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गया रोडरेज केस: क्या कातिलों को बचा रही है पुलिस? जानिए, जांच की 10 खामियां!

बिहार के गया में सत्ता के नशे में चूर एक सियासी परिवार के बिगड़ैल बेटे ने एक परिवार का इकलौता चराग बुझा दिया, लेकिन अब तो इस अंधेरगर्दी में इंसाफ की उम्मीदों का चराग भी बुझता दिखाई दे रहा है. आदित्य की मां की हर गुहार में बेटे की हत्या का दर्द साफ छलक रहा है, लेकिन साथ ही इस आशंका में कलेजा फटा जा रहा है कि कहीं गया पुलिस उनके बेटे के कातिलों को बचाने में तो नहीं लगी है?

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हत्या का आरोपी रॉकी यादव
हत्या का आरोपी रॉकी यादव

बिहार के गया में सत्ता के नशे में चूर एक सियासी परिवार के बिगड़ैल बेटे ने एक परिवार का इकलौता चराग बुझा दिया, लेकिन अब तो इस अंधेरगर्दी में इंसाफ की उम्मीदों का चराग भी बुझता दिखाई दे रहा है. आदित्य की मां की हर गुहार में बेटे की हत्या का दर्द साफ छलक रहा है, लेकिन साथ ही इस आशंका में कलेजा फटा जा रहा है कि कहीं गया पुलिस उनके बेटे के कातिलों को बचाने में तो नहीं लगी है? इस हत्याकांड में कातिल रॉकी यादव और उसके परिवार को बचाने का पुलिस पर आरोप लगा है. पूर्व आईपीएस अफसर किशोर कुणाल ने इस केस में गया पुलिस पुलिस की निम्नलिखित खामियां बताई हैं, जो सीधे सवाल खड़े करती हैं.

1- मृतक आदित्य के खून से सने कपड़े कत्ल के केस में अहम सबूत हैं. लेकिन ये कपड़े अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस के बाहर फेंके मिले. ऐसे में ये सवाल उठता है कि आखिर आदित्य के खून से सने कपड़े क्यों बरामद नहीं किए गए?
2- कातिल के जिस पिस्टल से गोली चली, उसे एक पुलिस अफसर ने लापरवाही से खुले हाथों से छूआ. आखिर कत्ल में इस्तेमाल पिस्तौल को नंगे हाथों से क्यों छुआ गया?
3- आरोपी हत्यारे रॉकी को गिरफ्तार करके पुलिस ने अपनी पीठ तो थपथपाई, लेकिन उससे पूछताछ के लिए उसने अदालत से रिमांड की मांग क्यों नहीं की?
4- पुलिस ने मनोरमा देवी को भागने का मौका क्यों दे दिया. जब उनके घर से बड़े पैमाने पर अवैध शराब बरामद हुई, तभी भी पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं की?
5- इस हत्याकांड के वक्त आदित्य के शिफ्ट कार में मौजूद उसके तीन दोस्तों की तरफ से एफआईआर क्यों नहीं दर्ज कराई गई?
6- इस वारदात के 54 घंटे के बाद पुलिस ने दावा किया कि उसने गया से बाहर रॉकी को गिरफ्तार किया है. जबकि उसके घर से महज 15 किमी. दूर स्थित उसके किसी फैक्ट्री या ऑफिस पर तलाशी क्यों नहीं ली गई. संभावना है कि घटना के वक्त रॉकी ने शराब पी होगी. क्या पुलिस ने जानबूझकर उसे टाइम दिया ताकि मेडिकल टेस्ट में यह साबित न हो पाए?
7- रॉकी के पिता बिन्दी यादव ने पुलिस से कहा था कि उनके बेटे आत्मरक्षा में गोली चलाई थी. जबकि उसकी मां मनोरमा देवी इससे साफ इंकार करते हुए कहा था कि वह नहीं जानती कि रॉकी कहां है? क्या पुलिस को मनोरमा देवी को गुमराह करने के आरोप में गिरफ्तार नहीं करना चाहिए था?
8- पुलिस गिरफ्त में आने के बाद रॉकी ने कहा था कि वह वारदात के वक्त दिल्ली में था. मां कहने पर उसने सरेंडर किया है. पुलिस ने रॉकी की बात की पुष्टि के लिए उसके टिकट या दिल्ली के ठिकाने की तलाशी क्यों नहीं ली?
9- मौका-ए-वारदात पर मौजूद बॉडीगार्ड राकेश कुमार से पुलिस ने पूछताछ क्यों नहीं की? उससे इतनी जल्दी जेल भेजने की क्या जरूरत थी? उससे इस घटना के बारे में सटीक जानकारी मिल सकती थी?
10- आदित्य के घर वालों को उनके बेटे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी क्यों नहीं दी गई?

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