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नारायण साईं के खिलाफ कसा पुलिस का शिकंजा

अब से ठीक दो महीने पहले की बात है. राजस्थान पुलिस दर-दर भटक रही थी पर आसाराम थे कि हाथ आने का नाम ही नहीं ले रहे थे. तब इसी वारदात में हमने आपको आसाराम को एक अलग रूप में दिखाया था और फिर इसके दो दिन बाद ही पुलिस का इंतजार खत्म हो गया. आसाराम पकड़े गए और तब से अब तक वो सरकारी मेहमान के तौर पर जेल में हैं.

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नारायण साईं की तलाश में पुलिस
नारायण साईं की तलाश में पुलिस

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अब से ठीक दो महीने पहले की बात है. राजस्थान पुलिस दर-दर भटक रही थी पर आसाराम थे कि हाथ आने का नाम ही नहीं ले रहे थे. तब इसी वारदात में हमने आपको आसाराम को एक अलग रूप में दिखाया था और फिर इसके दो दिन बाद ही पुलिस का इंतजार खत्म हो गया. आसाराम पकड़े गए और तब से अब तक वो सरकारी मेहमान के तौर पर जेल में हैं.

ये तो रही बाप की बात. अब ज़रा वक्त का खेल देखिए. बाप जेल गए तो बेटे ने कमान संभाली. घूम-घूम कर बताने की कोशिश की उनके पिता बेकसूर हैं. उन्हें फंसाया जा रहा है. सफाई देने के लिए तब वो आज तक के दफ्तर भी आए थे.

पर तब तक शायद नारायण साईं को अंदाजा नहीं था कि बहुत जल्द ठीक वो सब कुछ उनके साथ भी होने वाला है जो अभी तक उनके पिता के साथ हुआ था. पिता की तरह उनपर भी ठीक वैसे ही आरोप लगेंगे. पिता की तरह उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होगा और फिर पिता की तरह ही खुद उन्हें भी पुलिस से भागना पड़ेगा और खुद पिता की तरह ही पुलिस को उनका भी इंतज़ार करना पड़ेगा.

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पर बाप की तरह ही अब सचमुच बेटे के लिए भी देर हो गई है. कानून से भागते-भागते नारायण साईं इतनी दूर निकल गए कि उन्हें वापस लाने के लिए अब गैर-जमानती वारंट का सहारा लेना पड़ रहा है. यानी अब इधऱ इंतजार खत्म हुआ नहीं कि जेल तय है. क्या करें दूसरी कोई सूरत छोड़ी ही नहीं साईं ने.


पिछले बीस दिनों से ज़्यादा वक़्त से जो नारायण साईं सूरत पुलिस को ढूंढ़े नहीं मिल रहे थे, अब उसी नारायण साईं के खिलाफ पुलिस ने अदालत ने गैर ज़मानती वारंट हासिल कर लिया है. यानी इससे पहले लुकआउट नोटिस लेकर नारायण साईं को ढूंढ़ रही पुलिस उन्हें पूछताछ के बाद राहत भी दे सकती थी, लेकिन पुलिस से भागते नारायण साईं ने अपने हाथों से वो मौका भी गंवा दिया. मतलब ये कि अब नारायण साईं और पुलिस आमने-सामने होती है, तो उसका सिर्फ़ और सिर्फ़ एक ही मतलब होगा और वे ये कि नारायण साईं की जगह भी अपने पिता आसाराम की तरह सलाखों के पीछे ही होगी.

सूरत की दो बहनों ने नारायण साईं और उनके पिता आसाराम के खिलाफ़ बलात्कार की रिपोर्ट लिखवाई थी. आसाराम चूंकि पहले ही यौन शोषण के एक मामले में राजस्थान पुलिस के हत्थे चढ़ चुके थे, गुजरात पुलिस ने ट्रांज़िस रिमांड पर लेकर उनसे अपनी पूछताछ पूरी कर ली लेकिन एक वो दिन था और एक आज का दिन. नारायण साईं का इंतज़ार कर रही गुजरात पुलिस को नाकामी ही हाथ लगी.

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सूरत पुलिस जगह-जगह नारायण साईं का लोकेशन ही पता लगाती रही, लुकआउट नोटिस लेकर घूमती रही. रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डों पर मुनादी करवाती रही लेकिन नारायण पुलिस की तमाम कोशिशों को चकमा देते हुए बेरोक-टोक कभी राजस्थान, कभी गुजरात, कभी एमपी और कभी दिल्ली की दूरियां नापते रहे और पुलिस को यहां तक पता चल गया कि नारायण साईं पुलिस को धोखा देने की कोशिश में हर रोज नए सिम का इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हें तोड़ रहे हैं, लेकिन इतना होने के बावजूद पुलिस नारायण साईं तक नहीं पहुंच सकी.

वैसे सूरत पुलिस का ये हाल तब हुआ, जब वो पहले कह रही थी कि नारायण साईं उनकी रडार पर है लेकिन बाद में यही नारायण साईं सूरत पुलिस की रडार से ऐसे गुम हुए कि सूरत पुलिस का सारा आत्मविश्वास धरा का धरा रह गया और उसे नारायण साईं पर दबाव बनाने के लिए अदालत तक पड़ा. बहरहाल, जो सूरत पुलिस अब तक लुकआउट नोटिस लेकर नारायण साईं का पता नहीं लगा पा रही थी, वही पुलिस अब वारंट लेकर कैसे नारायण साईं तक पहुंचेगी, ये देखना दिलचस्प होगा.

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