scorecardresearch
 

पुलिस कस्टडी में मौतः साख बचाने में जुटी दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस की कस्टडी में एक युवक की मौत हो जाने के बाद अब पुलिस अपनी साख बचाने में जुट गई है. इसके लिए सबसे पहले आदर्श नगर थाने में पांच आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. जिसमें गैर इरादतन हत्या, सबूत मिटाने और मारपीट की धाराएं लगाई गई हैं.

Advertisement
X
इस मामले में पांच पुलिसवालों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है
इस मामले में पांच पुलिसवालों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है

Advertisement

दिल्ली पुलिस की कस्टडी में एक युवक की मौत हो जाने के बाद अब पुलिस अपनी साख बचाने में जुट गई है. इसके लिए सबसे पहले आदर्श नगर थाने में पांच आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. जिसमें गैर इरादतन हत्या, सबूत मिटाने और मारपीट की धाराएं लगाई गई हैं.

पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके खानापूर्ति तो कर ली लेकिन घटना के चार दिन बीत जाने के बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. सूत्रों की माने तो अभी तक आरोपी पुलिस वालों से एक बार पूछताछ तक नहीं की गई है. हालांकि एसएचओ समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.

बता दें कि आजादपुर मंडी में काम करने वाला सोमपाल को आदर्श नगर थाना पुलिस ने 28 दिसम्बर की रात हिरासत में लिया था. बताया जा रहा है कि सोमपाल का उस वक्त किसी के साथ झगड़ा हो रहा था. पुलिस वाले उसे पकड़कर थाने ले आए थे.

Advertisement

सोमपाल

इसके बाद 30 दिसंबर की सुबह सोमपाल की लाश मजलिस पार्क मेट्रो स्टेशन के पास मिली थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता लगा है कि सोमपाल के दोनो घुटने टूटे हुए थे. उसके सिर में गंभीर चोट लगी थी. लाश मिलने के बाद कई सवाल उठने लगे तो आदर्श नगर पुलिस तुरंत बचाव की मुद्रा में आ गई. मगर सवाल पुलिस का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं.

आदर्श नगर पुलिस का कहना है कि सोमपाल भागने के लिए थाने की तीसरी या चौथी मंजिल से नीचे कूद गया. जिसकी वजह से उसके घुटने टूट गए लेकिन फिर सवाल उठता है कि जब सोमपाल के घुटने टूट गए थे तो वह थाने से 6 किलोमीटर दूर मजलिस पार्क मेट्रो स्टेशन तक कैसे पहुंच गया?

हैरान कर देने वाली बात यह है कि सोमपाल ऊपर से कूद गया. जमीन पर गिरा. उसके दोनों घुटने टूट गए. वह बाहर चला गया लेकिन थाने में मौजूद किसी भी पुलिस वाले को ना तो कोई आवाज सुनाई दी और ना ही उसकी भनक लगी.

पुलिस का कहना है कि जिस कमरे में सोमपाल को रखा गया था, वो लॉक नहीं था. ये बात भी अपने आप में बेहद बचकानी है क्योंकि पुलिस किसी को पकड़ कर लाई और उसे थाने में यूं ही बैठा दिया.

Advertisement

सोमपाल की लाश सड़क के किनारे कुछ इस तरह से मिली थी कि ऐसा लगे कि वह किसी दुर्घटना का शिकार हुआ हो, लेकिन अब तक की जांच में डीआईयू की टीम को मजलिस पार्क मेट्रो स्टेशन के पास से ऐसा कोई सुराग नहीं मिला है, जिससे ये एक्सीडेंट साबित हो सके.

सोमपाल के घरवालों का कहना है कि पुलिस अपना झूठ छिपाने के लिए कहानियां गढ़ रही है. घरवालों का सीधा आरोप है कि पुलिस ने सोमपाल की जमकर पिटाई की. उसे बहुत ज्यादा चोट लगी. बाद में पुलिस वाले उसे मेट्रो स्टेशन के पास फेंक आए. एफआईआर भी उसी थाने में दर्ज की गई है, जिस थाने के एसएचओ पर ये आरोप लगे हैं, हालांकि जांच लोकल युनिट डीआईयू को सौंपी गई है.

इस संबंध में दो जनवरी को राष्ट्रीय मनवाधिकार आयोग ने पुलिस को नोटिस जारी कर 6 हफ्तों में जवाब मांगा है.

Advertisement
Advertisement