्म 24 अगस्त 1989 को हुआ था. उसके पिता का नाम निरंजन सिंह है. मां का नाम परमिंदर कौर है. नौकरी से रिटायर होने के बाद उसके पिता उसकी मां के साथ तरनतारन जिले के हरिके पट्टन गांव में रहते हैं. उसके माता-पिता उससे नफरत करते हैं. उसकी शक्ल देखना तो छोड़िए, उसका नाम भी कभी सुनना नहीं चाहते हैं.
सोशल मीडिया पर लांडा ने दी थी पंजाब पुलिस को धमकी
लखबीर सिंह लांडा की मां परमिंदर कौर की माने तो उनके पति को शुगर की बीमारी है. उनके इलाज के लिए कोई डॉक्टर घर आने के लिए तैयार नहीं होता है. रिश्तेदार भी घर नहीं आते. सबको इस बात का डर रहता है कि कहीं पुलिस उन्हें पकड़ न ले जाए. यहां तक कि गैंगवार की वजह से भी उन लोगों को परेशान होना पड़ता है. एक बार तो कुछ लोगों ने उनके घर पर गोलीबारी भी की थी, जिसमें वो दोनों बाल-बाल बच गए थे. इस मामले में पिछले साल सोशल मीडिया के जरिए लांडा ने धमकी भी दी थी. उसने पंजाब पुलिस को चेतावनी दी थी कि उसके परिजनों को परेशा न करें. यदि ऐसा होता है तो वो किसी को भी नहीं छोड़ेगा. साल 2021 में उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था.