उत्तर प्रदेश में सत्ता की तस्वीर भले ही बदल जाए, पर सत्ता पर काबिज लोग प्रदेश की तकदीर बदलने नहीं देते. वैसे तस्वीर बदले भी तो कैसे? खाली बातों से भला कभी कुछ बदला है? जिन्हें कायदे से काम करना चाहिए, वो सिर्फ बातें कर रहे हैं.
ये है उत्तर प्रदेश में हैवानियत का चेहरा
रेप के बाद लड़की की ज़ुबान काट दी.
रेप के बाद लड़की को ज़िंदा जला दिया.
चार साल की बच्ची के साथ हैवानियत.
साल भर की बच्ची भी महफ़ूज़ नहीं.
किसी मासूम की रेप के बाद जुबान काट ली जाती है, तो किसी की इज्जत तार-तार कर उसे जिंदा जलाया जा रहा है. ताकि जो सचमुच बोल सकती हैं वो चुप रहें. चुप रहे ताकि कोई सुन ना सके. चार साल की बच्ची के साथ कहीं बलात्कार हो रहा है तो एक साल तक की मासूम भी महफूज नहीं है अखिलेश जी के उत्तर प्रदेश में.
करीब चार महीने पहले ही अखिलेश सरकार को लखनऊ की गद्दी पर काबिज हुए एक साल पूरा हो चुका है. 15 मार्च 2012 को अखिलेश ने प्रदेश की बागडोर संभाली थी. पहला वादा यही किया था कि राज्य में जुर्म की तस्वीर बदल कर रख देंगे. तस्वीर सच में बदली, पर अच्छी होने की बजाए और बुरी हो गई.
उनके राज्य के पहले साल में ही तीन हजार से ज्यादा मर्डर, हजार के करीब रेप, हजार से ज्यादा किडनैपिंग और चार हजार से ज्यादा लूट के मामले हुए. अखिलेश साहब आखिर आपके यूपी में राज किसका है? जनता बेहाल है. पुलिस लाचार और दरिंदों का लगातार अत्याचार बढ़ रहा है. कम से कम आपका राज तो नहीं लगता है. लखनऊ से लेकर इटावा, प्रतापगढ़ से लेकर बुलंदशहर तक लोग बेहाल हैं. वारदात इतनी खौफनाक कि रूह कांप जाए और आप हैं कि बस बातें किए जा रहे हैं.
इस मामले को ही देख लें, पहले लड़की को 2 साल तक प्रेम जाल में फंसाया गया. फिर उसे धोखे से प्रेमी ने कमरे में बुलाया, वहां प्रेमी और उसके 3-4 दोस्तों ने लड़की की इज्जत तार तार की और उसके बाद इस लड़की को जिंदा जला दिया. अब लड़की अस्पताल में मरने की कगार पर पहुंच चुकी है. सुनकर किसी की भी रूह कांप उठेगी, लेकिन हैरानी अब और बढ़ जाएगी, जब आपको ये पता चलेगा कि लड़की को आग के हवाले किया गया मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जिले इटावा में.
सैफई के मेडिकल कॉलेज के बिस्तर पर पड़ी पीड़ित लड़की 90 फीसदी से भी ज्यादा जल चुकी है. जिंदगी दोबारा मिलने की संभावना न के बराबर है. हालांकि इटावा जिले के इकदिल इलाके के देसरमऊ गांव के 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है, लेकिन सभी आरोपी फरार हैं और कोई गिरप्तारी नहीं हुई है. राज्य के आला पुलिस अधिकारी मामले की लीपापोती में लगे हैं, जबकि जिले का पुलिस महकमा सिर्फ केस दर्ज कर मामले से पल्ला झाड़ने की जुगत कर रहा है.
ताज्जुब होता है ये सोचकर कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के राज में अपराधी और बलात्कारी बेखौफ हो चुके हैं जबकि पुलिस सुस्त और लाचार. पीड़ा होती है उस बयान को सुनकर भी जब सत्ता पर काबिज समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता ये कहते हैं कि ऐसी घटनाएं तो देश के दूसरे राज्यों में भी होती हैं.
सत्ताधारी पार्टी मामले को रफादफा करने की फिराक में है लेकिन विरोधी पार्टियों को सरकार को घेरने का फिर से मौका मिला है.
अखिलेश के राज में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को आंकड़ों के हिसाब से भी समझिए. साल 2011 में पूरे उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ 22639 अपराध के मामले दर्ज किए गए, जबकि साल 2012 में ये आंकड़ा बढ़कर 23569 हो गया यानी 930 का इजाफा. 2012 में उत्तर प्रदेश में बलात्कार के 1963 मामले दर्ज किए गए. जिस प्रदेश में महिलाएं लगातार असुरक्षित होती जा रही हैं. क्या वो कभी उत्तम प्रदेश बन पाएगा? जिस राज्य में हर रोज औसतन 5 से ज्यादा बलात्कार होते हैं, क्या वो राज्य कभी विकसित हो पाएगा?
दूसरी कहानी, पहले लड़की की इज्जत को तार-तार किया, फिर परिवार जो जान से मारने की धमकी दी और आखिर में पीड़ित लड़की को की ही जान से मारने की कोशिश. कहानी टीवी के किसी सीरियल का नहीं, यही हकीकत है अखिलेश यादव के उस उत्तर प्रदेश की जहां दबंगों की दबंगई एक नाबालिग की जिंदगी पर भारी पड़ रही है.
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के जेठवारा थाने के नौबस्ता गांव की नाबालिग युवती बार-बार गांव के दबंगों की दरिंदगी का शिकार हो रही है. फिलहाल जिला अस्पताल में भर्ती है, जबकि उस पर कातिलाना हमला करने वाले 1 आरोपी को छोड़कर सभी फरार घूम रहे हैं. दरअसल युवती और उसके परिवार का आरोप है कि इसी साल 22 जनवरी को गांव के एक युवक ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया. पुलिस ने बलात्कार का मामला दर्ज करके आरोपी को जेल भेज दिया. इसी मामले में पीड़ित नाबालिग को 24 जुलाई को कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करना था. लेकिन उससे पहले लड़की के परिवार की मानें तो बुधवार की देर शाम जब पीड़ित लड़की घर से बाहर कहीं जा रही थी, उसी वक्त पहले से घात लगाए बैठे रेप के आरोपी युवक के भाई, रिश्तेदार और एक अन्य शख्स ने लड़की को पकड़ लिया और उसे एक सुनसान जगह पर ले गए. वहां किसी धारदार हथियार से उन्होंने उसकी जीभ काटने की खतरनाक कोशिश की और उसे लहूलुहान हालत में वहीं छोड़ भाग खड़े हुए.
अस्पताल के बिस्तर पर पड़ी लड़की की जुबां पर गहरे जख्म के निशान कोई कम देखने वाला इंसान भी देख सकता है, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस की नजर और नियत में शायद खोट है, तभी उसे ये एक सामान्य चोट दिख रही है.
हर बार की तरह पुलिस का इस मामले में भी पर्दा डालने की कोशिश, ये साबित कर रहा है कि राज्य में उसके इंसाफ करने का पैमाना शायद आरोपी और पीड़ित के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक हैसियत को तौल कर ही किया जाता है. अखिलेश यादव के समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में अकेले प्रतापगढ़ में ही बलात्कार के करीब डेढ़ सौ से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन सिलसिला नहीं थम रहा. न जाने उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश कब बनाएंगे अखिलेश यादव.
हैवानियत का ये चेहरा भी देख लीजिए. 45 साल के शख्स ने 13 महीने की मासूम बच्ची से बलात्कार किया. सुनकर यकीन तो नहीं होता, लेकिन ये वो सच है जिसे सुनकर किसी की भी रुह कांप जाए. एक मासूम जिसकी उम्र अभी गुड्डे-गुड्डियों से खेलने की थी उस मासूम के साथ एक वहशी ने सिर्फ अपनी हवस मिटाने के लिए बलात्कार कर दिया.
दरअसल आरोपी हीरापुर गांव में अपने एक रिश्तेदार के यहां शादी में आया था. ये बच्ची भी अपने परिवार के साथ इसी शादी में आई हुई थी. रात के वक्त आरोपी ने बच्ची को अपने साथ सुला लिया और फिर उसके साथ बलात्कार किया. बलात्कार के बाद बच्ची की हालत जब ज़्यादा बिगड़ गई तब उसको जिला महिला अस्पताल भेज गया. जहां उसका प्राथमिक इलाज करने के बाद उसे मेरठ के सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया.
फिलहाल पुलिस आरोपी को हिरासत में लेने के बाद अपनी कार्रवाई में जुटी है. लेकिन उधर उस मासूम की हालत काफी गंभीर बनी हुई है. यूपी में हर रोज हो रही बलात्कार की वारदात को देखकर तो ये सावल उठना लाजिमी है कि क्या अखिलेश राज में महिलाएं और बच्चियां महफूज हैं?