दिल्ली के एक मकान में 9 और 10 अक्टूबर की दरम्यानी रात को तूफ़ान से पहले की ख़ामोशी थी. घर में रहने वाले चार लोगों में से तीन गहरी नींद में थे. जबकि चौथे के दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था. वो देर तक अपना पुराना फैमिली एल्बम देखता रहा. एल्बम में मां-बाप और बहन की तस्वीरें थीं. इसके बाद वो एल्बम बंद करता है और सबसे पहले अपने पिता के कमरे में जाता है.
चाकू के पहले आठ वार पिता के हिस्से में आते हैं. इसके बाद मां का रुख करता है. मां के हिस्से 18 वार आए. फिर आखिर में बहन के कमरे में जाता है. चाकू के सात वार बहन के हिस्से में थे और इस तरह कुल 33 वार में एक बेटा अपने हाथों से अपने पूरे परिवार का खात्मा कर डालता है.
09-10 अक्टूबर 2018, रात 12.30 बजे
दिल्ली के किशनगढ़ में उस रात मिथलेश वर्मा का पूरा परिवार पत्नी सिया. बेटी नेहा और बेटा सूरज करीब 12.30 बजे तक टीवी देखते रहे. सबको नींद आ रही थी. मगर सूरज की आंखों से नींद जैसे नदारद थी. मानो उसे किसी चीज़ का इंतज़ार था. मां सोने जा रही थी. उसने उसे रोका और खाने के लिए एक सेब मांगा. सेब देकर मां. पापा के साथ एक कमरे में और बहन दूसरे कमरे में सोने चली गई. मगर सूरज जाग रहा था. सेब खाने के बाद उसने अलमारी से पुराना एलबम निकाला और पांच साल पुरानी इस तस्वीर को गौर से देखने लगा. अगल बगल मम्मी-पापा. बीच में बहन और पीछे वो खुद खड़ा हुआ था.
09-10 अक्टूबर 2018, रात 3 बजे
एल्बम देखते देखते रात के 3 बज गए. घड़ी में तीन बजते ही वो एल्बम बंद कर के ऐसे उठा जैसे कोई आने वाला हो. लेकिन आना तो किसी को नहीं था, दरअसल वो अपने परिवार पर कज़ा लाना चाहता था. बेड के नीचे जहां उसने दिल्ली के ही महरौली से 450 रुपये में खरीदी चाकू और कैंची छुपा रखी थी. निकाला और सीधे उस कमरे में दाखिल हुआ जहां पापा मिथलेश और मम्मी सिया गहरी नींद में सो रहे थे. मौसम ठंडा था लिहाज़ा दोनों ने चादरें ओढ़ रखी थीं.
एक के बाद एक हमले करता रहा सूरज
हाथों में चाकू लेकर सूरज ठीक उस जगह पर खड़ा हो गया जहां उसके पापा लेटे हुए थे. फिर ताबड़तोड़ तरीके से चादर के ऊपर से ही उन्हें चाकुओं से गोदने लगा. एक के बाद एक बड़ी तेज़ी से उसने अपने पिता के पेट में आठ बार चाकू गोद दिया. पति की चीख सुनते ही बगल में सोई पत्नी सिया की आंख खुली तो उन्होंने क्या देखा कि उनका अपना बेटा हाथों में खंजर लिए अपने ही पिता को चाकुओं से छलनी किए जा रहा है. मां ने रोकने और चिल्लाने की कोशिश की तो पिता को छोड़ उसने अपनी मां के पेट में चाकू घुसा दिया.
बेरहमी से तीनों को मारा
अभी मां अपने आप को संभाल भी नहीं पाई थी कि उनकी आवाज़ सुनकर बहन नेहा जाग गई. उसने शोर मचाना चाहा तो मां को छोड़कर इसने पहले अपनी बहन का गला रेता और फिर चाकुओं से तब तक गोदता रहा जब तक वो बेसुध नही पड़ गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया कि उसने अपनी बहन को 7 बार चाकुओं से गोदा. लेकिन पहले से ज़ख्मी मां ने जब ये देखा तो वो बेटी को बचाने के लिए आगे बढ़ी तो फिर ये पलट कर मां की तरफ आ गया. और उन्हें पहले से एक चाकू मार चुके सूरत ने मां पर दोबारा हमला बोल दिया और उन्हें 17 बार चाकुओं से गोद दिया. पूरे परिवार को ताबड़तोड़ चाकुओं के हमले से मार चुके इस हत्यारे बेटे ने इसके बाद तीनों पर कैंची से भी कई वार किए. ताकि बचने की कोई गुंजाइश ना रह जाए.
09-10 अक्टूबर 2018, सुबह 4 बजे
मम्मी-पापा और बहन को मार चाकुओं से हलाल कर चुका सूरज अब इन तीन लाशों के साथ घर में ही था. वह ये षड़यंत्र रचने की कोशिश करता रहा कि हत्या की इस वारदात को वो कैसे लूटपाट का नतीजा बता सके. लिहाज़ा धीरे धीरे उसने तमाम सबूत मिटाने की कोशिश की. पहले बाथरूम में जाकर उसने कैंची और चाकू को धोया. फिर उसे बेड के नीचे ही छुपा दिया. इसके बाद उसने घर का सामान बिखरा दिया ताकि सीन लूटपाट का लगे.
09-10 अक्टूबर 2018, सुबह 5 बजे
जब सूरज को इत्मिनान हो गया कि अब उसने घर का पूरा सीन लूटपाट के लिहाज़ से तैयार कर लिया है. तो उसने खुद पर भी हमले के कुछ निशान बनाए ताकि खुद भी वो इस लूट का भुक्तभोगी लगे. फिर सुबह सवेरे करीब 5 बजे जैसे ही उसे घर के बाहर किराएदार नज़र आया. उसने चिल्लाना शुरू कर दिया कि घर में चोरी हो गई है और सब को मार दिया गया है. घर में ट्रिपल मर्डर की बात सुनते ही किराएदार ने फौरन पुलिस को इत्तेला दी. पुलिस जैसे ही मौके पर पहुंची तो घर का माहौल देखकर सब सन्न रह गए. घर के अंदर खून में लथपथ तीन लाशें बिखरी पड़ीं थी.