इंडोनेशिया के बाली में गिरफ्तार अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन पर खतरा मंडरा रहा है. उसने भारत सरकार को चिट्ठी लिखकर अपनी जान पर खतरा बताया है. भारतीय काउंसेल को लिखी चिट्ठी में उसने पुलिस कस्टडी में भी अपनी जान पर डर जताया है.
बाली पुलिस सूत्रों ने बताया कि छोटा राजन द्वारा लिखी गई चिट्ठी में उसने अपना नाम राजेंद्र सदाशिव निखलजे की बजाय मोहन कुमार लिखा है. उसने लिखा है कि वह गंभीर बीमारी से जूझ रहा है. गिरफ्तारी के बाद से उसने न ही खाना ठीक से खाया, न तो दवा ले पाया है.
इससे पहले 'आज तक' से एक्सक्लूसिव बातचीत में छोटा राजन ने भारत लौटने की इच्छा जाहिर की है. उसने कहा कि वह अपने देश लौटना चाहता है. यही नहीं उसका यह भी कहना है कि उसने सरेंडर नहीं किया है. वह अपने पासपोर्ट पर दी गई पहचान पर अभी अडिग है.
दो साल पहले हुई बाईपास सर्जरी
छोटा राजन ने डॉक्टरों से यह खुलासा किया है कि दो साल पहले उसकी बाईपास सर्जरी हुई थी. हिरासत में लिए जाने के बाद माफिया डॉन के पास कोलेस्ट्रॉल की दवा की कमी होने के कारण उसकी डॉक्टरी जांच करवाई गई है. अस्पताल में उसे दवा दी गई. वह किडनी की बीमारी से पीड़ित है.
सरकार पहले से कर रही है तैयारी
भारत सरकार पहले से ही छोटा राजन को भारत लाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए केंद्र ने मुंबई पुलिस से डॉन पर डोजियर मांगा है. उसे भारत लाने की कार्रवाई में बीस दिन से ज्यादा का वक्त लग सकता है. उसे लाने के लिए सीबीआई और मुंबई पुलिस की संयुक्त टीम जाएगी.
छोटा राजन पर मांगा डोजियर
क्राइम ब्रांच के डीसीपी धनंजय कुलकर्णी के मुताबिक, छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद से ही केंद्र सरकार लगातार मुंबई पुलिस के संपर्क में है. केंद्र के अधिकारियों ने मुंबई पुलिस से छोटा राजन के बारे में एक डोजियर मांगा है. उसके खिलाफ 70 से ज्यादा मामले दर्ज हैं.
ऐसे पकड़ा गया डॉन
25 अक्टूबर को इंडोनेशिया के बाली में एयरपोर्ट पर छोटा राजन को गिरफ्तार किया गया था. इंटरपोल के जरिए ऑस्ट्रेलियन फेडरल पुलिस ने बाली इमिग्रेशन को सूचना दी थी कि मोहन कुमार नाम का एक वांछित शख्स बाली एयरपोर्ट पहुंचने वाला है. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.