देश के बवाली बाबाओं की फेहरिस्त में शामिल हुआ सबसे नया बाबा ज़माने की नज़र में आते ही कुख्यात हो गया है. इसके कारनामे इतने बड़े और अश्लील हैं कि लोगों ने इसे बाबा राम रहीम का भी उस्ताद घोषित कर दिया है. इस ढ़ोंगी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित ने खुद को भगवान का अवतार घोषित किया और अपनी साधिकाओं को मोक्ष दिलाने के नाम पर अपनी रानियां बनाने का झांसा दिया. लेकिन कहते हैं कि पाप घड़ा एक दिन फूट ही जाता है. तो बाबा की हकीकत भी आखिरकार सबके सामने आ ही गई.
कमउम्र लड़कियां निशाने पर
वीरेंद्र देव दीक्षित ने अपने नाम में तो देव लगा रखा लेकिन असल में वो दानव था. उसे औरतों के मुस्कुराने से नफरत थी. बच्चियों की खुशी से नफरत थी. उनकी आजादी से नफरत थी. इस नफरत में वो रोज उन्हें रौंदता था. कहते हैं कि बाबा. ढोंगी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित न सिर्फ अश्लील था बल्कि बहुत बड़ा भी अय्याश था. नाबालिग बच्चों और कम उम्र औरतों और तमाम तरह के ऐशो-आराम के अलावा उसे लग्जरी कारों का भी शौक था.
लग्जरी का कारों का शौकीन बाबा
ढोंगी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के काफिले में एक से एक लग्जरी कारें मिली हैं. आश्रम में मर्सिडीज-ऑडी समेत 9 लग्जरी कारों का पता चला है. वीरेंद्र दीक्षित के काफिले की ज्यादातर कारें काले रंग की हैं. छापे के दौरान यूनिवर्सिटी के बेसमेंट में बनी पार्किंग में चार कारें बरामद हुई हैं.
रात में ही निकलता है बाबा
हैरान करने वाली बात ये है कि 30 साल से अय्याशी की ये यूनिवर्सिटी चल रही थी और इसके सरगना वीरेंद्र देव दीक्षित को किसी ने कभी नहीं देखा. उनका कहना है कि वो हमेशा रात में आता था. उसके आने की जानकारी अगले दिन कारों के काफिले से ही मिलती थी. और जब भी वो आश्रम में आता रात में चहल-पहल बढ़ जाती.
देशभर में फैला है आश्रमों को जाल
भारत के 5 राज्यों और नेपाल में वीरेंद्र देव दीक्षित के लगभग दो सौ आश्रम हैं. दिल्ली, पंजाब, यूपी, हरियाणा और राजस्थान में वीरेंद्र देव के कई आश्रम मौजूद हैं. उसका मुख्यालय राजस्थान के माउंट आबू में है, जहां वो सबसे ज्यादा रहता था. नेपाल की राजधानी काठमांडू के आसपास भी वीरेंद्र दीक्षित का आश्रम है.
बाबा 'फर्रुख़ाबादी' की इनसाइड स्टोरी
ढोंगी बाबा ने दिल्ली में किलेनुमा आश्रम बना रखा है तो यूपी के फर्रुख़ाबाद में भी उसका बड़ा सा आश्रम मौजूद है. खास लड़कियों को ही आध्यात्म की शिक्षा देने वाले बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित का जन्म यूपी के इसी जिले में हुआ था. लेकिन आध्यात्म का ढोंग रचकर लड़कियों की आबरू से खेलने वाले बाबा के चेहरे से पहली बार नकाब तो उसी रोज़ उतर गया था, जब 1998 में उसके खिलाफ़ पहली बार एक लड़की से रेप करने का मुकदमा यूपी में ही दर्ज हुआ था. वो बाबा के खिलाफ़ दर्ज पहली और आखिरी एफआईआर नहीं थी, बल्कि इसके बाद भी बाबा पर 1999 में फिर से ऐसा ही एक केस दर्ज हुआ और फिर 2006 में रेप और किडनैपिंग के छह मामले दर्ज हुए. लेकिन बाबा जितना तेज़ गुनाह के रास्ते पर चल रहा था, उतना ही उसके आडंबर का ढोंग भी बढ़ता जा रहा था. अब जबकि बाबा की असलियत खुल कर सबके सामने आई तो फर्रुखाबाद के लोग भी कहने लगे हैं कि बाबा तो पुराना और छंटा हुआ खिलाड़ी है.
मुश्किल में ढ़ोंगी बाबा
इधर, दिल्ली में हाई कोर्ट ने जहां बाबा के आठ और आश्रमों पर दबिश का हुक्म दिया है, वहीं इसकी अगली सुनवाई 4 जनवरी को तय की है. वैसे तो अब इस बाबा के सितारे गर्दिश में आ ही चुके हैं. लेकिन कहने की ज़रूरत नहीं है कि फिलहाल मुंह छिपाए घुम रहा ये बाबा अगर इससे पहले अदालत में पेश नहीं हुआ, तो उसकी दिक्कतें बहुत ज़्यादा बढ़ जाएंगी.