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इवेंट का जाल, किडनैपिंग और फिरौती... सुनील पाल-मुश्ताक ख़ान जैसे सितारों को ऐसे फंसाता था मेरठ का गैंग

मशहूर कॉमेडियन सुनील पाल से लेकर बॉलीवुड एक्टर मुश्ताक ख़ान तक. इवेंट के नाम पर इन नामचीन हस्तियों को यूपी के किडनैपर्स ने वो दर्द दिया है, जो ना तो किसी को दिखाते बन रहा है और ना ही छुपाते. ये दर्द पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शातिर अपराधियों ने इन्हें दिया है.

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पुलिस ने गैंग के पांच गुर्गों को पकड़ा है लेकिन सरगना फरार है
पुलिस ने गैंग के पांच गुर्गों को पकड़ा है लेकिन सरगना फरार है

West UP Lavi Pal Gang Disclosure: मेरठ में एक ऐसे गैंग का खुलासा हुआ है, जो पहले इवेंट के नाम पर मुंबई से अभिनाओं को बुलाता था और फिरौती के लिए उनका अपहरण कर लेता था. बाद में उन्हें पैसे लेकर छोड़ दिया जाता था. शर्म और बदनामी की वजह से कई बॉलीवुड हस्तियों ने इस गैंग के चंगुल से छूटने के बावजूद खामोश रहना बेहतर समझा. उन लोगों ने इस बारे में पुलिस से भी कोई शिकायत नहीं की. लेकिन इस गैंग का खुलासा उस वक्त हुआ, जब इस गैंग ने कॉमेडियन सुनील पाल और अभिनेता मुश्ताक खान को अगवा किया. 

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सुनील पाल और मुश्ताक खान बने शिकार
पुलिस ने देश के सबसे अनोखे किडनैपिंग गैंग के गुर्गों ने पकड़ा है. सबको हंसाने वाले कॉमेडियन सुनील पाल तो आपको याद हैं ना. उन्हें भला कौन भुला सकता है. वेलकम फिल्म के ये वो किरदार हैं, जिन्हें बैसाखी थमा कर उदय और मजनूं भाई बाकी को डराया करते थे. नाम है मुश्ताक खान. अब आप कहेंगे गैंग के गुर्गों और इन फिल्मी सितारों का आपस में क्या कनेक्शन है. कहीं ये किसी नए फिल्म का प्ल़ॉट तो नहीं. तो, जी नहीं. असल में मेरठ के किडनैपिंग गैंग के ये वो गुर्गे हैं जिन्होंने अलग अलग किश्तों में पहले मुश्ताक खान और फिर सुनील पाल को कुछ यूं अगवा किया कि दोनो खुशी खुशी कब खुद को अगवा करवा बैठे इन्हें तब तक पता ही नहीं चला जब तक कि ये वापस अपने घर मुंबई नहीं लौटे.

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धोखे से अगवा कर वसूले लाखों रुपये
मशहूर कॉमेडियन सुनील पाल से लेकर बॉलीवुड एक्टर मुश्ताक ख़ान तक. इवेंट के नाम पर इन नामचीन हस्तियों को यूपी के किडनैपर्स ने वो दर्द दिया है, जो ना तो किसी को दिखाते बन रहा है और ना ही छुपाते. क्या आप यकीन करेंगे कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शातिर अपराधियों ने पिछले चंद दिनों में जाल बिछा कर ना सिर्फ इन दोनों एक्टर्स को यूपी बुलाया, बल्कि दोनों को धोखे से अगवा कर उनसे लाखों रुपये वसूल लिए. 

मेरठ से मुंबई तक फैला है ये किडनैपिंग रैकेट 
बल्कि अब तो सूत्रों पर यकीन करें, तो अपहरण की ये कहानी बस इन्हीं दोनों कॉमेडियन और एक्टर्स तक ही सिमटी नहीं है, बल्कि पिछले छह महीनों में यूपी के इस गैंग ने लगभग आधे दर्जन एक्टर्स को यूं ही धोखे से अपने शिकंजे में फंसा कर उनसे लाखों रुपये की वसूली की है. मेरठ से लेकर बिजनौर और बिजनौर से लेकर मुंबई तक फैले इस किडनैपिंग रैकेट का एक-एक सिरा आज खोल कर आपके सामने रखेंगे. और ये धागे जितने खुलेंगे, आपकी हैरानी उतनी ही बढ़ती जाएगी. तो आइए शुरुआत करते हैं उस वारदात से, जो सबसे पहले सुर्खियों में आई.

2 दिसंबर 2024, नई दिल्ली
इस तारीख से कुछ रोज पहले एक्टर सुनील पाल से अनिल नाम के एक नौजवान ने संपर्क किया था और उन्हें हरिद्वार में एक इवेंट में शामिल होना न्यौता दिया. सुनील ने अपनी फीस बताई, एडवांस में एक टोकन मनी ले ली. तय तारीख पर यानी 2 दिसंबर को वो मुंबई से फ्लाइट लेकर दिल्ली पहुंच गए. दिल्ली में उनकी आगवानी के लिए एयरपोर्ट पर इवेंट ऑर्गेनाइज़र मौजूद थे. सुनील फ्लाइट से उतर कर सीधे कार में बैठे और कार दिल्ली से हरिद्वार के रास्ते पर फर्राटे भरने लगी. लेकिन अभी गाड़ी आधे रास्ते में पहुंची ही थी कि सुनील के साथ खेल हो गया. बीच रास्ते में चाय नाश्ते के बहाने कार रोक कर ऑर्गेनाइज़र्स ने सुनील को एक दूसरी गाड़ी में बिठाया और फिर उनकी आंखों में पट्टी बांध कर उन्हें हरिद्वार की जगह मेरठ की गुमनाम जगह पर ले गए. यानी अब सुनील पाल का अपहरण हो चुका था.

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सुनील से किश्तों में वसूले 8 लाख रुपये
बदमाशों के शिकंजे में फंसे सुनील के पास अब उनकी हर बात मानने के सिवाय और कोई रास्ता नहीं था. किडनैपर्स ने उन्हें डरा धमका कर अलग-अलग किश्तों में कुल 8 लाख रुपये अपने एकाउंट में ट्रांसफर करा लिए. हालत ये हुई घबराए सुनील ने डर के मारे अपने घर वालों तक को अपनी किडनैपिंग की खबर नहीं दी और अपने दोस्तों से ही पैसे मांग-मांग कर किडनैपर्स को ट्रांसफर करते रहे. उधर, सुनील के अचानक गायब हो जाने से पहले उनकी बीवी ने मुंबई में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई और फिर बाद में सांताक्रूज थाने में उनकी किडनैपिंग की एफआईआर लिखी गई. अब तक मेरठ पुलिस को इस वारदात की कोई जानकारी नहीं थी. 

मेरठ के ज्वेलर को भेजे गई थी कुछ रकम 
उधर, सुनील से रुपये वसूलने के बाद किडनैपर्स ने उन्हें उन्हीं से वसूले गए रुपयों से 20 हजार रुपये फ्लाइट टिकट के लिए दिए और मेरठ के लालकुर्ती इलाके में छोड़ दिया. लुटे-पिटे सुनील पाल किसी तरह मेरठ से पहले गाजियाबाद और फिर दिल्ली होते हुए फ्लाइट ले कर मुंबई पहुंचे. अब सुनील के जरिए मुंबई पुलिस को किडनैपिंग की कहानी पता चल चुकी थी. मुंबई पुलिस ने जांच की तो पता चला कि सुनील से वसूले गए रुपयों का कुछ हिस्सा मेरठ के एक ज्वेलर के एकाउंट में ट्रांसफर किया गया है. पहले मुंबई पुलिस ने ज्वेलर को फोन पर चेतावनी दी और फिर उनका एकाउंट फ्रीज कर दिया.

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सुनील पाल के नाम पर खरीदे गए गहने
हालांकि तब तक ज्वेलर को इस केस का कुछ भी पता नहीं था, बल्कि उन्हें तो ये लगा कि शायद ये डिजिटल अरेस्ट या जालसाजी का कोई खेल है. उन्होंने मुंबई पुलिस के कॉल को इग्नोर कर दिया. मगर अगले दिन जब उन्हें पता चला कि उनका बैंक एकाउंट फ्रीज हो चुका है, तो वो बैंक के साथ-साथ मेरठ पुलिस के पास पहुंचे और यहीं से इस केस में मेरठ पुलिस की एंट्री हुई. मेरठ पुलिस को पता चला कि सुनील से रुपये वसूलने के बाद किडनैपर्स ने उस ज्वेलर की दुकान से ही लाखों रुपये की खरीददारी की थी और इसके लिए बाकायदा सुनील पाल के नाम की ही पर्ची भी फाड़ी गई थी. 

पश्चिमी यूपी के लवी पाल गैंग की करतूत 
इसके बाद जब पुलिस ने ज्वेलरी शॉप की सीसीटीवी फुटेज की जांच की, तो किडनैपर्स की तस्वीरें साफ-साफ नजर आ गईं. ये किडनैपर्स कोई और नहीं बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात बदमाश लवी पाल और उसके गैंग के लोग थे. ज्वेलर की दुकान में खरीददारी करते हुए लवी पाल खुद नजर आ रहा था. अब मेरठ पुलिस लवी पाल और उसके गिरोह की तलाश में लग चुकी थी. लेकिन ये तो थी सुनील पाल के किडनैपिंग की कहानी, उधर सुनील पाल की तरह उनसे भी पहले बॉलीवुड के एक और एक्टर कॉमेडियन मुश्ताक खान के साथ भी कुछ ऐसा ही हो चुका था.

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20 नवंबर 2024, नई दिल्ली
सुनील पाल की तरह ही मुश्ताक खान को भी इवेंट का चारा दिया गया था. मुश्ताक खान से मेरठ के रहने वाले राहुल सैनी नाम के एक शख्स ने फोन पर बात की और एक प्रोग्राम में उन्हें गेस्ट के तौर पर आने की दावत दी. रुपये पैसों की बात हो गई और 20 नवंबर को मुश्ताक का पहले दिल्ली और फिर दिल्ली से मेरठ आना तय हो गया. 20 नवंबर को मुश्ताक खान दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर उतरे और उन्होंने किडनैपर्स ने अपनी गाड़ी में बिठा लिया. वो किडनैपर्स जिन्हें सुनील की तरह मुश्ताक भी इवेंट ऑर्गेनाइजर समझ रहे थे. और इसी तरह किडनैपर्स उन्हें मेरठ की जगह सीधे बिजनौर लेकर गए, जहां चाहशीरी इलाके के एक मकान में रखा गया. इत्तेफाक से सुबह उनके कानों में अज़ान की आवाज़ आई और उन्होंने हिम्मत जुटा कर किसी तरह खुद आजाद किया और वहां से भाग निकले और भाग कर सीधे मस्जिद में ही जाकर छुप गए. हालांकि इससे पहले ही किडनैपर्स उनसे करीब ढाई लाख रुपये वसूल चुके थे. बाद में मुश्ताक खान की ओर से भेजी गई शिकायत पर बिजनौर पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज की मामले की जांच शुरू की गई.

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8 सितंबर 2024, नई दिल्ली
लेकिन कहानी यहीं तक नहीं है. किडनैपिंग के इस खेल की कहानी और पीछे भी जुड़ती है. यकीन करना मुश्किल है कि इसी गैंग ने इससे पहले 8 सितंबर को बॉलीवुड के एक और नामी एक्टर राजेश पुरी को भी अगवा कर लिया था. उसी मॉडस ऑपरेंडी पर किडनैपर्स ने राजेश पुरी को पहले दिल्ली बुलाया और फिर दिल्ली से पश्चिमी उत्तर प्रदेश लाने लगे. लेकिन इत्तेफाक से राजेश को शक हो गया और उन्होंने गजब दिमाग चलाया. उन्होंने किडनैपर्स के साथ एक सेल्फी लेकर अपने दोस्तों को भेज दी और बताया कि वो इनके साथ हैं. अब किडनैपर्स अपने ही जाल में फंस चुके थे. उन्हें राजेश को छोड़ना पड़ा. अब जब मामले की जांच शुरू हुई है, तो पुलिस को राजेश की कहानी भी पता चली है.

बाल-बाल बचे शक्ति कपूर
मशहूर विलेन और कॉमेडियन शक्ति कपूर तो बाल-बाल बच गए. असल में उनके लिए किडनैपर्स में जो चारा फेंका था, वो काम नहीं आया, क्योंकि शक्ति कपूर ने इवेंट में शामिल होने के लिए जो टोकन मनी की मांग की थी, किडनैपर्स उतना इनवेस्ट नहीं करना चाहते थे. इनवेस्ट यानी किडनैपिंग के लिए चारे के तौर पर खर्ची जाने वाली रकम. ऐसे में किडनैपर्स की कोशिश के बावजूद शक्ति कपूर उनके जाल में फंसते-फंसते बाल-बाल बच गए. शक है कि बॉलीवुड एक्टर्स के इन किडनैपर्स की इस स्टोरी में और भी कई ऐसे नाम हैं, जो अपहरण का शिकार बन चुके हैं. अब बस देखना है कि आने वाले दिनों में और कितनी कहानियां सामने आती हैं.

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किडनैपिंग गैंग के पांच सदस्य गिरफ्तार 
पुलिस की गिरफ्त में आए इन किडनैपर्स ने वो किया है, जो इससे पहले यूपी के किसी किडनैपिंग गिरोह ने नहीं किया. इन्होंने एक नहीं, दो नहीं, तीन नहीं, उससे भी ज्यादा बॉलीवुड सेलिब्रिटीज को या तो अगवा कर लाखों रुपयों की वसूली की या फिर उन्हें किडनैप करने की कोशिश की. लेकिन बिजनौर और मेरठ पुलिस ने इस गैंग के पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर आखिरकार इस किडनैपिंग स्टोरी से पर्दा हटा ही दिया. ये और बात है कि इस गैंग का सरगना लवी पाल और उसके चार से पांच गुर्गे अब भी पुलिस की जद से बाहर हैं और उनकी तलाश जारी है. मेरठ पुलिस ने फिलहाल इस केस में लवी और उसके गुर्गों पर 25-25 हजार रुपये के इनाम का भी ऐलान कर दिया है.

इस मजबूरी का फायदा उठाता है शातिर लवी पाल
वैसे अब इस गिरफ्तारी के बाद इस गैंग की जो मॉडस ऑपरेंडी यानी वारदात को अंजाम देने का तरीका सामने आया है, वो चौंकाने वाला है. तरीका कुछ यूं है कि बदमाश पहले सेलिब्रिटीज को इवेंट का झांसा देकर खुद ही अपने इलाके में बुलाते और फिर अगवा कर रुपयों की वसूली कर वापस भेज देते. पुलिस की मानें तो इस गैंग का सरगना लवी पाल इतना शातिर है कि वो हर किडनैपिंग की प्लानिंग खुद बनाता और अपने खास गुर्गों को भी पूरा प्लान पहले नहीं बताता. बल्कि ऐन मौके पर उन्हें सिर्फ उतना ही काम देता, जितना उससे करवाना होता. 

गैंग के सरगना लवी पाल की तलाश जारी
उसके कॉन्फिडेंस का लेवल कुछ ऐसा है कि वो अपने गुर्गों को अक्सर फिल्म स्पेशल 26 की मिसाल देकर ऐसे किडनैपिंग के लिए तैयार करता, मानों वो किडनैपर्स नहीं बल्कि सीबीआई ऑफिसर्स हों. उसका मानना है कि एक्टर्स अक्सर लुट जाने के बाद अपनी इमेज खराब होने के डर से इसका खुलासा नहीं करते हैं और उन्हें इसी का फायदा उठाना है. फिलहाल लवी और उसके गुर्गों की तलाश में मेरठ और बिजनौर पुलिस की अलग-अलग टीमें जगह-जगह छापेमारी कर रही है और बदमाशों के साथ पुलिस की रेस जारी है.

(मेरठ से उस्मान चौधरी के साथ बिजनौर से संजीव शर्मा का इनपुट)

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