अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को अगले दो दिन में भारत लाया जा सकता है. उसे लाने के लिए सीबीआई की टीम इंडोनेशिया पहुंच चुकी है. सीबीआई के साथ दिल्ली और मुंबई पुलिस की टीम भी मौजूद है. इधर भारत में उस पर केस चलाने की तैयारी जोरों पर है. क्राइम ब्रांच की टीम यह तय करने में लगी है कि किस मामले में उस पर पहले केस चलाया जाए, जिससे कि उसे कानून की गिरफ्त में मजबूती से जकड़ा जा सके.
बाली पुलिस के एक सूत्र के मुताबिक, यदि छोटा राजन के वकील ने उसके भारत प्रत्यर्पण का विरोध नहीं किया, तो 2-3 दिन में उसे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को सुपुर्द कर दिया जाएगा. लेकिन यदि वकील ने इसका विरोध किया, तो प्रक्रिया थोड़ी लंबी हो सकती है. फ्रांसिस्को प्रैस्सर नाम का एक वकील छोटा राजन का केस देख रहा है. कल भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने छोटा राजन से मुलाक़ात की थी.
सुरक्षा के माकूल इंतजाम
छोटा राजन के लिए मुंबई में सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए जा रहे हैं. राइवल गैंग से खतरे की अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी तो नहीं है, लेकिन इसके बाद भी राइवल गैंग को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं. छोटा राजन ने खुद भी अपनी जान पर खतरा बताया था. इसके लिए उसने भारत सरकार को बाकायदा चिट्ठी भी लिखी थी.
करीब 75 मामले हैं दर्ज
छोटा राजन पर हत्या, स्मगलिंग से लेकर वसूली और ड्रग तस्करी के करीब 75 मामले दर्ज हैं. इनमें से चार मामले टाडा, एक मामला पोटा और 20 मामले मकोका कानून के तहत दर्ज हैं. 1976 में उस पर पहला केस दर्ज हुआ था. मुंबई के तिलक नगर में दो मर्डर का केस दर्ज हुआ था. छोटा राजन को अब तक चार पासपोर्ट जारी किए गए हैं. ये क्रमश: 1984, 1988, 1998 और 2008 में बने थे.