छत्तीसगढ़ में अभी एक मंत्री का डर्टी सीडी कांड खत्म हुआ नहीं कि मुख्यमंत्री रमन सिंह मंत्रीमंडल के तीन और मंत्रियों की सीडी बाजार में आने की खबर ने राजनीतिक गलियारा गरमा दिया है.
बताया जा रहा है कि यह सीडी बाजार में आ गई है और जल्द ही व्हाट्सअप और दूसरे सोशल साइट्स में वायरल होने वाली है. हालांकि अधिकृत रूप से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सीडी में मौजूद शख्स वाकई कोई मंत्री है या फिर कोई और.
फिलहाल पुलिस डर्टी सीडी के इस दूसरे एपिसोड पर अपनी नजर जमाई हुई है. हालांकि पहली सीडी को लेकर मचा बवाल अभी थमा नहीं है. राज्य भर में मंत्री राजेश मूणत के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्षी दल के कार्यकर्ता सड़कों पर हैं.
तीन और मंत्रियों की सीडी आने की खबर ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है. बताया जा रहा है कि यह तीनों सीडी भी डर्टी है और जिन मंत्रियों का नाम लिया जा रहा, उन तीनों के रंगीन मिजाजी के चर्चे मंत्रालय से लेकर नौकरशाहों के बंगलो तक अक्सर सुर्खियों में रहते हैं.
इन तीनों सीडी को लेकर वसूली की भी चर्चा है. बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने यह सीडी बनाई है, वे मोटी रकम वसलूने की जुगत में हैं.
हालांकि जिस तरह से अभी सीडी बनाने और रखने वालों पर पुलिस ने दबाव बनाया है उसे देख कर विरोधी खेमा इन सीडी को जारी करने को लेकर काफी सतर्क है.
राज्य के PWD मंत्री राजेश मूणत की कथित सेक्स सीडी के बारे में एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि मुंबई के एक होटल की शेयर होल्डिंग और मालिकाना हक दिलाने की मांग को लेकर यह सीडी बाजार में आई.
यह भी बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले एक महिला से बीजेपी के एक रसूखदार शख्स की तू तू मैं मैं हुई थी. वह भी मंत्री जी के बंगले में.
इसके चंद महीने बाद ही यह सीडी सामने आई है. सीडी बनाने का मकसद मंत्री जी को ब्लैकमेल करना था या फिर संपत्ति में हिस्सेदारी, यह जांच का विषय है.कांग्रेस के मुताबिक 14 साल के राज काज में मंत्री राजेश मूणत ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है. इसी संपत्ति के बंटवारे को लेकर सीडी धारकों ने राजेश मूणत को घेरने की कोशिश की है.
बताया जाता है कि इस सीडी को लेकर सौदा भी अंतिम चरण में था. इस बात से पुलिस भी वाकिफ थी.
अगर सीडी जारी हो जाती तो राज्य की बीजेपी सरकार पर बदनामी का दाग लगना लाजमी था, इसलिए अज्ञात आरोपी के खिलाफ 26 अक्टूबर की शाम FIR दर्ज होने के कई घंटो पहले छत्तीसगढ़ पुलिस दिल्ली रवाना हो चुकी थी.
साफ है कि डर्टी सीडी को खपाने के लिए पहले से ही जोर आजमाइश चल रही थी. वरना पुलिस आनन फानन में ना तो दिल्ली जाती और ना ही मामले को तूल पकड़ने के बाद सीबीआई को सौंपा जाता.
सीबीआई छत्तीसगढ़ पुलिस से कब इस मामले को अपने सुपुर्द लेगी, यह तय नहीं है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस हफ्ते के आखरी तक सीबीआई इस प्रकरण में दाखिल होगी.
उसके पहले ही छत्तीसगढ़ पुलिस डर्टी सीडी कांड को तेजी से अंजाम तक पहुंचाने में जुटी है. इस सिलसिले में उसने आधा दर्जन और लोगों को अपनी हिरासत में लिया है.
ये लोग भिलाई और दुर्ग जिले से पुलिस के हत्थे चढ़े हैं. इस मामले को सीबीआई को सौंपने के बावजूद आखिर क्यों छत्तीसगढ़ पुलिस इतनी दिलचस्पी दिखा रही है, यह लोगों के गले नहीं उतर रहा है.
कांग्रेस का आरोप है कि डर्टी सीडी असली है, तभी तो पुलिस आनन फानन में दिल्ली पहुंची और मंत्री जी भी तत्काल सफाई देने कैमरे के सामने आ गए.
उसके मुताबिक फेस सेविंग और मंत्री को पाक साफ साबित करने के लिए एक नकली सीडी बीजेपी ने जारी किया और पहली सीडी से उसका मिलान कर लोगों के बीच यह जोर शोर से तर्क दिया गया कि किसी ने साजिश के तहत किसी दूसरे व्यक्ति के चहरे पर मंत्री मूणत का चेहरा चस्पा कर दिया और डर्टी सीडी वायरल की.
फिलहाल पत्रकार विनोद वर्मा की तरफ से अदालत में पेश की गई दफा 156 (3) की अर्जी पुलिस के लिए सिर दर्द बन गई है. अदालत में पत्रकार वर्मा की ओर से कहा गया कि पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है. बल्कि उसने उन्हें फंसाने के लिए साजिश रची है.
जज ने 31 अक्टूबर को पुलिस रिमांड खत्म होने के दौरान भरी अदालत में पुलिस से पूछा था कि उसके पास विनोद वर्मा के खिलाफ कोई ठोस सबूत है. इस पर पुलिस की सांसे फूल गईं और उसने सबूत पेश करने के लिए 13 नवंबर तक का समय मांगा.
बहरहाल असली और नकली सीडी के बीच की असलियत और सीडी का सच सामने लाने के साथ-साथ इसे बनाने के मकसद का खुलासा भी सीबीआई के समक्ष बड़ी चुनौती है.