पांच आतंकवादियों को गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा ने खुलासा करते कहा कि अफगानिस्तान में आईएसआई (ISI) मौजूद है. वहां से टेरर फाइनेंस ऑपरेट होता है. कश्मीर टेरर नेटवर्क के जरिए ड्रग्स भारत भिजवाया जाता है. जब इंडिया में वह ड्रग बिक जाता है, तो उसी के पैसे से ये लोग भारत में आतंकवाद को हवा देते हैं. आतंकवाद को फाइनेंस करते हैं.
डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा ने कहा कि जो लोग आतंकवाद के खिलाफ खड़े हो रहे हैं, उनकी हत्या करवाई जा रही है. सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश हो रही है. इन सबका लिंक पाकिस्तान से है और इनका टारगेट किलिंग का प्लान था, लेकिन दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की कोशिश से यह लोग पकड़े गए हैं.
पंजाब में टारगेट किलिंग का काम यही लोग अंजाम दे रहे हैं. दरअसल, इस सबके पीछे पाकिस्तानी एजेंसी ISI का हाथ है. जांच और पूछताछ में पता चला है कि पकड़े गए सभी आरोपी अपराधी हैं. इनमें आरोपी पठान का कनेक्शन हिजबुल मुजाहिदीन से है, वो हिजबुल का OGW था. इनके संबंध पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से हैं. पठान का भाई पीओके में रहता है. ये लोग ड्रग की तस्करी में शामिल हैं.
डीसीपी के मुताबिक हिजबुल मुजाहिदीन का संबंध पंजाब से यानि वहां के खालिस्तानियों से बनवाने की कोशिश की जा रही है. जिसके पीछे आईएसआई है. पता चला है कि पाकिस्तानी एजेंसी ISI खालिस्तानी और कश्मीरी आतंकियों का टेरर कनेक्शन बनाने की कोशिश कर रही है. बलविंदर सिंह हत्याकांड के पीछे भी इनका लिंक था. पंजाब के कई अपराधी और गैंगस्टर्स को इसमें शामिल किया जा रहा है. इनमें ज्ञानी और सुखा नामक गैंगस्टर्स का नाम भी आया है.
DCP कुशवाहा का कहना है कि एक तरफ खालिस्तानी रेडिकल और एक तरफ जम्मू कश्मीर के आतंकी संगठन दोनों एक साथ सामने आए हैं. पंजाब के लड़कों के पीछे सुख बिहारीवाल है. जो गल्फ से ऑपरेट करता है. इन्हें सुख बिहारीवाल के जरिए ही हथियार मिले थे. कश्मीरियों ने जो ड्रग्स बेचे थे, उसका पैसा इन लोगों को दिया गया था, सुख बिहारीवाल के बारे में काम चल रहा है.
पंजाब में आतंकवाद को जिंदा करने की कोशिश के सवाल पर डीसीपी कुशवाहा ने कहा कि बलविंदर जी आतंकवाद के खिलाफ बोला करते थे, उनको इसीलिए मारा गया. उन पर पहले भी कई बार हमले हुए थे. पंजाब का कोई आम आदमी इसमें शामिल नहीं है. ना ही वहां के आम लोग इसमें विश्वास रखते हैं.
खालिस्तानी विचाराधारा को हवा देने के लिए गैंगस्टर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है. पकड़े गए पंजाब के दोनों लड़के अपराधी हैं. इनका आपराधिक इतिहास है. इनके खिलाफ पहले से कई मुकदमे हैं. इन पर आर्म्स एक्ट, फायरिंग, कार चोरी, अपहरण, ड्रग तस्करी जैसे संगीन मामले चल रहे हैं.
इस ऑपरेशन के पीछे सेंट्रल एजेंसी का बड़ा रोल है. उनकी वजह से इन्हें पकड़ा जा सका. काफी समय से यह ऑपरेशन चल रहा था. जानकारी मिली है कि दिल्ली में खास दिशानिर्देश देकर इन्हें भेजा गया था. इनका बड़ा प्लान था. इनके लिए निर्देश आने थे. लेकिन इससे पहले ही इन लोगों को पकड़ लिया गया.
कुशवाहा के अनुसार पूर्वी दिल्ली के शकरपुर में फायरिंग के बाद जिन 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उनके कब्जे से 3 पिस्टल, हेरोइन और एक लाख रुपये बरामद हुए हैं. डीसीपी के मुताबिक ड्रग्स अफगानिस्तान से लाकर भारत में बेची जा रही है और इसके जरिए आने वाला पैसा टेरर फंडिंग के तौर पर काम आ रहा है.