जेएनयू के छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी का रहस्य सुलझाने के लिए दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को एक बार फिर कहा है कि उसे एबीवीपी के छात्रों और नजीब के दोस्तों का पॉलीग्राफ कराने मे कोई परेशानी नहीं है, लेकिन दोनों पक्ष को इसके लिए तैयार होना पड़ेगा. एबीवीपी के छात्रों ने पुलिस पर शंका जताते हुए कहा कि सिर्फ उनका ही पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहती है, नजीब के दोस्तों का नहीं.
हाईकोर्ट ने कहा कि 22 फरवरी को पटियाला कोर्ट में होने वाली सुनवाई में पुलिस ये साफ करे कि इस मामले में कौन-कौन छात्र पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं और कौन नहीं. हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई 16 मार्च को दोबारा करेगा. पिछली सुनवाई पर लापता होने के चार माह बीतने के बाद भी जेएनयू छात्र नजीब अहमद का पुलिस को कोई सुराग न मिल पाने पर हाई कोर्ट ने हैरानी जाहिर जताई थी.
जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले मे सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि यदि जांच में पुलिस को कुछ खास नहीं मिल पा रहा है, तो वो पॉलीग्राफ टेस्ट करा सकती है. यह मामला गंभीर है, इसलिए हर उस शख्स को खंगाला जाए जो मामले पर रोशनी डाल सकता है. कोर्ट ने कहा कि नजीब अक्टूबर मे गायब हुआ था. चार महीने के बाद भी दिल्ली पुलिस को कुछ खास हाथ नहीं लगा है.
बताते चलें कि नजीब 15 अक्टूबर, 2016 में लापता हुआ था. इस मामले में पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं. हाइकोर्ट इस मामले में संदिग्ध 9 छात्रों में से एक की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. छात्र ने पुलिस के उसे पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए दिए गए नोटिस की चुनौती देने के अलावा हाई कोर्ट को अपने 14 और 22 दिसंबर के आदेश पर पुर्नविचार करने का आग्रह किया है, जो उसके अधिकारों के खिलाफ हैं.