मॉडल दिव्या पाहुजा मर्डर केस की जांच कर रही गुरुग्राम पुलिस वारदात के सात दिन बाद भी खाली हाथ है. पुलिस न तो हिरासत में मौजूद आरोपियों के मुंह खुलवा पाई है, न ही दिव्या की डेड बॉडी बरामद कर पाई है. ऐसे में दिव्या के परिजनों ने पुलिस जांच पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. इसके साथ ही मृतिका की छोटी ने इस केस की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. पुलिस का कहना है कि शव को बीएमडब्ल्यू कार से ठिकाने लगाने वाले मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह के सहयोगी बलराज गिल और रवि बांगा की तलाश की जा रही है. इसके लिए पुलिस की टीम हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं.
इस केस के मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह ने हिरासत में पूछताछ के दौरान क्या खुलासा किया है, गुरुग्राम पुलिस के पास इस सवाल कोई जवाब नहीं है. हत्या के सात दिन बाद भी गुरुग्राम पुलिस की क्राइम ब्रांच दिव्या के शव को बरामद नही कर पाई है. दिल्ली, हरियाणा, राजिस्थान और पंजाब के नदी-नालों की खाक छान रही है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नही मिल सकी है. एसीपी क्राइम वरुण दहिया की माने तो दिव्या की हत्या में शामिल तीन लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. इस मामले में मेघा नाम की एक युवती को भी गिरफ्तार किया गया है, जो अभिजीत की गर्लफ्रेंड बताई जा रही है. वारदात के बाद आरोपी ने उसे फोन कर बुलाया था.
दूसरी तरफ दिव्या पाहुजा की छोटी बहन ने गुरुग्राम पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें जब सेवा, सुरक्षा और सहयोग की सर्वाधिक जरूरत थी तो न तो पुलिसिया सेवा मिली न सुरक्षा और सहयोग मिला. उन्होंने बताया कि दिव्या से उनकी आखरी बातचीत 2 जनवरी दोपहर 12 बजे हुई थी. उस वक्त दिव्या ने कहा की वो बस आधे घंटे में घर लौट रही है, लेकिन जब शाम 6 बजे तक नहीं आई तो उनको शक हुआ. अनहोनी का डर भी लगा. क्योंकि दिव्या कभी अपने फोन से दूर नहीं रहती थी. उन दोनों के बीच हर आधे या 1 घंटे में बातचीत हो जाती थी. लेकिन उस दिन कई घंटों तक उनका मोबाइल बंद रहा था.
दिव्या के परिजनों ने लगाया पुलिस पर लापरवाही का आरोप
दिव्या पाहुजा की बहन ने पुलिसिया रवैये के बारे में खुलासा करते हुए कहा, "मैं जब अपनी बहन के लिए गुरुग्राम सेक्टर 14 थाने पहुंची तो वहां बैठे पुलिस अधिकारियों ने कहा सुबह आना अभी बहुत रात हो चुकी है. तुम शिकायत दे दो. तफ्तीश सुबह 10 बजे से शुरू करेंगे". इसके बाद दिव्या की बहन ने अपनी मां को थाने में बुलाया. इसके बाद थाने में बैठे पुलिसकर्मियों ने उनकी बात ड्यूटी अधिकारी से करवाई. उन्होंने भी कहा कि कल सुबह आना, अगले दिन से ही हम इस मामले में की जांच करेंगे. पुलिस की इस हरकत से मां और बेटी परेशान हो गए. उन्होंने नहीं समझ आ रहा था कि आगे क्या करें. इसी बीच दिव्या के मौत की खबर आ गई.
ऐप के जरिए परिजनों से कनेक्ट रहती थी दिव्या पाहुजा
मुंबई में हुए संदीप गाड़ौली के एनकाउंटर केस के बाद दिव्या पाहुजा 25 जुलाई 2023 को जमानत पर जेल से रिहा हुई थी. उसकी जान को खतरा था. इस वजह से वो अपनी बहन और मां से लाइव लोकेशन के जरिए जुड़ी रहती थी. 2 जनवरी की दोपहर 12 बजे परिजनों की दिव्या से आखिरी बार बात हुई थी. इसके बाद शाम जब 6 बजे तक जब उसकी कोई कॉल या मैसेज नहीं आया तो उन्होंने उसकी लोकेशन चेक किया, जो कि साउथ एक्स दिल्ली में था. एक दूसरे फोन की लोकेशन अभिजीत सिंह के होटल द सिटी प्वाइंट के पास थी. दिव्या की बहन ने अभिजीत को कॉल किया तो उसने गुमराह करते हुए कहा कि वो उसके थी, लेकिन 11.30 बजे घर के लिए निकल गई.
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होटल के मैनेजर ने सीसीटीवी दिखाने से किया था इंकार
इसके बाद परेशान होकर बहन करीब 7.30 बजे दिल्ली के साउथ एक्स स्थित अभिजीत सिंह के घर पहुंची, जहां बलराज गिल पहले से मौजूद था. उसने ही दिव्या का सैमसंग का मोबाइल उसे सौंपा था, जिसे गुरुग्राम पुलिस को दे दिया गया है. बहन की माने तो दिव्या न तो ब्लैकमेलर थी और न ही उसके फोन से कोई अश्लील वीडियो बरामद हुआ. इसके बाद वो साउथ एक्स से गुरुग्राम स्थित होटल द सिटी प्वाइंट पहुंची. वहां केयर टेकर अनूप से सीसीटीवी दिखाने की जिद करने लगी, लेकिन वो दिखाने को तैयार नहीं हुआ. ज्यादा जिद्द करने पर पुलिस बुलाने की धमकी देने लगा. इसी बीच अभिजीत भी वहां पहुंच गया. उसने दिव्या का पैन और अधार कार्ड दिया.
होटल के कमरे में नशे में धुत मिला हत्यारोपी अभिजीत
दिव्या की बहन ने कहा, "यदि पुलिस ने सही समय पर हमारी मदद की होती तो मेरी बहन का शव होटल के कमरे से ही बरामद हो सकता था. पुलिस ने चक्कर कटवाने से ज्यादा केस की तफ़्तीश में समय लगाया होता तो शव के साथ आईफोन भी बरामद हो जाता और इस वारदात में शामिल लोग भी उसी वक्त गिरफ्तार हो जाते. रात के 1.30 बजे जब मैं होटल पहुंची तो सभी लाइट्स बंद थी. कमरा नंबर 114 में हत्यारोपी अभिजीत नशे में धुत होकर सोया हुआ था. उसी कमरे से दिव्या का ब्लेजर, चप्पल और कुछ सामान बरामद हुआ था. इसकी सूचना पुलिस के देने के बावजूद कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. बाद में सीसीटीवी के जरिए ही केस का पर्दाफाश हुआ था.''
गुरुग्राम पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान
दिव्या मर्डर केस में पुलिसकर्मियों द्वारा लापरवाही बरते जाने के आरोप पर एसीपी क्राइम वरुण दहिया का कहना है कि दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. हालांकि पुलिस के आला अधिकारी यह मानने को तैयार नहीं है कि कोई लापरवाही बरती गई है. इस वारदात के एक हफ्ते से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है. इस पर एसीपी क्राइम का कहना है कि पुलिस जांच में लगी हुई है. बहुत जल्द ही मृतिका के शव को बरामद कर लिया जाएगा. इस हत्याकांड के बाद भले ही पुलिस 4 लोगों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन शव को बरामद नहीं हो पाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है.