दिल्ली के खजूरी ख़ास इलाके से 2006 में 12 साल की मासूम बच्ची का अपहरण किए जाने के मामले में पुलिस ने दस साल बाद 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं. पीड़िता ने जब आपबीती सुनाई तो पुलिसवाले भी हैरान रह गए. पीडिता को कई बार बेचा गया और सैंकड़ों बार उसके साथ बलात्कार हुआ.
बस अड्डे से हुआ था लड़की का अपहरण
पुलिस के मुताबिक 2006 में ISBT बस अड्डे से 12 वर्षीय बच्ची को रंजू नामक एक महिला और उसके पति श्याम सुंदर ने किडनैप कर लिया था. उसके बाद इन दोनों ने बच्ची को अंबाला में 12 हजार रुपये में बबली नामक एक दूसरी महिला को बेच दिया था. बबली ने आगे 32 हजार रुपये में बच्ची को प्रताप नाम के एक शख्स को बेच दिया था.
जबरन कराई गई शादी
प्रताप ने जबरन बच्ची की शादी अपने बेटे जगशीर से करा दी थी. उसके बाद जगशीर अपने दो साथियों के साथ उस लड़की पर लगातार अत्याचार करता रहा. कुछ दिनों बाद जगशीर उसे लेकर गुजरात चला गया. वहां उसके साथ मारपीट की गई. उसे सिगरेट से जलाया गया. फिर वहीं गुजरात में जगशीर के एक रिश्तेदार ने लड़की के साथ बलात्कार किया.
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3 साल गुजरात में सहा अत्याचार
तीन साल तक वो लड़की गुजरात में यातना सहती रही. 2009 में लड़की को जगशीर ने मक्खन सिंह नामक एक अराधी को बेचा दिया. मक्खन सिंह ने उसकी शादी एक शख्स से करवा दी. जिससे लड़की के दो बच्चे भी हो हुए. मगर उसके पति के बड़े भाई ने भी लड़की को कई बार अपनी हवस का शिकार बनाया.
नौ बार बेची गई लड़की
पुलिस के मुताबिक पीड़ित को 9 बार बेचा गया. और दर्जनों बार उसका रेप किया गया. लेकिन उसके बाद जब पुलिस ने मामले की छानबीन करते हुए जांच पड़ताल को तो सारे आरोपी धरे गए. पुलिस ने इस मामले में लड़कियों को किडनैप कर बेचने वाले बबली और रंजू को गिरफ्तार किया. इसके अलावा प्रताप, जगशीर, मक्खन, श्याम सुंदर, स्वरुप चंद, और वीरेंदर को पुलिस ने धरदबोचा.
गैंग के कब्जे से दो लड़कियां बरामद
पुलिस ने इस गैंग के कब्जे से जौनपुर से किडनैप की गई एक नाबालिग लड़की और बिहार से किडनैप की गई एक 26 साल की युवती भी बरामद किया है. उस गैंग का खुलासा तब हुआ जब पीड़ित लड़की किसी तरह से भागकर अपने घर वापस खजूरी खास लौट आई. उसने पुलिस को बताया कि ये गैंग लड़कियों को अपहरण करके उन्हें हरियाणा और पंजाब में ले जाकर बेचता था.