कोरोना भी क्या क्या रंग दिखा रहा है. नए नए वैरिएंट में सामने आ रहा है. इसी तरह से दुनिया का सबसे पुराना पेशा भी इससे अछूता नहीं रहा. गुंडागर्दी की पुरानी तरकीबें अब बेकार हो चुकी हैं. नए जमाने में इसने नया और हाई टेक रूप ले लिया है. सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी गुंडागर्दी करने वालों को समझ आने लगा है. यही वजह है कि अब गैंगस्टर और नामी बदमाश अपनी कॉरपोरेट फिल्में बना रहे हैं. ताकि लोगों को आसानी से डरा सकें, धमका सकें और वसूली कर सकें. गुंडागर्दी के इसी नए वैरिएंट का शिकार हो गया ओलंपियन सुशील कुमार.
सोशल मीडिया पर कई गैंगस्टर हीरो की तरह दिखाए जा रहे हैं. उनके कई वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद हैं. जिनमें किसी के पीछे खलनायक की म्यूज़िक है और आगे पीछे पुलिस है. लोग उनका इंतज़ार करते दिखते हैं. उनके कहीं जाते ही खुशी में गोलियां दागी जाती हैं. उनके हाथों में भले ही हथकड़ी है. भले ही दर्जनों पुलिस के जवान उन्हें घेरे हुए हैं. मगर उन्हें किसी नायक की तरह दिखाने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर भरे पड़े हैं.
ऐसा ही विवादित नाम है गैंगस्टर काला जठेड़ी का. वो बिल्कुल इस लायक नहीं है कि उसे खुला छोड़ा जाए. लेकिन सवाल ये कि आखिर हम इस नेशनल प्लेटफॉर्म पर उसके बारे में क्यों बता रहे हैं. क्यों उसकी गुंडई का प्रचार किया जाए. तो उसकी वजह है पहलवान सुशील कुमार. जो एक शादी में दूल्हे के साथ हंस-हंसकर तस्वीरें खिंचा रहा था. वो दुल्हा कोई और नहीं बल्कि गैंगस्टर काला जठेड़ी का छोटा भाई है. काला जठेड़ी भी पुलिस के कड़े पहरे में उस शादी समारोह में पहुंचा था.
गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी को अब देश के 5 राज्यों की पुलिस तलाश कर रही है. उसके सिर पर लाखों रुपयों का इनाम है. दिल्ली पुलिस उस पर मकोका लगा चुकी है. पिछले करीब एक दशक से भी ज़्यादा वक्त से काला जठेड़ी हर रोज़ जुर्म की नई इबारत लिख रहा है. लेकिन ये नाम अचानक सुर्खियों में इसलिए है क्योंकि ओलंपिक विनर और अब किलर रेसलर सुशील कुमार के साथ इसका कनेक्शन है.
सुशील कुमार ने जिस सागर धनखड़ की हत्या की उसी सागर धनखड़ के साथ एक और पहलवान की पिटाई हुई. जिसका नाम था सोनू महाल. कहा जाता है कि सोनू महाल, गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी का ममेरा भाई है. दिल्ली और आसपास के इलाके में काला जठेड़ी के गैंग को सोनू ही ऑपरेट करता है. क्योंकि काला जठेड़ी हिंदुस्तान में नहीं बल्कि गिरफ्तारी के डर से दुबई में छुपा बैठा है. दुबई और मलेशिया से काला जठेड़ी का हुक्म आता है और उसके गुर्गे दिल्ली एनसीआर से लेकर हिंदुस्तान के 5 राज्यों राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पंजाब में जरायम की दुनिया में अपनी दहशत कायम करते हैं.
काला जेठड़ी जैसे गैंगस्टर जेल में रहकर या हिंदुस्तान में ना होकर भी अपना गैंग चलाते हैं. जानते हैं कैसे गोली बम बारूद की नुमाइश. महंगी महंगी गाड़ियों का काफिला. दुनिया पर रौब जमाने के अंदाज़ में जब ये चलते हैं तो इनके साथ गुंडों की फौज हवा में गोलियां चलाते हुए चलती है. जहां रुकते हैं, वहां एसयूवी गाड़ियों को जाम लग जाता है. बॉलीवुड के विलेन को ही ये अपना हीरो समझते हैं. उन्हीं की तरह उठते बैठते चलते हैं. रील लाइफ में नहीं रियल लाइफ में. ये रौला देखकर अच्छे-अच्छे लोग इनके प्रभाव में आ जाते हैं. बाकी रही सही कसर पूरी कर देता है सोशल मीडिया.
इसे भी पढ़ेंः फरारी के वक्त बिना सिम का फोन चला रहे थे सुशील कुमार, टेलीग्राम से कर रहे थे कॉलिंग!
सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफॉर्म पर काला जठेड़ी लिखिए. सैकड़ों पेज खुद ब खुद खुल जाएंगे. अभिनेताओं और नेताओं की तरह सोशल मीडिया पर इनके फैन पेज भी चलते हैं. हज़ारों लोग इन्हें फॉलो करते हैं. यूट्यूब पर तो इनके ऐसे ऐसे वीडियो मौजूद हैं कि एक बार को देखकर आप भी दंग रह जाएंगे कि ये असल ज़िंदगी की तस्वीरें हैं या किसी फिल्म की.
सोशल मीडिया पर इन बदमाशों के वीडियो का प्रेज़ेंटेशन देखकर ऐसा मालूम होता है कि बालीवुड का कोई हीरो एंट्री ले रहा हो. ज़ाहिर है आम तो आम खास लोग भी इनके झांसे में आ जाते हैं. अपनी ज़िंदगी तबाह कर लेते हैं. सबकुछ जानते हुए भी पुलिस प्रशासन और सरकार तब तक आंखें मूंदें बैठी रहती है, जब तक ये लोग कोई कांड नहीं कर देते हैं. क्या सोशल मीडिया पर मौजूद इन तस्वीरों और वीडियो को अपलोड करने वालों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए? काला जठेड़ी जैसे गुंडों के ऐसे फैन पेज को चलने ही कैसे दिया जा रहा है जो बदमाशों का अड्डा है? पुलिस कर क्या कर रही है?
पुलिस की तो खैर पूछिए ही मत. उनसे बड़ा धृतराष्ट्र को शायद ही कोई हो. काला जठेड़ी के एक वीडियो में ऐसा ही कुछ देखने का मिला. वो वीडियो साल 2019 का है. जब गैगस्टर काला जठेड़ी के छोटे भाई प्रदीप की शादी थी. भाई काला जठेड़ी के नाम से यूट्यूब पर मौजूद एक वीडियो की शुरुआत घातक फिल्म के डायलॉग से होती है. उस वीडियो में पुलिस वाले काला जठेड़ी के साथ इस तरह से चल रहे हैं, जैसे वो कोई अपराधी नहीं बल्कि कोई वीआईपी हो.
Read: मेहुल चोकसी को दिल्ली लाने के लिए डोमिनिका में मौजूद है सीबीआई की ये महिला अधिकारी
ज़ाहिर है ऐसे पुलिसवालों की वजह से ही पुलिस की बदनामी होती है और बदमाशों के हौसले बुलंद होते है. सोनीपत में कंगारू गार्डन में आयोजित हुए इस शादी समारोह में शामिल होने के लिए काला जठेड़ी को जेल से पूरे सुरक्षा इंतज़ामों के तहत लाया गया था. अपराधियों को बैठाने वाली पुलिस वैन के साथ पुलिस की कई गाड़ियां भी थी और दर्जनभर से ज़्यादा पुलिसवाले. पुलिसवैन को मैरिज हाल के अंदर ही घुसा दिया गया और फिर उसमें से मुस्कुराता हुआ उतरा काला जठेड़ी. ज़ाहिर है अपराधियों को कैद में होने के बावजूद लोगों से नज़र मिलाने में शर्म नहीं आती है.
उस वीडियो में साफ दिख रहा है कि पुलिस काला जठेड़ी को पूरा मौका दे रही है. लोगों पर अपना रौब जमाने का. वो सबका नेताओं और अभिनेताओं की तरह मुस्कुरा कर अभिवादन कर रहा है. मगर पुलिस की बेशर्मी की कहानी उसके बाद शुरु होती है. पुलिस का इतना बड़ा लाव लश्कर होने के बावजूद शादी में सैकड़ों लोग हथियारों को नुमाइश कर रहे थे. कुछ हवा में गोलियां चला रहे थे. इन लोगों को रोकने के अलावा पुलिस खुद ही इस जश्न में शामिल हो गई. एक सिपाही ने तो रंगीन मौसम देखकर हुक्के के कश भी लगाने शुरु कर दिए. सच्चाई तो ये है कि ऐसे पुलिसवालों की सांठगांठ पर ही ऐसे लोग अपराध जगत में हैं. वरना पुलिस के लिए इन गुंडों को सुधारना बहुत बड़ा काम नहीं है.
वो वीडियो काला जठेड़ी का महिमा मंडन करने और लोगों को डराने के इरादे से बनाया गया. लेकिन इसमें जोड़ा गया फिल्मी डायलॉग तो उल्टा काला जठेड़ी को ही आईना दिखा रहा है. क्योंकि काला जठेड़ी तो खुद लोगों को डरा कर पैसा वसूलता है. कहते हैं नकल के लिए भी अक्ल की जरूरत होती है. बम बारूद और बंदूक की भाषा बोलने वाले इन गुंडो को ये बात समझ आए भी तो कैसे.
अब आते हैं उस तस्वीर पर जिसके लिए हम आपको इस वीडियो के बारे में बता रहे हैं. और वो तस्वीर है ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की. लहराती बंदूकों और गुंडो के बीच सुशील की मौजूदगी हैरान करने वाली थी. ये वीडियो साबित करता है कि सुशील और बदमाशों की गहरी सांठगांठ थी. तस्वीरों में सुशील कुमार काला जठेड़ी के भाई प्रदीप के साथ नजर आ रहा है. उस वीडियो के अलावा एक पुरानी फोटो भी सामने आई है, जिसमें सुशील पहलवान कुर्सी पर और काला जठेड़ी का भाई प्रदीप जमीन पर बैठा हुआ है.. इससे पता चलता कि सुशील और काला जठेड़ी में सालों से सिर्फ़ सांठगांठ ही नहीं बल्कि पारिवारिक संबंध भी थे.