करीब डेढ़ साल तक कानून के लिए छलावा बने दिल्ली के सबसे बड़े गैंगस्टर नीरज बवाना को आखिरकार दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. दरअसल, इस गैंगस्टर की गिरफ्तारी जबरदस्त खुफिया खबर के आधार पर हुई.
पुलिस को खबर थी कि दिल्ली का ये मोस्ट वान्टेड डॉन रात के अंधेरे में अपने घरवालों से मिलने बवाना पहुंच सकता है. और इनपुट इतना सटीक था कि पुलिस के पास बवाना की कार का मेक और यहां तक कि रजिस्ट्रेशन नंबर भी मौजूद था.
'ऑपरेशन बवाना' को ऐसा दिया गया अंजाम
इनपुट के आधार पर आनन-फानन में दिल्ली पुलिस की सबसे एलीट फोर्स यानी स्पेशल सेल 'ऑपरेशन बवाना' को अंजाम देने की तैयारी में लग जाती है. सबसे धाकड़ और माहिर पुलिस अफसरों की एक खास टीम तैयार की जाती है और इस खुफिया खबर के मुताबिक टीम के सुपर कॉप रात के अंधेरे में ही ट्रैप लगाकर इस मोस्ट वान्टेड का इंतजार करने लगते हैं.
करीब 35 मिनट का वक्त गुजर जाता है और फिर पुलिस को वही कार नजर आती है, जिसका वो काफी देर से इंतजार कर रही है. ये कार यहां पहुंच कर रानीखेड़ा-कराला रोड होते हुए करीमुद्दीनगर की ओर मुड़ जाती है. लेकिन चंद मीटर का फासला तय करते ही स्पेशल सेल के तेज तर्रार ऑफिसर कार को घेर लेते हैं. उसे रुकने का इशारा किया जाता है, मगर यहां वही होता है, जैसा अक्सर ऐसे मौकों पर हुआ करता है. कार में बैठे बदमाश अचानक पुलिस पर फायरिंग कर देते हैं और तब पुलिस भी जवाबी कार्रवाई करती है.
\लेकिन थोड़ी ही देर की क्रॉस फायरिंग के बाद वो शख्स दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ चुका होता है, देश की सबसे स्मार्ट पुलिस फोर्स को जिसकी पिछले 18 महीनों से तलाश है. जी हां, ये शख्स है नीरज सहरावत उर्फ नीरज बवाना. दिल्ली का सबसे बड़ा गैंगस्टर.
हाल के दिनों में ये दिल्ली पुलिस की सबसे बड़ी कामयाबियों में से एक है. वजह ये कि नीरज बवाना दिल्ली में छिड़े त्रिकोणीय गैंगवार की वो आख़िरी कड़ी है, जो अब तक सड़कों पर आजाद घूम रहा था. लेकिन अब इस गैंगस्टर की गिरफ्तारी के साथ ही दिल्ली पुलिस राहत की सांस ले सकती है, क्योंकि इस गैंगवार के दो और सिरे यानी नीटू दाबोडिया गैंग का गैंगस्टर पारस उर्फ गोल्डी और राजेश उर्फ करमबीर गैंग का सरगना राजेश पहले से ही सलाखों के पीछे है.