बिहार के दरभंगा में दो इंजीनियरों के हत्या की गुत्थी सुलझ गई है. पुलिस का दावा कि आरोपी मुन्नी देवी और उसके पति ने गुनाह कबूल कर ली है. यही नहीं, पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की गई बाइक को भी बरामद करने का दावा किया है.
गौरतलब है कि 26 दिसंबर 2015 को सड़क निर्माण कंपनी बीएससी-सीएंडसी ज्वॉइंट वेंचर कंपनी के दो इंजीनियरों की दरभंगा जिला के बहेड़ी के गंगदह शिवराम गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले में शनिवार को पुलिस को तब बड़ी सफलता मिली, जब फरार बहेड़ी प्रखंड प्रमुख मुन्नी देवी और उसके पति संजय लालदेव को गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में दोनों ने वारदात में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है.
ट्रेन से उतरते ही धर दबोचा
रंगदारी मांगने के मामले में दिनदहाड़े हुई इस हत्या का आरोप कुख्यात गैंगस्टर मुकेश झा और उसके शूटर मुकेश पाठक पर लगा है. मुन्नी देवी संतोष झा की बहन है. मुन्नी और उसके पति ने कबूल किया है कि हत्यारोपी मुकेश पाठक व उसके गुर्गों को हत्याकांड के बाद तथा पहले उन्होंने अपने घर में शरण दी थी. पुलिस मुन्नी देवी और उसके पति की खोज में लगी थी. इसी बीच सूचना मिली कि दोनों शनिवार को दिल्ली से दरभंगा पहुंचने वाले हैं. जैसे ही दोनों ट्रेन से उतरे, पुलिस ने उन्हें धर दबोचा.
निशानदेही पर छापेमारी
दरभंगा के एसएसपी एके सत्यार्थी ने बताया कि पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. उनसे उच्च स्तरीय टीम पूछताछ कर रही है. पुलिस ने निशानदेही पर शनिवार दोपहर से ही छापेमारी तेज कर दी है. इसी दौरान पुलिस को मुन्नी देवी द्वारा अपराधियों को ठहराए गए ठिकानों का पता चला, जो घटना को अंजाम देने से पहले भाड़े पर दिलाया गया था. मुन्नी देवी द्वारा बताए गए ठिकानों पर दरभंगा पुलिस द्वारा त्वरित करवाई करते हुए सदर डीएसपी और बेनीपुर डीएसपी के नेतृत्व में टीम गठित की गई और बहादुरपुर थाना क्षेत्र के न्यू खाजासराय स्थित दुर्गानन्द झा के मकान पर किराए के घर में छापेमारी की गई.
मोटसाइकिल, कपड़े बरामद
छापेमारी के दौरान दरभंगा पुलिस को इंजीनियर हत्याकांड में इस्तेमाल हुए एक अपाचे मोटरसाइकिल, अपराधी द्वारा इस्तेमाल किए गए कपड़े सहित कई महत्वपूर्ण कागजात मिले हैं. जिस किराए के मकान में रहकर अपराधी अपने अपराध को अंजाम देने की योजना बना रहे थे वहां पड़ोसी का कहना था की अपराधी अपने आप को पतांजलि संस्थान के सदस्य बताते थे और अपना नाम करण और पिंटूबतलाते थे.
बताया जाता है कि दरभंगा पुलिस जब छापेमारी के लिए आई तो अपने साथ अपराधियों की तस्वीर भी लाई. तस्वीरों में दो तस्वीर उन अपराधियों की थी जो यहां करण और पिंटू के नाम से रहते थे. जब इस संबंध में सदर डीएसपी दिलनवाज अहमद से बात गई तो उन्होंने बाइक सहित अन्य सामानों की बरामदगी के साथ-साथ छापेमारी तेज होने की बात कही.