भिंड के जिला अस्पताल में लगे एक सीसीटीवी कैमरे ने जो कुछ रिकार्ड किया, उसे देखकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं. मामला हर किसी को हैरानी में डालने वाला है.
बुधवार, 13 दिसंबर 2015 को रात 12.37 बजे का वक्त. अस्पताल के मेटरनिटी होम यानी प्रसूती गृह के बाहर लगा ये सीसीटीवी कैमरा चालू है. अपने सामने होनेवाली हर हरकत को रिकॉर्ड कर रहा है. चंद सेकेंड्स गुजरते हैं और इस कैमरे में पहली बार एक शख्स की तस्वीर कैद होती है. ये शख्स कुछ लड़खड़ाता हुआ मेटरनिटी होम के वेटिंग लाउंज में आकर बैठ जाता है. ठीक ऐसे, जैसे कि वो शराब के नशे में हो. उसके पीछे-पीछे एक दूसरा शख्स भी ठीक उसी अंदाज में आकर उसकी बगल में बैठता है.
इसके तुरंत बाद वहां से एक महिला गुजरती है और फिर एक ही साथ कई लोग मेटरनिटी होम के वेटिंग एरिया में आकर बैठ जाते हैं. लेकिन इसके चंद सेकेंड्स के बाद यहां कुछ इतना डरावना होता है कि उसे बयान कर पाना भी मुश्किल है. अब बाहर की तरफ से एक और महिला भागती हुई इस वेटिंग लाउंज की तरफ आती है. शायद वो चिल्ला रही है या फिर उसे भागते हुए देखकर किसी खतरे की आशंका से इस लाउंज में मौजूद तमाम लोग भी वहां से फौरन भाग खड़े होते हैं.
अब रात के ठीक 12 बजकर 38 मिनट और 09 सेकेंड हुए हैं. अब बाहर की तरफ से टीशर्ट और पैंट पहने तंदुरुस्त कद-काठी का एक शख्स दौड़ता हुआ वेटिंग लाउंज पर पहुंचता है. वो मुड़-मुड़कर कुछ इस तरीके से अपने पीछे देखता है, जैसे कोई उसका पीछा कर रहा हो. उसकी टीशर्ट खून से सनी है और उसे देखकर ये लगता है कि वो शायद किसी से बचने के लिए इस वेटिंग लाउंज की तरफ पहुंचा है.
वो वेटिंग लाउंज में मौजूद शीशे के दरवाज़ से सीधे अंदर आ जाता है और अपने दुश्मन से बचने की कोशिश में शीशे का दरवाजा बंद करने लगता है. तब तक हाथ में बंदूक लिए उसका पीछा कर एक दूसरा शख्स कैमरे पर नमूदार होता है. लेकिन जान बचाकर भाग रहा पहला शख्स शीशे के दरवाजे की ओट में छुपकर बचने की कोशिश करता है. लेकिन एक पल के लिए शायद वो ये भूल चुका है कि दरवाजा शीशे का है और इसके आर-पार ना सिर्फ आसानी से देखा जा सकता है, बल्कि इसे गोली भी छेद सकती है.
फिर अगले ही पल हाथ में बंदूक लिए पीछा करनेवाला शख्स शीशे की दीवार के दूसरी तरफ से बिल्कुल करीब आकर इस पार मौजूद शख्स पर फायरिंग कर देता है. गोली का शिकार बनने वाला शख्स किसी फिरकी की तरह हवा में घूमकर औंधे मुंह जमीन पर गिर जाता है और फर्श पर खून की धार बह निकलती है. ये सबकुछ बेहद डरावना है.. लेकिन वारदात यहीं खत्म नहीं होती, बल्कि कातिल और मकतूल के बीच अभी और अदावत बाकी है.
अब कातिल शीशे के दरवाजे से अंदर आकर उसी बंदूक से मकतूल को दोबारा निशाना बनाने की कोशिश करता है. लेकिन शायद बंदूक नहीं चलती. उधर, इन तमाम बातों से बेखबर एक आदमी अब वेटिंग लाउंज की तरफ आता है, लेकिन ये सबकुछ देखकर वो भी फौरन उल्टे पांव वापस लौट जाता है. इधर, दुनिया जहान से बेख़ौफ हमलावर चंद सेकेंड्स के लिए दरवाज़े से बाहर निकलता है और बंदूक को ठीक करने के बाद फिर से जमीन पर पड़े मकतूल की तरफ लौटता है और इस बार भी बिल्कुल नजदीक से उसकी पीठ पर एक और गोली दागता है. फिर उसी रास्ते से भाग निकलता है, जिस रास्ते वो अपने दुश्मन का पीछा करता हुआ वेटिंग लाउंज की तरफ़ आया था.
अब इस लाइव मर्डर के पीछे की भी कहानी सुन लीजिए. दरअसल ये कहानी है तीन दोस्तों की. कैमरे पर गोली मारने वाला और कैमरे पर गोली खाने वाला दोनों दोस्त थे, जबकि तीसरा दोस्त भी इसी अस्पताल में जख्मी पड़ा था. उसे भी गोली लगी है, पर इस हादसे से पहले. उसे भी गोली किसी और ने नहीं, बल्कि इन्हीं दो दोस्तों में से एक ने मारी थी.
कोई दोस्त ही अपने किसी दोस्त के खून का प्यासा हो जाए और उसे एक नहीं, बल्कि कई-कई गोलियों का निशाना बनाए, तो सुनने में अजीब लगता है. लेकिन भिंड की ये कहानी कुछ ऐसा ही है.
जान लेते और जान गंवाते दिख रहे ये दोनों इस वक्त बेशक एक-दूसरे के आमने-सामने हों, लेकिन पुलिस की मानें, तो ये दोनों एक-दूसरे के अच्छे दोस्त हुआ करते थे. भिंड के जिला अस्पताल में सीसीटीवी में क़ैद हुई कत्ल की ये वारदात जितनी डरावनी है, इसके पीछे की कहानी उतनी ही हैरान करनेवाली.
पुलिस की मानें, तो इस वारदात से चंद मिनट पहले तक मकतूल विमलेश और कातिल धर्मेंद्र अपने एक तीसरे साथी संजू के साथ मिल कर शराब पी रहे थे. पहले तो शहर के चतुर्वेदी नगर में शराब पीने के दौरान ही तीनों के बीच आपस में किसी बात को लेकर कहा-सुनी हुई और फिर गुस्से में आकर विमलेश ने संजू को गोली मार कर जख्मी कर दिया. लेकिन जब विमलेश को अपने किए का अहसास हुआ, तो खुद उसी ने अपने दोस्त धर्मेंद्र के साथ मिलकर तीसरे दोस्त संजू को मोटरसाइकिल पर लादकर अस्पताल पहुंचाया.
लेकिन संजू के अस्पताल में भर्ती होने के साथ ही विमलेश और धर्मेंद्र के बीच जाने क्या बात हुई कि धर्मेंद्र अचानक विमलेश के खून का प्यासा हो गया. इसके बाद धर्मेंद्र ने विमलेश को पहले गोलियों का निशाना बनाया. मौत के डर से घबराया विमलेश लहूलुहान होने के बावजूद भागता रहा और फिर अस्पताल के प्रसूती गृह के नज़दीक पहुंच गया. इसके बाद यहां शीशे के दरवाजे की ओट में उसने अपनी जान बचाने की कोशिश की, लेकिन पीछा करता हुआ यहां तक आ पहुंचे दोस्त से दुश्मन बने धर्मेंद्र ने उसे आखिरकार गोली मार दी और मौत के घाट उतार दिया. आधी रात को अस्पताल में हुई कत्ल की इस वारदात से लोग सकते में आ गए. लेकिन तीन दोस्तों की ये कहानी सुनकर हर कोई हैरान रह जाए.