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दिल्ली के 2 गैंगस्टर के बीच फंसे सुशील कुमार, गैंगवार में गई सागर धनखड़ की जान!

सुशील कुमार इस वक्त बेशक दिल्ली पुलिस की कस्टडी में है, लेकिन सुशील को दिल्ली पुलिस से कोई खतरा नहीं है. उसे डर है तो विदेश में बैठे गैंगस्टर काला जठेड़ी से. दिल्ली पुलिस को भी इस खतरे का अहसास है. लिहाज़ा उसने सुशील की सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं.

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सुशील कुमार और उनके साथी से लगातार पूछताछ की जा रही है
सुशील कुमार और उनके साथी से लगातार पूछताछ की जा रही है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पिछले दस सालों से गैंगस्टर के साथ थे रिश्ते
  • अब पुलिस से ज़्यादा काला जठेड़ी से सुशील को डर
  • सुशील की वजह से दिल्ली में छिड़ सकता है गैंगवार
  • जठेड़ी और नीरज बवाना के बीच गैंगवार की आशंका

सुशील कुमार की जिंदगी को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है. पहले हिस्से में तपस्या थी. मेहनत थी. लगन थी. कुछ कर गुजरने की जिद थी. जबकि जिंदगी के दूसरे हिस्से में कामयाबी थी. दौलत थी. शौहरत थी. सुशील कुमाल अब कत्ल के आरोप में दिल्ली पुलिस की हिरासत में हैं. मगर सवाल ये है कि आखिर सुशील ने सागर धनखड़ का कत्ल क्यों किया? हर कोई इस सवाल का जवाब जानना है.

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सुशील कुमार इस वक्त बेशक दिल्ली पुलिस की कस्टडी में है, लेकिन सुशील को दिल्ली पुलिस से कोई खतरा नहीं है. उसे डर है तो विदेश में बैठे गैंगस्टर काला जठेड़ी से. दिल्ली पुलिस को भी इस खतरे का अहसास है. लिहाज़ा उसने सुशील की सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं. अब सवाल ये है कि सुशील कुमार को काला जठेड़ी से क्यों खतरा है? सागर धनखड़ की हत्या से काला जठेड़ी का क्या लेना देना? सागर धनखड़ से काला जठेड़ी का क्या रिश्ता? तो दिल्ली पुलिस सूत्रों की मानें तो सागर की हत्या दरअसल गैंगवार का नतीजा है. 

ये कहानी कुछ यूं है कि करीब दस साल पहले सुशील कुमार पहली बार दिल्ली के कुछ दबंगों और गैंगस्टरों के साथ संपर्क में आया. खास तौर पर उसकी सबसे ज़्यादा करीबी काला जठेड़ी से थी. ईस्टर्न पेरीफेरल-वे से जब गुरुग्राम की तरफ से आते हैं, तो रास्ते में एक गांव पड़ता है, जिसका नाम जठेड़ी है. काला इसी जठेड़ी गांव का रहनेवाला है. बाद में वो गैंगस्टर बन गया और उसकी पहचान और नाम काला जठेड़ी पड़ गया. काला जठेड़ी पर कई हत्याओं के इल्ज़ाम हैं. दिल्ली के बड़े गैंगस्टर की बात करें, तो उनमें से एक काला जठेड़ी है. 

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काला जठेड़ी के संपर्क में आने के बाद सुशील कुमार एक तरह से उसके लिए भू-माफिया के तौर पर काम करने लगा. विवादित जमीन हड़पना, खाली कराना, समझौता कराना, इसके लिए काला सुशील कुमार की मदद लेने लगा. बदले में सुशील को अच्छी खासी रकम भी मिलती और दबंगों के बीच उसकी शोहरत भी बढ़ती. धीरे-धीरे सुशील बाकी गैंगस्टर के भी संपर्क में आने लगा. दिल्ली के ज़्यादातर गैंगस्टर और दबंग या माफिया सुशील कुमार को सुशील पहलवान बुलाते हैं.

अब तक सबकुछ ठीक चल रहा था. इस दौरान इल्ज़ाम है कि सुशील कुमार ने अपने इन्हीं माफिया साथियों के साथ मिल कर मॉडल टाउन के एक विवादित फ्लैट पर क़ब्ज़ा जमा लिया. कहते हैं ये वही फ्लैट है जो सुशील की पत्नी के नाम पर है. फ्लैट पर कब्जा जमाने के बाद सुशील कुमार ने अपने कुछ लोगों को इसमें रखना शुरू कर दिया और उन्हीं में एक था सागर धनखड़. दरअसल, सागर धनखड़ को सुशील कुमार बहुत मानता था. अखाड़े में वो उसकी प्रतिभा का भी कायल था. इसी वजह से छत्रसाल स्टेडियम छोड़ने के बाद उसने सागर धनखड़ को मॉडल टाउन के अपने उसी फ्लैट में रहने की इजाजत दे दी. इस दौरान अब सागर धनखड़ भी पहलवानी से दूर बाकी चीज़ों में उलझना शुरू हो चुका था. 

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कहते हैं कि पिछले करीब एक साल से वो पहलवानी से दूर था और वो भी माफियाओं की संगत में आ चुका था. इस दौरान सुशील कुमार काला जठेड़ी के अलावा दिल्ली के एक और कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवाना के भी क़रीब आ चुका था. नीरज बवाना फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. नीरज बवाना और काला जठेड़ी के बीच 36 का आंकड़ा है. दोनों गैंग अक्सर आपस में टकराते रहते हैं. नीरज बवाना के साथ करीबी की ख़बर काला जठेड़ी को भी लग चुकी थी. इस दौरान सागर धनखड़ भी काला जठेड़ी और उसके गुर्गों के करीब आता जा रहा था. खास तौर पर काला जठेड़ी के राइट हैंड सोनू महाल के वो सबसे ज़्यादा क़रीब था. सोनू महाल पर कत्ल के कई मामले हैं. अपने एक साथी को छुड़ाने के लिए उसने दिल्ली पुलिस के हिरासत में गोलियां भी चलाई थी.

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नीरज बवाना के साथ सुशील की करीबी से गुस्साए काला जठेड़ी सुशील को सबक सिखाना चाहता था. काला जठेड़ी को मॉडल टाउन के उस फ्लैट की पूरी जानकारी थी थी, जो कभी इल्ज़ाम है कि सुशील ने कब्जाया था. उस फ्लैट में सागर धनखड़ रह रहा था. काला जठेड़ी ने सोनू महाल और उसके कुछ दोस्तों को उस फ्लैट में भेजना शुरू किया. अब सोनू महाल का यहां लगातार आना जाना था. ये बात सुशील को पता चली, सुशील ने सागर से फ्लैट खाली करने को कहा. लेकिन सागर और सोनू ने काला जठेड़ी का हवाला देकर फ्लैट खाली करने में आनाकानी की. और यहीं से गैंगवार शुरू हुई. सुशील कुमार ने सागर और सोनू को सबक सिखाने के लिए दूसरे गैंग का सहारा लिया. यानी अब लड़ाई सीधे-सीधे सुशील और काला जठेड़ी के बीच थी.

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4 और 5 मई की रात को जो कुछ हुआ, वो इस गैंगवार की एक तरह से शुरुआत थी. नीरज बवाना के कुछ ख़ास गुंडे और कुछ दूसरे गैंग के गुंडों के साथ सुशील ने सागर सोनू और उनके एक और दोस्त को पीट डाला. मकसद साफ़ था, काला जठेड़ी को ये पैगाम देना कि उसे कम ना समझा जाए. हालांकि सूत्रों के मुताबिक पांच मई की सुबह जब सागर की मौत हो गई तब सुशील ने काला जठेड़ी को फ़ोन किया और उससे माफी भी मांगी थी. लेकिन काला जठेड़ी इस बात पर गुस्सा था कि उसने उसके खास आदमी सोनू महाल पर हाथ कैसे उठाया? इसी के बाद काला जठेड़ी ने सुशील कुमार को धमकी दी कि वो उसे छोड़ेगा नहीं और तब से ही सुशील कुमार डरा हुआ है. 

 

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