आसाराम पिछले करीब पौने दो साल से जेल के अंदर है. यौन शोषण के इलजाम में. बाप के पीछे-पीछे बाद में बेटे नारायण साईं को भी इसी तरह के इल्जाम में जेल ले जाया गया. इन दोनों के जेल जाने के बाद से अब तक कुल सात-सात गवाहों पर जानलेवा हमला हो चुका है. इनमें से दो का तो कत्ल ही कर दिया गया. अब सबसे ताजा हमला नारायण साईं के पूर्व पीए पर हुआ है, जिन्हें पानीपत में उनके घर में घुस कर हमलावरों ने दो गोली मारी.
इन सभी के सभी किरदारों के साथ तीन बातें बेहद अजीब हैं. पहला तो ये कि ये सभी के सभी रेप और पाखंड के इल्ज़ामों से घिरे तथाकथित संत आसाराम या फिर उनके बेटे नारायण साईं के करीबी रह चुके हैं. दूसरा ये कि इन सभी ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ सच बोलने की हिम्मत जुटाई और बतौर गवाह सामने आए. तीसरा ये कि इन आठ में से दो को गुमनाम कातिलों ने मौत के घाट उतार दिया, जबकि बाकी छह खुद पर हुए जानलेवा हमले में बाल-बाल बचे हैं.
लेकिन क्या इन तमाम किरदारों की ये कॉमन बातें महज़ एक इत्तेफ़ाक हैं? या फिर इसके पीछे वही सच छिपा है, जिसके चर्चे आम हैं और जिस पहलू को ध्यान में रख कर खुद पुलिस भी इन हमलों और कत्ल के मामलों की तफ्तीश कर रही है.
वो पहलू है, आसाराम बापू या फिर उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ बोलने पर इन सभी को एक-एक कर या तो रास्ते से हटाया जा रहा है या फिर हटाने की कोशिश हो रही है. सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर ऐसा नहीं है, तो बाप-बेटे के जेल जाते ही उनके खिलाफ मुंह खोलनेवाले इतने सारे लोगों पर हमले क्यों और कैसे हो रहे हैं?
इसी कड़ी में आई है सबसे ताजा हमला. गोलियों से ये हमला अबकी किसी और पर नहीं बल्कि खुद नारायण साईं के पूर्व पीए महेंद्र चावला पर हुआ है. लेकिन इससे पहले कि आसाराम और नारायण साईं के खिलाफ गवाही देनेवालों पर आई मुसीबत और इस ख़ौफनाक साजिश के बारे में बात करें, आइए पहले आसाराम की ताजा वाणी सुन लीजिए. पिछले करीब दो साल से जोधपुर जेल में बंद आसाराम की शिकायत है कि जब सलमान खान को जमानत मिल सकती है तो उनके जैसे संत को क्यों नहीं?
महेंद्र चावला उन चुनिंदा लोगों में एक है, जिसने तमाम धतकरमों के इल्ज़ामों से घिरे बाप-बेटे यानी आसाराम और नारायण साईं के खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत की थी. अब चूंकि जोखिम बड़ा है, तो पुलिस को भी अहसास था कि चावला को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा सकती है. लिहाजा, पुलिस चावला के साथ सुरक्षागार्ड की तैनाती भी करती है. लेकिन इसके बावजूद हमलवार महेंद्र चावला को अपनी गोलियों का निशाना बना लेते हैं.
महेंद्र चावला नाम के शख्स को दो नकाबपोश हमलावरों ने बुधवार को उसके घर में घुसकर अपनी गोलियों का निशाना बना ही डाला. हमलावरों ने तो उसे गोली मारते वक्त ऐलानिया कहा कि आसाराम बापू और नारायण साईं के खिलाफ मुंह खोलने या गवाही देने की बस यही एक सजा है...सजा-ए-मौत. लेकिन अपनी खुशकिस्मती और बहादुरी से महेंद्र चावला अब भी ना सिर्फ ज़िंदा है, बल्कि पुलिस को खुद पर हुए हमले की पूरी कहानी भी बयान कर चुका है.