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दो बक्सों में मिली लाश की पहेली उलझी

दिल्ली-हरियाणा हाईवे के जीटी करनाल रोड-1 से 50 मीटर की दूरी पर बने ताऊ देवी लाल पार्क में मिले दो बक्सों में दो लाशों का राज और भी गहरा गया है.

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दो बक्सों में दो लाशों का राज और भी गहराया
दो बक्सों में दो लाशों का राज और भी गहराया

दिल्ली-हरियाणा हाईवे के जीटी करनाल रोड-1 से 50 मीटर की दूरी पर बने ताऊ देवी लाल पार्क में मिले दो बक्सों में दो लाशों का राज और भी गहरा गया है. तीन दिन बीतने के बाद भी पुलिस अभी तक दोनों मरने वाले लड़के और लड़की की शिनाख्त तक नहीं कर पाई है और ना ही आसपास के इलाके से कोई शख्स किसी लड़के या फिर किसी लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने उसके पास आया है. ऐसे में पुलिस ने कातिलों का सुराग देने के लिए एक लाख रुपये के ईनाम का ऐलान कर दिया और दोनो मरनेवालों की तस्वीरों के पोस्टर इलाके में चिपकाने की कवायद शुरू कर दी है. लड़की की मौत, हॉरर किलिंग का शक

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आखिर ये कत्ल हॉरर किलिंग का नतीजा हैं या फिर कातिलों ने दोनों को आपसी रंजिश की वजह से मारा है ये बात भी पुलिस अभी तक तय नहीं कर पाई है. ये तो तय है कि जिन्होंने ने भी इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया है वो एक से ज्यादा हैं. क्योंकि जिस अंदाज में दोनों की हत्या करने के बाद उनकी लाशों को ट्रंक में रखा गया और फिर उन्हें किसी गाड़ी में रख कर दिल्ली-हरियाणा हाईवे के नजदीक के ताऊ देवीलाल पार्क में पहुंचाया गया उससे साफ जाहिर होता है कि कातिल एक से ज्यादा हैं. साथ ही हत्यारो नें इस वारदात को बेहद शातिराना अंदाज में अंजाम दिया है. हॉरर किलिंग से दहली मुंबई, पिता ने रेप कर गर्भवती बेटी की हत्या की

पुलिस अभी तक ये भी तय नहीं कर पाई है कि आखिर दोनों मरने वालों का आपस में रिश्ता क्या है. पुलिस फिलहास ये भी मालूम नहीं कर पाई है कि मरने वाले दोनों लोग आसपास के इलाके के रहने वाले थे या फिर कातिलों ने दोनों का कत्ल कहीं और किया और लाशों को ठिकाने लगाने की गरज से उन्हें दो ट्रंकों में डाल कर मौका-ए-वारदात से दूर दिल्ली-हरियाणा हाईवे के ताऊ देवीलाल पार्क में छोड़ दिया. पुलिस के मुताबिक उन्हें मौका-ए-वारदात और दोनों ट्रंक से कुछ अहम सुराग मिले हैं. उनमें से एक है ट्रंक पर बना वो ट्रेड मार्क और कुछ खास निशान. उसकी बिनाह पर पुलिस नें आसपास के ट्रंक बनाने वालो से भी पूछताछ की है.

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बेशक पुलिस, इतनी सारी कवायद कर रही है लेकिन उसके हाथ अभी तक खाली है और वक्त बीतता जा रहा है. ऐसे में डर इस बात का है कि कहीं इसका फायदा उठाकर कातिल कानून की पकड़ से दूर ना हो जाएं.

आम तौर पर कातिल हमेशा सबूत मिटाने की कोशिश करता है. पर यहां दोनों बक्से पर बाकायदा लाल रंग से कुछ शब्द लिखे गए. फिलहाल पुलिस दोनों बक्से से कत्ल की पहेली सुलझाने की कोशिश कर रही है. दरअसल इस बक्से की एक ऐसी खासियत है जो पुलिस को कातिल तक पहुंचा सकती है. पुलिस सूत्रों की मानें तो केस खोलने में भी ये बक्सा बेहद अहम साबित हो सकता है. और पुलिस के इस यकीन की वजह है इस बक्से की बनावट.

दरअसल हरियाणा, पंजाब के गांवों और कसबों में इन बक्सों का खासा चलन है. ये बक्से खास तौर पर शादी-ब्याह के दौरान लड़की के घर वाले अपनी लड़की को देते हैं. इसमें ना तो कपड़े खराब होते हैं और ना ही चूहों के कपड़े कुतरने की कोई गुंजाइश बचती है.

फिर मजबूती की वजह से भी ऐसे बक्से इन इलाकों में काफी बिकते हैं. बक्से के अलावा बक्से के साथ मिली ताला-चाबी की खास बनावट भी केस पर खासी रोशनी डाल सकती है.

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कतिलों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने कई टीमें बनाईं हैं. साथ ही दिल्ली-हरियाणा हाईवे से रविवार रात से सोमवार सुबह तक गुजरने वाली गाड़ियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है ताकि कोई चश्मदीद मिल सके जिसनें बक्सा पार्क में रखते लोगों को देखा हो.

वैसे पुलिस को शक है कि अगर मामला सचमुच हॉरर किलिंग का निकला तो फिर मां-बाप इन दोनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने पुलिस के पास नहीं जाएंगे. उलटे वो इसे दबाने की कोशिश करेंगे. इसीलिए पुलिस इस केस को सुलझाने के लिए अपने मुखबिरों की जोरो-शोर से मदद ले रही है.

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