scorecardresearch
 

IPL का गंदा सच सामने वाले इंस्पेक्टर को डी कंपनी ने मरवाया

आईपीएल 2014 शुरू होने में अब ज्यादा वक्त नहीं है. आईपीएल में खेलने के लिए खिलाड़ी आज से नीलामी के हथौड़े के नीचे आने वाले हैं. मगर आईपीएल 2013 का जिन्न है कि बोतल में बंद होने को तैयार ही नहीं. आईपीएल 2013 में फिक्सिंग की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. खुलासा है आईपीएल के पहले खून का.

Advertisement
X
IPL का पहला खून
IPL का पहला खून

आईपीएल 2014 शुरू होने में अब ज्यादा वक्त नहीं है. आईपीएल में खेलने के लिए खिलाड़ी आज से नीलामी के हथौड़े के नीचे आने वाले हैं. मगर आईपीएल 2013 का जिन्न है कि बोतल में बंद होने को तैयार ही नहीं. आईपीएल 2013 में फिक्सिंग की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. खुलासा है आईपीएल के पहले खून का.

Advertisement

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर बद्रीश दत्त का मर्डर, जिसे सबसे पहले आईपीएल में मैच फिक्सिंग की खबर मिली. जिसने सबसे पहले जाना कि मैच फिक्सिंग के तार अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम से जुड़े हैं. बद्रीश ने सबसे पहले आईपीएल में मैच फिक्सिंग को लेकर एफआईआर दर्ज कराई.

इंस्पेक्टर बद्रीश दत्त ने एफआईआर 9 मई 2013 को दर्ज कराई थी और एफआईआर दर्ज कराने के 24 घंटे के अंदर ही नौ और दस मई की रात को इंस्पेक्टर बद्रीश दत्त की रहस्यमयी हालत में मौत हो गई.

गुड़गांव के एक घर से बद्रीश दत्त और उनकी एक महिला मित्र की की लाश मिली थी. दोनों की मौत गोली लगने से हुई थी. इस मामले की जांच कर रही गुड़गांव पुलिस तब भी और अब भी यही कह रही है कि इंस्पेक्टर बद्रीश दत्त ने पहले अपनी महिला दोस्त को गोली मारी और फिर उसी पिस्टल से खुद को गोली मार कर खुदकुशी कर ली.

Advertisement

पर क्या यही सच है? क्या वाकई बद्रीश दत्त ने खुदकुशी की थी? या फिर आईपीएल में फिक्सिंग का राज़ जान जाने की वजह से इंस्पेक्टर बद्रीश दत्त को मार डाला गया?

अब आईपीअल जांच कमेटी की रिपोर्ट में सनसनीख़ेज़ खुलासा हुआ है कि अनीस इब्राहीम के कहने पर बद्रीश दत्त का मर्डर किया गया. बद्रीश दत्त के पास मैच फिक्सिंग में अनीस इब्राहीम गैंग के शामिल होने के सबूत थे, इसीलिए अंडरवर्ल्ड ने बद्रीश को रास्ते से हटा दिया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आईपीएल 2013 में मैच फिक्सिंग मामले की जांच करने वाली जस्टिस मुकुल मुद्गल कमेटी ने ये खुलासा एक बुकी के इकबालिया बयान के हवाले से किया है. कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, किट्टी उर्फ उत्तम जैन होटलायर विक्रम अग्रवाल के साथ जुड़ा था. रिपोर्ट के मुताबिक विक्रम अग्रवाल एक बड़ा बुकी है. किट्टी के मुताबिक, आईपीएल में फिक्सिंग के खुलासे के बाद उसे डर था कि विक्रम अग्रवाल खुद को बचाने के लिए उसे फंसा सकता है, क्योंकि उसकी पुलिस में अच्छी पहुंच थी. बकौल किट्टी विक्रम अग्रवाल को ये बात पता चल गई. इसी के बाद एक रोज विक्रम अग्रवाल ने किट्टी से कहा, 'अपना मुंह बंद रखना. द्राऊद इब्राहीम के भाई अनीस इब्राहीम ने दिल्ली के एक इंस्पेक्टर और उसकी बीवी को सिर्फ इसलिए मार दिया था, क्योंकि वो मैच फिक्सिंग और अनीस गैंग का सच जान गया था. दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर बद्रीश दत्त और गीता शर्मा को अनीस इब्राहीम के लोगों ने हमेशा के लिए खामोश कर दिया है.'

Advertisement

यहां ये भी बता दें कि आईपीएल मैच फिक्सिंग मामले में दिल्ली पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें भी साफ-साफ कहा गया है कि इस पूरी फिक्सिंग के पीछे डी कंपनी का ही हाथ है. यानी किट्टी की बात को हलके में नहीं लिया जा सकता. हालांकि दिल्ली के पुलिस कमिश्नर भीमसेन बस्सी का कहना है कि उन्होंने पूरी रिपोर्ट अभी नहीं पढ़ी है. पर अगर उन्हें लगेगा कि मामले की नए सिरे से जांच होनी चाहिए तो जरूर होगी. इंस्पेक्टर बद्रीश दत्त और गीता शर्मा की मौत की जांच कर रही गुड़गांव पुलिस इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद क्या मामले की जांच नए सिरे से करेगी? ये सवाल इसलिए क्योंकि नया खुलासा ना सिर्फ चौंकाने वाला है बल्कि बेहद गंभीर भी.

इंस्पेक्टर बद्रीश दत्त ने एफआईआर में जो कुछ लिखाय़ा था वो ये है......

सेवा में,
ड्यूटी ऑफिसर, स्पेशल सेल,
लोधी कालोनी, नई दिल्ली,

                       अप्रैल 2013 के तीसरे सप्ताह में गुप्त सूचना मिली थी कि अंडरवर्ल्ड के कुछ लोग दिल्ली के कुछ अज्ञात लोगों के सक्रिय सहयोग से इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मैचों में किसी प्रकार की फिक्सिंग में शामिल हैं. ये भी पता चला है कि ये लोग सटोरियों के जरिये भारी पैसे कमाने के लिए कुछ ऐसे खिलाडि़यों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें आईपीएल प्रायोजकों ने भारी कीमत पर अपनी-अपनी टीम से जोड़ा था. ये सटोरी खेल में अवैध जुआ खेलने की सुविधा देते हैं. ये भी बताया गया है कि जिस खिलाड़ी को फिक्स किया जायेगा उसे भारी रकम दी जायेगी और वो अपने पहले से तय ओवर/बॉल के दौरान खराब प्रदर्शन करेगा. इन ओवर/बॉल के दौरान सटोरियो द्वारा भारी रकम दांव पर लगाई जायेगी.
                       ये उन लोगों के साथ धोखाधड़ी होगी, जो खेल प्रेमी अपनी मेहनत की कमाई से टिकट खरीदते हैं. बड़ी संख्या में लोग केवल मंहगे टिकट खरीदकर स्टेडियम में ही नहीं, बल्कि इंटरनेट और टेलीविजन के जरिये भी पूरी दुनिया में ये सोचकर मैच देखते हैं कि ये ईमानदारी से खेला जा रहा है. इन मैचों के प्रसारण के दौरान विज्ञापन के जरिये भारी रकम खर्च होती है. इस तरह की गैरकानूनी हरकतों से खेल प्रेमियों का कीमती समय और पैसा लुट जाता है.
                       इस जानकारी के आधार पर अब तक तकनीकी और मैनुअल सर्विलांस लगाई गयी थी. मेरी जानकारी के मुताबिक, संदिग्ध (मैच फिक्स करनेवाले और सटोरी) जो कि दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब से हैं और कुछ खिलाड़ी जो कि इंडियन प्रीमियर लीग में हिस्सा ले रहे हैं ये लोग आपस में मिल गये हैं और मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग में संलिप्त हैं.
                       ऊपर बताये गये ग्रुप ने पहले से एक गणना कर ली है कि मैच के किस हिस्से को फिक्स किया जायेगा. पहले से तय संकेत खिलाडियों की तरफ से सटोरियो को इस तरह से दिये जायेंगे, जिससे स्टेडियम में और टीवी देख रहे सटोरी संकेतों को साफ देख सकें और भारी सट्टा लगा सकें. और इस काम के लिये फिक्स किये गये खिलाड़ी को उसके अवैध काम के लिये भारी पैसा मिलेगा. ये पैसा उस राशि से अलग होगा जो कि उसे फ्रेंचाइजी के साथ अनुबंध के तौर पर मिलना है.
                       इस ग्रुप की इस तरह की गैरकानूनी हरकत उन क्रिकेट प्रेमी लोगों के साथ धोखाधडी है जो अपनी मेहनत की कमाई लगाते हैं. इन हालात में आईपीसी की धारा 120 B/ 420 के तहत मामला बनाया गया है.
                       कृपया मामला दर्ज करें और केस की जांच अधोहस्ताक्षरकर्ता को सौपें.
इंस्पेक्टर बद्रीश दत्त.

Advertisement
Advertisement