दस साल पहले ही दाऊद इब्राहिम को मारा जा सकता था. 23 जुलाई 2005 को दाऊद की बेटी का रिसेप्शन था. दाऊद को दुबई के उस होटल में मारा जाना था, जहां यह रिसेप्शन था. भारतीय खुफिया एजेंसी का यह पूरा ऑपरेशन मुंबई पुलिस की एक गलती ने नाकाम बना दिया. यह सनसनीखेज खुलासा उस समय देश के गृह सचिव रहे आरके सिंह ने किया है.
छोटा राजन गैंग को किया गया शामिल
दाऊद इब्राहिम की बेटी माहरूख शेख का निकाह पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद के बेटे जुनैद के साथ होने जा रहा था. निकाह की खबर बेहद गोपनीय रखी गई थी.
इसी के बाद आईबी ने दाऊद को दुबई में मारने का प्लान तैयार किया. नई दिल्ली सीधे तौर पर ऑपरेशन दाऊद से जुड़ना नहीं चाहती थी. इसलिए ऑपरेशन के लिए कमांडोज भेजने की बजाए छोटा राजन गैंग के शार्प शूटरों को दुबई भेजा जाए. इस ऑपरेशन का इंचार्ज अजित डोभाल को बनाया गया था.
राजन लेना चाहता था बदला
1993 के मुंबई ब्लास्ट के बाद छोटा राजन, दाऊद और उसकी डी-कंपनी से अलग हो चुका था. राजन खुद को हिंदू डॉन के तौर पर प्रचारित कर दाऊद का सबसे बड़ा दुश्मन बन चुका था. फिर राजन 2000 में बैंकॉक में खुद पर हुए हमले का भी दाऊद से बदला लेना चाहता था.
ऑपरेशन दाऊद के लिए छोटा राजन ने अपने दो सबसे भरोसेमंद शार्प शूटर विक्की मल्होत्रा और फरीद तनाशा को चुना था. भारत आने के बाद इन दोनों को एक खुफिया ठिकाने पर ट्रेनिंग दी गई और दाऊद को मारने की पूरी योजना बनाई गई.
गिरफ्तार हो गए शूटर्स
तय हुआ था कि दाऊद को 23 जुलाई 2005 को ग्रैंड हयात में ही मारा जाएगा. इसके लिए विक्की मल्होत्रा और फरीद तनाशा के फर्जी ट्रेवल डाक्यूमेंट्स भी तैयार किए गए थे, लेकिन विक्की मल्होत्रा और फरीद तनाशा को दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया गया.
मुंबई पुलिस की एक गलती
असलम मोमिन की वजह से आईबी का दाऊद इब्राहिम को मार गिराने का प्लान नाकाम हो गया था. असलम मोमिन मुंबई पुलिस का एनकाउंटर स्पेशलिस्ट था, जिसके दाऊद और उसके घर वालों से भी रिश्ते थे. दूतावास के संदेश की मानें तो दाऊद ने ही असलम मोमिन को विक्की मल्होत्रा और फरीद तनाशा को दिल्ली में गिरफ्तार करवाने की टिप्स दी थी.